Ganesh Puja: भगवान गणेश जी की महिमा वेद और शास्त्रों में बताई गई है. गणेश जी की पूजा सभी देवों में सर्वप्रथम की जाती है. गणेश जी ऐसे देव है जो भक्त की थोड़ी सी ही पूजा से प्रसन्न हो जाते हैं.


बुधवार को गणेश जी की पूजा करने से बुध से संबंधित दोष दूर होते हैं. व्यक्ति के जीवन में जब बुध अशुभ फल देते हैं तो व्यक्ति को कोई रोग घेर लेता है. व्यापर में हानि होने लगती है विधार्थियों को मन पढ़ाई में नहीं लगता है. बुध का संबंध की त्वचा से भी होता है. जब बुध खराब होने लगते हैं तो व्यक्ति की सुंदरता और उसकी त्वचा में भी अंतर आने लगता है.


गणेश जी की पूजा


बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. फिर साफ वस्त्र पहनकर पूजन आरंभ करने की क्रिया करें. पूजा स्थान को सर्वप्रथम शुद्ध करें. इसके बाद संकल्प लें. संकल्प करने से पहले हाथों में जल, फूल व चावल लें. सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें और हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें.


इस मंत्र को पढ़ें
ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्था गतो२पि वा ’
या स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाह्रामायंतर: शुचि: ’’


भोग लगाएं
इसके बाद गणेश जी की प्रिय वस्तुओं का भोग लगाएं. तिलक करें और अगरबत्ती व धूपबत्ती जलाएं.


गणेश मंत्र
ॐ सुमुखश्चैकदन्तश्च कपिलो गजकर्णक:.
लम्बोदरश्च विकटो विघ्ननाशो विनायक:.
धूम्रकेतुर्गणाध्यक्षो भालचन्द्रो गजानन:.
द्वादशैतानि नामानि य: पठेच्छृणुयादपि.
विद्यारम्भे विवाहे च प्रवेशे निर्गमे तथा.
संग्रामे संकटे चैव विघ्नस्तस्य न जायते.


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