Garuda Purana Life Lesson: हिंदू धर्म में कुल 18 पुराण हैं, जिनमें से एक गरुड़ पुराण (Garuda Purana) है. कहते हैं कि गरुड़ पुराण में जीवन जीने के सही तरीकों और मार्ग के बारे में बताया है. जन्म से लेकर मरने के बाद तक के सफर को गरुड़ पुराण में बताया गया है. गरुड़ पुराण के नियमों (Garuda Purana Niyam) का पालन करके हम अपने जीवन के कष्टों को दूर कर सकते हैं. मरने के बाद स्वर्ग मिलता है या नर्क ये भगवान नहीं बल्कि हमारे कर्म निर्धारित करते हैं और इसे जानने की जिज्ञासा प्रत्येक व्यक्ति को होती है.
हिंदू धर्म शास्त्रों में खासतौर से गरुड़ पुराण में इस बारे में विस्तार से बताया गया है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि व्यक्ति के कर्मों के आधार पर आत्मा के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है और कैसे कर्मों पर स्वर्ग और नर्क की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं इन्हीं के बारे में विस्तार से.
स्वर्ग का मार्ग खोलते हैं ये कर्म
जीवनभर अगर अच्छे कर्म किए जाएं तो व्यक्ति अपने लिए स्वर्ग का रास्ता खोलता है. कुछ कर्म ऐसे होते हैं जो व्यक्ति को मरने के बाद स्वर्ग लेकर जाते हैं. इसके लिए व्यक्ति को अपने जीवन में जागरूक रहकर काम करना चाहिए. उसे पांचों इंद्रियों पर काबू पाना होता है. पत्नी के अलावा उन्हें दुनिया की सारी महिलाओं को माता, बहन और पुत्री की नजर से ही देखना होता है. अगर देखा जाए तो महिलाओं का सम्मान करना बहुत जरूरी है. इतना ही नहीं, जो लोग दूसरों की सुविधा के लिए कुआं, तालाब, प्याऊ का इंतजाम करते हैं, दान पुण्य करते हैं उन्हें भी स्वर्ग मिलता है. गरुड़ पुराण के अनुसार दूसरों को पानी पिलाना भी बहुत पुण्य का काम होता है.
इन कर्मों से जाते हैं नर्क
गरुड़ पुराण के अनुसार लाचारी, दूसरों को नुकसान पहुंचाने वाले लोग नर्क में जाते हैं. कहते हैं कि गरीब, बीमार, असहाय, अनाथ और बुजर्गों को कष्ट देने वाले लोगों की मरने के बाद बहुत बूरी स्थिति होती है. महिलाओं और कन्याओं के साथ दुराचार करने वाले, पितरों का श्राद्ध न करने वाले लोगों को भी नर्क में जगह मिलती है. इतना ही नहीं, जो दूसरों के पैसों पर नजर गढ़ाए बैठा रहता है, उन्हें भी नर्क नसीब होता है.
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