Garuda Purana: मृत्यु के बाद आत्मा को मिलते हैं ये तीन मार्ग, गरुड़ पुराण में है जिक्र
Garuda Purana: गरुड़ पुराण में मृत्यु और जीवन के रहस्यों के बारे में बताया गया है. साथ ही इसमें स्वर्ग-नरक की प्राप्ति, भोग और मोक्ष की प्राप्ति का भी वर्णन मिलता है.
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Garuda Purana Niti Grantha: मृत्यु या मौत जीवन का सबसे बड़ा सच है, जिसे कोई बदल नहीं सकता. जिसने इस संसार में जन्म लिया है उसकी मृत्यु भी निश्चित है. लेकिन मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है इसका उत्तर आपको 18 महापुराणों में एक गरुड़ पुराण में मिलता है. इसमें बताया गया है कि मृत्यु के बाद आत्मा के यमलोक की यात्रा शुरू हो जाती है और जीवात्मा कर्म के आधार पर स्वर्ग या नरक के मार्ग पर जाती है. गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु अपनी सवारी पक्षीराज गरुड़ को ये सारी बाते बताते हैं, जिसका वर्णन गरुड़ पुराण ग्रंथ में किया गया है.
मृत्यु के बाद आत्मा किन जगहों से गुजरती है
गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु पश्चात जीवात्मा को भिन्न-भिन्न जगहों से गुजरना पड़ता है और उसके पाप-पुण्य के हिसाब के बाद आगे के सफर में भेजा जाता है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु से पहले व्यक्ति की आवाज चली जाती है, शरीर की सभी इंद्रियां बंद पड़ जाती है और अंतिम समय में परमात्मा द्वारा दिव्या दृष्टि प्राप्त होती है, जिसके बाद व्यक्ति जीवन का त्याग कर देता है. मृत्यु होने के बाद दो यमदूत आते हैं और जीवात्मा के साथ वैसा ही बर्ताव किया जाता है जैसा उसने अपने जीवनकाल में दूसरों के साथ किया है.
मृत्यु के बाद आत्मा को मिलते हैं तीन मार्ग
- अर्चि मार्ग: यह वह मार्ग होता है जो देव लोक और ब्रह्मा लोक के लिए होता है. गरुड़ पुराण में इसे सर्वोच्च मार्ग बताया गया है.ऐसा व्यक्ति जो अपने जीवन में कोई बुरा कार्य नहीं करता और सदैव पुण्य कर्म करता है उसे ही इस मार्ग की प्राप्ति होती है.
- धूम मार्ग: इस मार्ग में पितृ लोक की यात्रा करनी पड़ती है.
- उतपत्ति विनाश मार्ग: यह मार्ग नरक की यात्रा के लिए होता है. गरुड़ पुराण में इसे सबसे बुरा मार्ग बताया गया है. इसमें जीवात्मा को वैतरनी नदी का सामना करना होता है. इसमें बताया गया है कि इस नदी को पार करने के लिए जीवात्मा को पूरे 47 दिनों का समय लगता है और इन 47 दिनों में आत्मा को कई तरह के कष्ट झेलने पड़ते हैं.
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