(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Garud Puran: मृत्यु के समय व्यक्ति के पास यदि होंगी ये 4 चीजें, तो यमराज से नहीं मिलेगा दंड
Garud Puran: गरुड़ पुराण ऐसा ग्रंथ है जिसमें मनुष्य के मृत्यु-जीवन से जुड़ी बातें बताई गई हैं. इसमें बताया गया है कि मृत्यु से पहले व्यक्ति के पास किन चीजों को रखने से उसे यमराज से दंड नहीं मिलता.
Garud Puran: हम अक्सर ये सुनते हैं कि व्यक्ति जैसा कर्म करता है उसे वैसे ही फल की प्राप्ति होती है. बुरे कर्म करने पर व्यक्ति को अपना कर्मफल जरूर भोगना पड़ता है. सिर्फ जीवनकाल में ही नहीं बल्कि मृत्यु पश्चात भी व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार ही फल प्राप्त होता है. इसका जिक्र गरुड़ पुराण में भी किया गया है. गरुड़ पुराण सनातन हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है जिसमें जीवन-मृत्यु और स्वर्ग-नरक के बारे में बताया गया है. इसमें बताया गया है कि मृत व्यक्ति को भी उसके कर्म के अनुसार स्वर्ग या नरक की प्राप्ति होती है. इसलिए घर पर मृत परिजन के लिए पूरे 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ कराने का विधान है, जिससे मृत व्यक्ति के आत्मा को सद्गति मिल सके.
गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद जीवात्मा के साथ क्या होगा. यह व्यक्ति के कर्म पर निर्भर करता है. लेकिन यदि मृत व्यक्ति या मृत्यु का आभास होते ही व्यक्ति के पास कुछ चीजों को रख दिया जाए तो इससे यमराज उसके पापकर्मों को माफ कर देते हैं और दंड़ नहीं देते. जानते हैं कौन सी हैं वो चीजें.
गंगाजल
शास्त्रों में गंगाजल को मोक्ष दिलाने के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. व्यक्ति के प्राण त्यागने से पहले यदि मुंह में गंगाजल डाल दिया जाए तो इससे शरीर पवित्र हो जाता है. इससे मृत्यु पश्चात व्यक्ति को यमलोक में दंड नहीं भोगना पड़ता है.
तुलसी
मृत्यु होने से पहले व्यक्ति के मुंह में तुलसी के पत्ते रखे जाते हैं. हिंदू धर्म में तुलसी को पवित्र और पूजनीय भी माना गया है. मरने से पहले गंगाजल में तुलसी मिलाकर व्यक्ति के मुख में दिया जाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार मरने वाले व्यक्ति के सिर के पास तुलसी का पौधा या पत्तियां रखने से व्यक्ति को प्राण का त्याग करने में आसानी होती है.
श्रीमद्भगवद्गीता ग्रंथ
व्यक्ति की मृत्यु हो गई हो या ऐसा आभास हो जाए कि व्यक्ति प्राण त्यागने वाला है तो उसके समक्ष श्रीमद्भगवद्गीता या कोई भी धार्मिक ग्रंथ रखना चाहिए या इसका पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से उसे मृत्यु पश्चात यमराज के दंड से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष को प्राप्त करता है.
ईश्वर का लें नाम
प्राण त्यागने से पहले यदि प्रभु का नाम लिया जाए या मात्र स्मरण कर लेने भर से व्यक्ति को मृत्यु के बाद यमराज के दंड का सामना नहीं करना पड़ता और उसे ईश्वर के चरणों में स्थान प्राप्त होता है.
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