Garuda Purana, Lord Vishnu Niti: गरुड़ पुराण का पाठ घर पर किसी परिजन की मृत्यु पश्चात पूरे 13 दिनों तक कराया जाता है. मान्यता है कि, ऐसे समय में घर पर गरुड़ पुराण सुनने-सुनाने से मृतक की आत्मा को सद्गति की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि सनातन धर्म में गरुड़ पुराण ग्रंथ को विशेष दर्जा दिया गया है और इसे 18 महापुराणों में एक माना जाता है. गरुण पुराण के अधिष्ठाता भगवान विष्णु हैं, जो अपने वाहन पक्षीराज गरुड़ से धर्म-कर्म को लेकर जो बातें करते हैं. इसे ही गरुड़ पुराण में बताया गया है.


लेकिन गरुड़ पुराण में केवल जन्म, मृत्यु, नरक और स्वर्ग ही नहीं बल्कि ज्ञान, विज्ञान, नीति, नियम और सफल व सुखी जीवन के संदर्भ में कई गूढ़ बातें भी बताई गई हैं, जिसमें जीवन का बहुत गहरा अभिप्राय समाहित है. गरुड़ पुराण में व्यक्ति को अच्छे कर्म करने की प्रेरणा दी गई है. साथ ही इसमें ऐसे अचूक मंत्रों के बारे में बताया गया है, जिसका जाप करने से व्यक्ति रोग मुक्त होकर दीर्घायु को प्राप्त करना है और उसे आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है. जानते हैं इन मंत्रों और इसे जाप करने के नियम के बारे में.



गरीबी दूर करने के मंत्र


गरुड़ पुराण ग्रंथ में गरीबी दूर करने के मंत्र के बारे में बताया है. इस मंत्र का जाप करने से आर्थिक तंगी दूर हो जाती है और व्यक्ति का जीवन धन-धान्य से भर जाता है. इसके लिए आपको ‘ॐ जूं स:’ मंत्र का जाप करना होगा. इसके साथ ही इसमें श्रीविष्णु सहस्त्रनाम की महिमा का भी उल्लेख किया गया है. यदि इसका पाठ आप छह माह तक करते हैं तो जीवन से धन-संबंधी परेशानी हमेशा के लिए दूर हो जाती है.


दीर्घायु और निरोगी जीवन के मंत्र


गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु द्वारा संजीवनी मंत्र का उल्लेख मिलता है. मान्यता है कि इस मंत्र का प्रयोग यदि किसी सिद्ध व्यक्ति के सानिध्य में करना चाहिए और इसका प्रयोग हमेशा जगत के कल्याण के लिए करना चाहिए. यह मंत्र है ‘यक्षि ओम उं स्वाहा’. लेकिन इस मंत्र का प्रयोग पूरे नियम को जानने के बाद किसी जानकार के मार्गदर्शन में ही करना चाहिए.


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