Garuda Purana, Lord Vishnu Niti Granth: मृत्यु सत्य है, इस बात को सभी जानते हैं. लेकिन मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है, इसे लेकर दुनियाभर में कई तरह की मान्यताएं हैं. लेकिन सनातन हिंदू धर्म के ग्रंथ गरुड़ पुराण में मृत्यु के बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है. यह हिंदू धर्म व वैष्णव संप्रदाय का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है, जिसमें मृत्यु, पाप-पुण्य और स्वर्ग-नरक का लेखा-जोखा मिलता है.


मृत्यु पश्चात जीवात्मा का क्या होता है और वह कहां जाती है, इसके बारे में हमें कुछ नहीं मालूम होता है. लेकिन जो मृत्यु के बाद पीछे छूट गया हो, उसका क्या होगा. यानी मृतक से जुड़ी चीजों का उसकी मृत्यु के बाद क्या होगा. इसे लेकर भी हिंदू समाज में कई तरह की धारणाएं हैं.


आमतौर पर लोग परिजन की मृत्यु के बाद उनकी चीजों को याद या फिर निशानी के तौर पर इस्तेमाल करते हैं, तो वहीं कुछ लोग मृतक से जुड़े सामानों को नष्ट कर देते हैं. गरुड़ पुराण में मृत व्यक्ति से जुड़े कुछ चीजों के बारे में बताया गया है, जिसका इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए. इससे जीवात्मा आकर्षित हो सकती है और नकारात्मकता फैल सकती है.


मृतक की इन वस्तुओं का भूलकर भी न करें इस्तेमाल



  • जेवर या गहने: कहा जाता है कि, किसी भी व्यक्ति को अपने गहनों से बहुत अधिक लगाव होता है. यह बात मृतक व्यक्ति की आत्मा पर भी लागू होती है. गरुड़ पुराण के अनुसार, जिस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, उसके गहनों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. इससे मृतक या जीवात्मा की ऊर्जा उस व्यक्ति के साथ जुड़ जाती है, जिसने उसके गहनों को पहना हो. गहनों को आप नए तरीके से बनवाकर इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन उसी अवस्था में गहनों को पहनने से बचना चाहिए. वहीं यदि मृत व्यक्ति ने अपनी मृत्यु से पहले आपको अपने गहने भेंट स्वरूप दिए हों तो इनका इस्तेमाल आप कर सकते हैं और निशानी के तौर पर भी इसे रख सकते हैं. लेकिन खासकर ऐसे गहने, जिससे मृतक को बहुत अधिक लगाव था, उसे भूलकर भी पहनने की गलती न करें.

  • कपड़े: किसी भी व्यक्ति को अपने कपड़ों से बहुत अधिक लगाव होता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, मृत्यु के बाद भी मृतक की आत्मा संसार का मोह नहीं छोड़ पाती है. ऐसे में उनके कपड़ों का इस्तेमाल करने से आत्मा आकर्षित हो सकती है. इसलिए मृतक के कपड़ों को पहनने से बचना चाहिए. व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके कपड़ों का दान कर देना चाहिए. इससे आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

  • घड़ी: गरुड़ पुराण के अनुसार, परिजन की मृत्यु के बाद उसकी घड़ी का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसे लेकर मान्यता है कि, घड़ी में मृतक की सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा बसी होती है. मृतक की घड़ी पहनने पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है और उसे बार-बार मृतक के सपने आते हैं.


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