Garuda Purana Niti in Hindi: हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण ग्रंथ को 18 पुराणों में एक माना गया है. यही कारण है कि इसका अत्यधिक महत्व होता है. आमतौर पर गरुड़ पुराण का पाठ घर पर किसी परिजन की मृत्यु के बाद पूरे 13 दिनों तक कराया जाता है. गरुड़ पुराण में केवल जन्म और मृत्यु ही बल्कि ऐसी कई बातों का वर्णन किया गया है जिससे आपका जीवन सरल और सफल भी बनता है. गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु द्वारा जीवन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों पर प्रकाश डाला गया है.
घर के सुख-सौभाग्य को लेकर भी गरुड़ पुराण में बताया गया है. इसके अनुसार व्यक्ति स्वयं अपनी आदतों से ही दरिद्रता को प्राप्त करता है. साथ ही गरुड़ पुराण में ऐसी चीजों के बारे में भी बताया गया है, जिससे उसे मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है. जानते हैं गरुड़ पुराण के अनुसार वो कौन से 5 कार्य हैं जिन्हें करने से घर पर मां लक्ष्मी का वास होता और सुख-समृद्धि बनी रहती है.
धार्मिक ग्रंथों का करें पाठ- हर व्यक्ति को जीवन में धार्मिक ग्रंथों का पाठ जरूर करना चाहिए. क्योंकि जीवन में धर्म-कर्म के ज्ञान की आवश्यकता होती है. इसलिए धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें और दूसरों को भी ग्रंथ से प्राप्त ज्ञान को समझाएं.
रसोई की पूजा- हिंदू परिवार के हर रसोई में चूल्हे पर भोग लगाने का महत्व है. भोजन को बिना चखे सबसे पहले चूल्हे पर भोग लगाएं. इससे मां लक्ष्मी की कृपा से घर पर कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि रसोईघर में गंदगी और जूठन न रखें.
चिंतन है जरूरी- गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति को अपनी गलतियों पर चिंतन जरूर करना चाहिए. चिंतन करने के गलतियों का पता चलता है और वह दोबारा नहीं होती. साथ ही चिंतन करने से मन को शांति मिलती और क्रोध दूर होता है. घर पर सुख-शांति बनी रहे और मां लक्ष्मी का वास हो इसके लिए चिंतन जरूर करें.
कुलदेवता की पूजा करें- कुलदेवता का मतलब होता है कुल के देवता. सभी कुल के एक आराध्य देवी या देवता होते हैं, जिनकी पूजा विशेष तिथियों या विशेष अवसर पर करना जरूरी होता है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जिस घर पर कुल देवी या देवता की पूजा होती है वहां कि सात पीढ़ियां खुशहाल जीवन व्यतीत करती हैं.
दान करें- हिंदू धर्म में दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है. भूखे, जरूरतमंद और गरीबों में दान करने से पुण्यफल की प्राप्ति तो होती ही है. साथ ही इससे आने वाली सात पीढ़ियों का भी कल्याण होता है. इसलिए समय-समय पर अपने सामर्थ्यनुसार दान करते रहें.
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