Garuda Purana: बिन बुलाए मेहमान बनने की आदत पड़ सकती है भारी, अगले जन्म में कौआ बनते हैं ऐसे लोग
Garuda Purana: गरुड़ पुराण ऐसा ग्रंथ है, जिसमें व्यक्ति द्वारा किए कार्यों के आधार पर अगले जन्म के बारे में उल्लेख मिलता है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कैसे लोग अगले जन्म में कौआ बनते हैं.
Garuda Purana Lord Vishnu Niti Granth: सनातन धर्म से जुड़े लोगों के परिवार में जब किसी परिजन की मृत्यु होती है तो, वहां 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ कराया जाता है. मान्यता है कि गरुड़ पुराण के पाठ से आत्मा को सत्कर्म और सद्गति की प्राप्ति होती है. साथ ही गरुड़ पुराण के पाठ से जीवन से लेकर मृत्यु तक के कई अहम रहस्यों का भी वर्णन मिलता है.
गरुड़ पुराण सनातन धर्म के विशेष ग्रंथों में एक है, जिसे 18 महापुराणों में एक माना गया है. गरुड़ पुराण में विस्तारपूर्वक उल्लेख मिलता है कि मरणोपरांत व्यक्ति को किन कर्मों से स्वर्ग या नरक में स्थान मिलता है. साथ ही इसमें यह भी बताया गया है कि व्यक्ति द्वारा जीवन में किए किन कर्मों से उसे किस रूप में जन्म लेना पड़ता है. इसके अनुसार व्यक्ति का दूसरा या अगला जन्म केवल उसके कर्मों के आधार पर ही तय होता है. इसमें बताया गया है कि कैसे लोग मरने के बाद अगले जन्म में कौआ बनते हैं.
इन आदतों से अगले जन्म में कौआ बनती है जीवात्मा
गरुड़ पुराण के अनुसार किसी के घर पर बिन बुलाए पहुंच जाना, शादी-ब्याह या किसी भोज में बिना निमंत्रण के दावत के लिए पहुंच जाने वाली आदत से व्यक्ति अगले जन्म में कौआ बनते हैं. इतना ही गरुड़ पुराण में यह भी बताया गया है कि बिन बुलाए मेहमान बनने वाले या बिन बुलाए दूसरों के घर जाने वाले लोग न सिर्फ अगले जन्म में कौआ बनते हैं बल्कि उन्हें यह सजा दी जाती है कि, वह कौआ के रूप में जन्म लेकर लोगों को यह बताए कि उसके घर पर कोई अतिथि आने वाला है, जिससे कि घर का मालिक आने वाले मेहमान की तैयारी कर सके. यही कारण है कि घर के छत या मुंडेर पर जब कोई कौआ कांउ-कांउ करता है तो कहा जाता है कि कोई मेहमान आने वाला है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.