Ganesh Jayanti 2022 : आज है गणेश जयंती, जानें व्रत की कथा और पूजा मुहूर्त
Ganesh Jayanti 2022 : आज गणेश जयंती का पर्व है, बसंत पंचमी से पूर्व इस पर्व का विशेष महत्व बताया गया है. इस पर्व के बारे में आइए जानते हैं.
![Ganesh Jayanti 2022 : आज है गणेश जयंती, जानें व्रत की कथा और पूजा मुहूर्त Ganesh Jayanti 2022 before Basant Panchami 2022 Today is Ganesh Jayanti know the story of fasting and method of worship Ganesh Jayanti 2022 : आज है गणेश जयंती, जानें व्रत की कथा और पूजा मुहूर्त](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/02/04/5f01f619538df59b86c804d238133081_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Ganesh Jayanti 2022: पंचांग के अनुसार 4 फरवरी 2022, शुक्रवार को माघ मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की तिथि है. शास्त्रों में इस तिथि को गणेश जी की पूजा के लिए उत्तम माना गया है. बसंत पंचमी का पर्व 5 फरवरी को है. बसंत पंचमी से पूर्व इस पर्व का पर्व विशेष धार्मिक महत्व बताया गया है.
शुक्रवार को गणेश जी और लक्ष्मी जी की पूजा का बना है विशेष संयोग
शुक्रवार का दिन लक्ष्मी जी को समर्पित माना गया है. इस दिन पूजा करने से लक्ष्मी जी विशेष प्रसन्न होती हैं. शुक्रवार के दिन गणेश जयंती पड़ने के कारण इस दिन लक्ष्मी जी और गणेश जी की पूजा का विशेष संयोग बना हुआ है.
गणेश जयंती पूजा मुहूर्त
पंचांग के अनुसार 4 फरवरी को चतुर्थी की तिथि प्रात: काल 4 बजकर 38 मिनट पर शुरु होकर अगले दिन यानी 5 फरवरी को देर रात 3 बजकर 47 मिनट तक रहेगी. गणेश चतुर्थी का व्रत 4 फरवरी को रखा जाएगा.
गणेश जयंती व्रत कथा
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती स्नान करने के लिए जा रही थीं. मां पार्वती ने अपने उबटन से एक बालक का पुतला बनाया और उसमें प्राण प्रतिष्ठा की. इस बालक का नाम माता पार्वती ने गणेश रखा था. जब बालक के पुतले में जान आ गई तो माता पार्वती ने गणेश जी को द्वार पर पहरा देने का आदेश दिया और वह स्नान करने के लिए चली गईं. तभी भगवान शिव वापस आ गए और माता पार्वती से मिलने चले गए. लेकिन द्वार पर गणेश जी ने उन्हें रोक दिया, जिससे भगवान शिव क्रोधित हो गए. भगवान शिव के कहने पर भी गणेश जी उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. जिसके बाद भगवान शिव ने क्रोध में आकर गणेश जी का सिर धड़ से अलग कर दिया. जिसके बाद वह अंदर चले गए. भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया कि एक बालक उन्हें अंदर नहीं आने दे रहा था जिसकी वजह से उन्होंने उसका सिर धड़ से अलग कर दिया. यह सुनकर माता पार्वती रोने लग गईं जिसके बाद भगवान शिव ने गणेश जी के धड़ को हाथी के मस्तक से जोड़ दिया. इस वजह से गणेश जी को दोबारा जीवन मिला था.
यह भी पढ़ें:
Budh Margi 2022 : कल बुध वक्री से हो रहे हैं 'मार्गी', इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत, जानें राशिफल
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)