Geeta Jayanti 2021: हिंदू धर्म में गीता को पवित्र ग्रंथ माना गया है. यहां हर व्रत और त्योहार का विशेष महत्व है. मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन गीता जयंती मनाई जाती है. इस बार मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जंयती है. 14 दिसंबर, मंगलवार के दिन गीता जयंती और एकादशी मनाई जाएगी. धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि भगवान श्री कृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में परम मित्र अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. 


मार्गशीर्ष माह में गीता का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. इस दिन इसे पढ़ना और सुनना अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना करने और व्रत करने से वे प्रसन्न होते हैं. इस दिन मंदिरों में भी गीता का पाठ किया जाता है. आइए जानते हैं इसकी तिथि, महत्व और पूजन विधि के बारे में. 


गीता जयंती की तिथि 2021


मार्गशीर्ष महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 13 दिसंबर को रात्रि 9 बजकर 32 मिनट से शुरू होकर 14 दिसंबर रात्रि 11 बजकर 35 मिनट तक है. उस हिसाब से मोक्षदा एकादशी और गीता जयंती 14 दिसंबर को मनाई जाएगी. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा उपासना करना बहुत लाभदायक होता है. 


गीता जयंती महत्व


ग्रंथों में इस बात का जिक्र है कि भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान कुरुक्षेत्र में अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था. गीता में 18 अध्यायों में व्यक्ति के जीवन का संपूर्ण सार बताया गया है. साथ ही, इसमें धार्मिक, कार्मिक, सांस्कृतिक और व्यहवाहरिक ज्ञान भी दिया गया है. मान्यता है कि गीता का अध्ययन और अनुसरण करने से व्यक्ति की दिशा और दशा दोनों ही बदल जाते हैं. 


यहां लगता है भव्य मेला


गीता जयंती के उपलक्ष्य में देश की कई जगहों पर गीता मेले का आयोजन किया जाता है. खासकर कुरुक्षेत्र में विश्व स्तरीय मेले का आयोजन किया जाता है. इस साल यहां 2 दिसंबर से मेले की शुरुआत हो चुकी है. जो कि 19 दिसंबर तक चलेगा. मेले में गीता उपदेश का नाट्य रूपांतरण, गीता मैराथन, प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि का आयोजन किया जाता है. देशभर से श्रद्धालु गीता महोत्स्व में शामिल होने पहुंचते हैं. 


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