Gayatri Jayanti 2023: गायत्री जयंती कब? सफलता पाने छात्रों के लिए है इस दिन का है खास महत्व, करें ये काम
Gayatri Jayanti 2023: गायत्री जयंती 31 मई 2023 को है. इस दिन कुछ खास उपाय छात्रों को हर कदम पर सफलता दिलाते हैं. आइए जानते हैं गायत्री जयंती के उपाय और गायत्री मंत्र की महीमा.
Gayatri Jayanti 2023: वेद माता गायत्री का जन्मोत्सव हर साल ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाया जाता है. इसे गायत्री जयंती कहते हैं. इस साल गायत्री जयंती 31 मई 2023 को है, इसी दिन निर्जला एकादशी का व्रत भी है. ‘भासते सततं लोके गायत्री त्रिगुणात्मिका॥’ गायत्री संहिता के अनुसार गायत्री माता सरस्वती, लक्ष्मी एवं काली का प्रतिनिधित्व करती हैं.
जो साधक मां गायत्री की उपासना करता है उन्हें इन तीनों देवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. खासकर छात्रों के लिए गायत्री जयंती का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन कुछ खास उपाय छात्रों को हर कदम पर सफलता दिलाते हैं. आइए जानते हैं गायत्री जयंती के उपाय और गायत्री मंत्र की महीमा.
बच्चों के लिए गायत्री मंत्र है सफलता की कुंजी (Gayatri Mantra Significance)
'ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्। '
इस महामंत्र का अर्थ- 'उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करें.
चमत्कारिक गायत्री मंत्र में चौबीस अक्षर हैं यह 24 अक्षर चौबीस शक्तियों-सिद्धियों के प्रतीक हैं , इसलिए गायत्री मंत्र को सर्वशक्तिशाली माना गया है, ये सभी मंत्रों में श्रेष्ठ है. कॉपीटिशन के इस दौर में बच्चों पर मानसिक तनाव अधिक है जो उनकी बुद्धि के साथ सेहत पर भी बुरा असर डालता है. मान्यता है कि रोजाना 7 बार इसका जाप करने से छात्रों का हर तरह का मानसिक तनाव दूर हो जाता है. गायत्री जंयती के दिन विधि पूर्वक इसके जाप से हर परेशानी दूर हो जाती है.
गायत्री जंयती पर छात्र करें ये उपाय (Gayatri Jayanti Upay for Student)
- गायत्री जयंती के दिन छात्र सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद पूजा स्थल पर पूर्व दिशा में मुख करके बैठें. बैठने के लिए कुशा या लाल रंग के आसन का उपयोग करें.
- जाप से पहले तांबे के पात्र में गंगाजल भरकर, तुलसी डालें और अपने समक्ष रखें.
- अब घी का दीपक जलाकर रुद्राक्ष की माला से 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें.
- जाप के पश्चात जल को अपने शयनकक्ष में छिड़कें और तुलसी पत्र का सेवन करें. मान्यता है कि नियमित रूप से ऐसा करने पर बच्चों की बुद्धि प्रखर होती है और लंबे समय तक विषय याद करता है, तार्किक क्षमता में वृद्धि होती है.
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