Ganesh Visarjan 2024: 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी पर देशभर में बप्पा की स्थापना हुई थी. इस दिन से दस दिवसीय गणेश उत्सव शुरू होता. अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन बप्पा को विदाई दी जाती है,गणपति मूर्ति (ganpati) का विसर्जन होता है. हालांकि लोग मान्यता अनुसार गणेश विसर्जन डेढ़, तीन, पांच या सांतवें दिन भी करते हैं.


ऐसे में पंचांग के अनुसार 5वें या 7वें दिन गणेश जी का विसर्जन मुहूर्त यहां जानें, क्योंकि जिस तरह गणपति स्थापना मुहूर्त में की जाती है उसी तरह विसर्जन भी शुभ समय देखकर ही करना चाहिए, इससे बप्पा की पूजा का संपूर्ण फल मिलता है. शुभ कार्य संपन्न होता है.


5वें दिन गणेश विसर्जन मुहूर्त 2024 (Ganesh Visarjan 2024 Day 5)



  • प्रातः मुहूर्त (शुभ) - सुबह 10:44 - दोपहर 12:17

  • अपराह्न मुहूर्त (चर, लाभ) - दोपहर 03:24 - शाम 06:31

  • सायाह्न मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - रात 07:57 - प्रात: 00:18, सितम्बर 12

  • उषाकाल मुहूर्त (लाभ) - सुबह 03:11 - सुबह 04:38, सितम्बर 12


7वें दिन गणेश विसर्जन मुहूर्त 2024 (Ganesh Visarjan 2024 Day 7)



  • प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - सुबह 06:05 - सुबह 10:44

  • अपराह्न मुहूर्त (चर) - शाम 04:55 - शाम 06:28

  • अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 12:17 - दोपहर 01:50

  • रात्रि मुहूर्त (लाभ) - रात 09:23 - रात 10:50

  • रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - प्रात: 12:17 - सुबह 04:38, सितम्बर 14


अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन मुहूर्त (Ganesh Visarjan on Anant Chaturdashi)



  • प्रातः मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) - सुबह 09:11 - दोपहर 01:47

  • अपराह्न मुहूर्त (शुभ) - दोपहर 03:19 - शाम 04:51

  • सायाह्न मुहूर्त (लाभ) - रात 07:51 - रात 09:19

  • रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर) - रात 10:47 - सुबह 03:12, सितम्बर 18


गणेश विसर्जन की विधि (Ganesh Visarjan Vidhi)



  • गणेश विसर्जन वाले दिन बप्पा पूजा में उनकी पसंदीदा वस्तु जैसे दूर्वा, मोदक, लड्‌डू, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, हल्दी, नारियल, फूल, इत्र, फल, अर्पित करें. पूजा के समय  ॐ श्री विघ्नराजाय नमः। मंत्र का जाप करें.

  • घर या पंडाल जहां गणपति स्थापित किए हो वहां आरती और हवन करें. अब एक पाट पर गंगाजल छिड़कें. उसपर स्वास्तिक बनाकर लाल कपड़ा बिछाएं.

  • गणपति प्रतिमा और उन्हें अर्पित की सभी सामग्री पाट पर रखें और फिर ढोल, नगाड़ों के साथ झूमते, गाते, गुलाल उड़ाते हुए विसर्जन के लिए निकलेंनदी, तालाब के तप पर विसर्जन से पूर्व दोबारा गणेश जी की कपूर से आरती करें. जाने-अनजाने में हुई गलती की माफी मांगे. अगले साल आने की कामना करें.

  • ॐ गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थाने परमेश्वर। यत्र ब्रह्मादयो देवाः, तत्र गच्छ हुताशन इस मंत्र का जाप करते हुए मूर्ति को धीरे-धीरे जल में प्रवाहित करें.


Pitru Paksha 2024 Start Date: पितृ पक्ष का पहला श्राद्ध 17 या 18 सितंबर कब ? सभी तिथियां यहां जानें


Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.