Ganesh Visarjan Puja Vidhi: जितनी खुशी के साथ गणेश चतुर्थी (ganesh chaturthi) पर बप्पा की स्थापना (bappa sthapna) की जाती है, उतनी ही खुशी और हर्षोल्लास के साथ बप्पा का विसर्जन (bappa visarjan) भी किया जाता है. भले ही वे पल थोड़ा भावुक करने वाला होता, लेकिन रंग-गुलाल उड़ाते हुए, नाचते गाते बप्पा को विसर्जित किया जाता है और बप्पा को कहते हैं कि अगले बरस फिर आना. कहते हैं विघ्नहर्ता गणेश (vighanharta ganesh) भक्तों के सारे संकट हर लेते हैं और उन्हें जीवन में सुख-शांति और समृद्धि देते हैं. भाद्रपद मास (bhadrapad month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी (shukla paksha chaturthi) पर गणपति की स्थापना (ganpati sthapna) की गई थी और अन्नत चौदस के दिन गणपति का विसर्जन (ganpati visarjan) किया जाएगा. 


गणपति विसर्जन में अभी दो दिन बाकी हैं, लेकिन भक्त अभी से बप्पा को विदा करने का सोच कर भावुक हो रहे हैं. बप्पा को जैसे शुभ मुहूर्त में स्थापित किया जाता है, वैसे ही शुभ मुहूर्त के अनुसार विदा किया जाता है. इस साल गणेश विसर्जन 19 सितंबर (ganesh visarjan on 19th september) को होगा. बप्पा का विसर्जन पानी में किया जाता है. फिर चाहे वे कोई नदी या तालाब हो या फिर घर में किसी कुंड आदि में भी कर सकते हैं. पंचाग के मुताबिक गणपति विसर्जन के 5 शुभ मुहूर्त हैं. इस बार गणपति विसर्जन रविवार को है और धृति योग बन रहा है. इसके अलावा दिशा शूल पश्चिम में रहेगा. 


गणेश विसर्जन शुभ मुहूर्त (ganesh visarjan shubh muhurat)


ज्योतिषियों का कहना है कि अगर गणेश विसर्जन भी शुभ मुहूर्त के अनुसार किया जाए तो शुभ होता है. इस बार गणेश विसर्जन का शुभ मुहूर्त सुबह 09:11 से दोपहर 12:21 बजे तक है. इसके बाद दोपहर 01:56 से 03:32 तक शुभ मुहूर्त में आप गणपति जी का विसर्जन कर सकते हैं. वहीं, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:50 से 12:39 तक रहेगा. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:35 से 05:23 तक और अमृत काल रात 08:14 से 09:50 तक है. ध्यान रहे इस दिन शाम 04:30 से 6 बजे तक राहुकाल रहेगा. इस दौरान विसर्जन भूलकर भी न करें.   


गणेश विसर्जन की पूजा विधि (ganesh visarjan puja vidhi)
गणपति विसर्जन से पहले ध्यान रखें कि बप्पा को नए वस्त्र पहनाएं. पूजा के दौरान एक रेशमी कपड़े में मोदक, पैसा, दूर्वा घास और सुपारी बांधकर उस पोटली को बप्पा के साथ में रख दें. इसके बाद गणपति की आरती करें और उनसे आपके द्वारा की गई गलतियों की क्षमा मांगे. इसके बाद बप्पा को मान-सम्मान के साथ पानी में विसर्जित करें. 


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