Ganesh ji Puja Rules, Mistakes: बुधवार यानी गणेश जी का वार. हर मंगल कार्य से पहले हम गणेश जी की आराधना करते हैं. गणपति देव की पूजा अर्चना से बड़े से बड़ा संकट भी टल जाता है. गणेशजी को विघ्नकर्ता और विघ्नहर्ता दोनों कहा जाता है. गणपति के नाराज होने पर आपको समस्याओं का सामना भी करना पड़ सकता है.इसलिए जरूरी है कि विघ्नहर्ता की पूजा में इन बातों का जरुर ध्यान रखें.आइए जानते गणेश जी की पूजा में क्या वस्तुएं वर्जित हैं.


टूटे हुए अक्षत
अक्षत यानी चावल को खुशी और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. गणपति जी की पूजा में उन्हें अक्षत अर्पित करने से घर की तमाम बाधाएं दूर हो जाती है, मगर ध्यान रहे कि आप उन्हें टूटे हुए और सूखे अक्षत न चढ़ाएं. पूजा में भगवान गणेश को चावल को थोड़ा गीला करके अर्पित करें.


तुलसी का प्रयोग न करें
भोलेनाथ की तरह गणेश जी की पूजा में तुलसी को वर्जित माना जाता है.पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश जी ने तुलसी को श्राप दिया था. इसलिए भूलकर भी गणेश जी को तुलसी अर्पित न करें.


केतकी के फूल न चढ़ाएं
भगवान गणेश को लाल फूल पंसद है. गणेश जी ऊर्जा और उत्साह के प्रतीक माने गए हैं इसलिए इनकी पूजा में लाल फूल और सिंदूर का प्रयोग किया जाता है. ध्यान रहे कि पूजा में सफेद फूल या केतकी का फूल भगवान को अर्पित न करें. भगवान शिव की तरह ही गणेश जी को केतकी के फूल नपसंद थे.


सूखे फूल न अर्पित करें
पूजा में सूखे और बासी फूल का प्रयोग करने अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से परिवार में दरिद्रता का वास हो सकता है. गणेश जी को भी पूजा में ताजे फूल अर्पित करें.  


सफेद रंग का प्रयोग न करें
पौराणिक कथा के अनुसार गणेशजी को देखकर चन्द्रमा ने उनका उपहास किया था. इससे गणेश जी ने क्रोधित होकर चंद्रमा को शाप दिया दे दिया था. जिस तरह सफेद पुष्प का संबंध चन्द्रमा से होने के कारण गणेशजी को नहीं चढ़ाया जाता उसी तरह विघ्नहर्ता की पूजा में सफेद वस्त्र, सफेद जनेऊ और सफेद चंदन का प्रयोग भी वर्जित माना गया है.


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