Garuda Purana, Niti Grantha: हिंदू धर्म के 18 पुराणों में एक गरुड़ पुराण में कर्म और इससे मिलने वाले फलों के बारे में विस्तारपूर्वक वर्णन किया गया है. यदि आप गरुड़ पुराण को बेहतर तरीके से समझेंगे तो इससे जीवन जीने का मार्गदर्शन मिलेगा. व्यक्ति को जीवनकाल में क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए और कैसा व्यवहार आदि करना चाहिए इन सभी गूढ़ बातों का रहस्य गरुड़ पुराण में है.
स्वर्ग और नरक के बारे में तो हम सभी अक्सर सुनते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वर्ग या नरक कैसे और किसे प्राप्त होता है. गरुड़ पुराण में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि कैसे कर्म करने वालों को स्वर्ग या नरक का मार्ग जाना पड़ता है. जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
इन कर्मों से होती है स्वर्ग की प्राप्ति
- गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोग जो अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखते हैं और क्रोध, भय व शोक आदि को अपने ऊपर हावी होने नहीं देते हैं. उन्हें मरणोपरांत स्वर्ग का मार्ग ही प्राप्त होता है.
- ऐसे पुरुष जिनके भीतर स्त्री के प्रति कोई वासना नहीं होती, जिनका मन स्त्रियों को देख विचलित नहीं होता और जो पुरुष स्त्री को अपनी माता, बहन और पुत्री के समान मानता है और उसी नजर से देखता है, उन्हें सदा स्वर्ग की प्राप्ति होती है.
- गरुड़ पुराण के अनुसार जो लोग दूसरों के व्यक्तित्व में गुणों को देख उनकी तारीफ करते हैं, उन्हें मरणोपरांत यमदूत द्वारा सदा स्वर्ग के मार्ग ले जाया जाता है.
- गरुड़ पुराण में इन बातों का वर्णन किया गया कि जो व्यक्ति अपने जीवनकाल में कुआं, तालाब, प्याऊ, आश्रम और मंदिर आदि का निर्माण कराते हैं उन्हें भी मृत्यु पश्चात स्वर्ग में स्थान प्राप्त होता है.
इन बुरे कर्मों से होती है नरक की प्राप्ति
- गरुण पुराण के अनुसार जो लोग गरीब, असहाय, जरूरतमंद, अनाथ, रोगी, और बुजुर्गों का उपहास करते हैं, उन्हें नरक जाना पड़ता है. इतना ही ऐसे लोगों को नरक में कठोर यातनाएं भी झेलनी पड़ती है.
- गरुण पुराण में इस बात का उल्लेख किया गया है कि जो व्यक्ति देवी-देवता की पूजा नहीं करते और पितरों का तर्पण नहीं करते, उन्हें नरक जाना पड़ता है और कठोर दंड भी भुगतना पड़ता है.
- गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसे लोग जो हमेशा लोभ-लालच में रहते हैं, जो हत्या करते हैं, दूसरों की संपत्ति पर कब्जा करते हैं, झूठी गवाही देते हैं, कन्याओं और स्त्रियों का व्यापार करते हैं ऐसे लोगों निश्चित ही मृत्यु पश्चात नरक जाना पड़ता है.
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