Gayatri Jyanti 2022: इस विधि से करें गायत्री मंत्र का जाप, रोग निवारण में है कारगर
Gayatri Jyanti 2022, Mantra Benefit: भारतीय संस्कृति में गायत्री मंत्र को शक्तिशाली माना गया है.गायत्री मंत्र का जाप एक निश्चित समय पर निश्चित स्थान पर बैठकर करने से नकारात्मक विचारों का विनाश होता है.
Gayatri Jyanti 2022, Mantra Benefit: देवी गायत्री की वेदों में शिव, विष्णु और ब्रह्मा की देवी के रूप में पूजा की जाती है. इसके अलावा, उन्हें सभी तीन देवियों पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती की अभिव्यक्ति के रूप में सम्मानित किया जाता है. गायत्री जयंती को लेकर कई मत हैं. लेकिन माना जाता है कि ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती के रूप में मनाया जाता. जो लोग इस दिन सर्वोच्च भक्ति के साथ देवी गायत्री की पूजा करते हैं उन्हें समृद्धि, स्वास्थ्य और सफलता के साथ आध्यात्मिक और सांसारिक खुशी का वरदान मिलता है. भारतीय संस्कृति में गायत्री मंत्र को शक्तिशाली माना गया है. इसके जाप में जीवन के कई कष्ट दूर हो जाते हैं. कहा जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप एक निश्चित समय पर निश्चित स्थान पर बैठकर करने से नकारात्मक विचारों का विनाश होता है.
गायत्री मंत्र जाप की सही विधि
- गायत्री मंत्र का जाप पूजा के आसन पर बैठकर ही करना चाहिए तभी वह लाभकारी होता है.
- जाप में तुलसी एवं चंदन की माला का ही प्रयोग करना चाहिए.
- ब्रह्ममूहुर्त में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करें
- अगर गायत्री मंत्र का विधिपूर्वक जप करते समय घी और खील से हवन किया जाए तो शांति मिलती है.
- जप करते वक्त शुद्ध देशी घी से हवन किया जाए तो अकाल मृत्यू का भय नहीं होता.
- हवन में बिल्वपत्र, कमल के पुष्प तथा दूध चढ़ा कर हवन किया जाए तो धन और कीर्ति की प्राप्ति होती है.
- अगर केवल दूध मिलाकर आहुति दी जाए तो पराक्रम की प्राप्ति होती है।
गायत्री मंत्र जाप करने के लाभ
1- शुभ मुहूर्त में एक कांसे के पात्र में जल भरने के बाद आसन पर बैठकर गायंत्री मंत्र के साथ ऐं ह्रीं क्लीं का संपुट लगाकर गायंत्री मंत्र का जाप करें.जाप पूरा होने के बाद पात्र में भरे जल का सेवन करने से रोग से छुटकारा मिलता है.
2- शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे गायत्री मंत्र का जप करने से सभी प्रकार की ग्रह बाधा से मुक्ति मिलती हैं। और आपके जीवन में सुख शांति का बनी रहती है.
3- शंखपुष्पी के पुष्पों से गायत्री मंत्र का हवन करने से कुष्ठ रोगों का निवारण होता है.
4- सोमवार को सुबह के समय पीले वस्त्र धारण कर माता पार्वती का ध्यान करते हुए 'ह्रीं' बीज मंत्र का सम्पुट लगाकर 108 बार जाप करने से विवाह कार्य में आने वाली समस्त बाधाएं दूर होती हैं.
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