Ganesh Jayanti 2022: हर माह में आने वाली चतुर्थी तिथि भगवान गणेश (Lord Ganesh) जी को समर्पित होती है. माघ माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जंयती (Ganesh Jayanti 2022) के रूप में मनाया जाता है. मान्यता है कि आज के दिन गणेश जी का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन सच्चे मन से पूजा करने और व्रत आदि रखने पर गणेश जी प्रसन्न होकर भक्तों के दुख दूर करते हैं.


धार्मिक मान्यता है कि गणेश जी महज दूर्वा घाय या फिर एक सुपारी चढ़ाने भर से ही प्रसन्न हो जाते हैं. और उन्हें मनचाहा वरदान देते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं घर में कितने और कैसे गणपति रखने चाहिए? नहीं, तो चलिए जानते हैं घर में कौन से गणपति रखने पर क्या फल मिलता है. 


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मंदिर में गणेश जी की कितनी मूर्ति हो?


घर के मंदिर में गणेश जी की मूर्ति रखना बेहद शुभ माना गया है. लेकिन इन्हें रखने से पहले कुछ जरूरी नियमों बताए गए हैं. ऐसा माना जाता है कि गणेश जी की मूर्ति घर में विषम संख्या जैसे 3,5,7 या 9 आदि में नहीं होनी चाहिए. इसकी जगह आप गणपति की 2,4,6 आदि मूर्ति रख सकते हैं. आप घर में सुपारी को गणेश जी बनाकर भी उनकी पूजा कर सकते हैं. 


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घर में किस गणपति की पूजा करना उत्तम


हर कोई अपनी आस्था और मनोकामना के आधार पर ही गणपति के स्वरूप की पूजा करता है. लेकिन घर में गणपति विराजमान करते समय ध्यान रखें कि कभी भी खड़े हुए गणपति न रखें. घर में हमेशा बैठे हुए गणपति की पूजा शुभ मानी जाती है. इसी प्रकार अलग-अलग मनोकामना के लिए अलग-अलग गणपति की पूजा करने का विधान है. 


श्वेतार्क गणपति- आक के पौधे की जड़ से बने श्वेतार्क गणपति की पूजा करने से किसी भी प्रकार के टोने-टोटके, नजर आदि दोष का भय नहीं खत्म हो जाता है. 


पारद के गणेश- पारद से बने गणेश जी की पूजा भी अत्यंत शुभ मानी गई है. मान्यता है कि पारद गणेश की पूजा करने से जीवन में सुखों की प्राप्ति होती है. और जीवन में कभी किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती.


चांदी के गणपति- शास्त्रों के अनुसार चांदी से बने गणपति की प्रतिमा की पूजा करने से धन-धान्य और सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है और साधक को जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती. 


चंदन के गणपति- चंदन के गणपति पूजने से साधक के घर में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है. साथ ही व्यक्ति का मन निर्मल और पवित्र बनता है. 


मूंगे के गणपति- मान्यता है कि सिंदूरी मूंगे से बने गणेश जी की पूजा से ​ज्ञात-अज्ञात शत्रुओं का भय दूर होता है. साथ ही, साधक गणपति की कृपा से निर्भय होकर सुखी जीवन जीता है.


पन्ना के गणेश- पन्ना रत्न से बने गणपति की साधना से बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है. वहीं, परीक्षा और प्रतियोगिता में सफलता मिलती है. सुखों की प्राप्ति होती है.


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