Geeta Jayanti 2022 Importance: हिंदू धर्म में कई पुराण, वेद और ग्रंथ हैं. लेकिन श्रीमद्भागवत गीता को 18 महापुराणों में महत्वपूर्ण माना गया है. इसमें कर्मयोग, भक्तियोग और ज्ञानयोग का उपदेश है. इसलिए कहा जाता है कि जो व्यक्ति गीता का पाठ करता है उसे जीवन की परेशानियों से मुक्ति मिलती है. साथ ही यह एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है. श्रीमद्भागवत महाभारत का ही अंग है.
जब कौरवों और पांडवों के बीच कुरुक्षेत्र में महाभारत का युद्ध हुआ तो कौरवों की सेना देख अर्जुन के मन में विषाद उत्पन्न हो गया. तब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता उपदेश दिए. कहा जाता है कि यह दिन मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का दिन था. इसलिए हर साल इस तिथि को गीता जयंती मनाई जाती है.
गीता जयंती तिथि (Geeta Jayanti 2022 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार गीता जयंती मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन है, जोकि इस बार शनिवार 03 दिसंबर 2022 को पड़ेगी. 03 दिसंबर सुबह 05:39 से एकादशी तिथि प्रारंभ होगी, जिसका समापन रविवार 04 दिसंबर सुबह 05:34 पर होगा.
गीता जयंती का महत्व (Geeta Jayanti 2022 Significance)
हिंदू धर्म में गीता ग्रंथ का विशेष महत्व होता है. यह सभी ग्रंथों में एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है. इसका कारण यह है कि लगभग अन्य सभी ग्रंथों को ऋषि मुनियों द्वारा लिखा गया है, लेकिन गीता ग्रंथ श्रीकृष्ण के उपदेश पर आधारित है. इसमें श्रीकृष्ण द्वारा जीवन और मृत्य के गूढ़ रहस्य के बारे में बताया है. साथ ही गीता ऐसा ग्रंथ है जिसके उपदेश में कई समस्या के हल छिपे हैं. जिस प्रकार श्रीकृष्ण के उपदेश से ही अर्जुन द्वारा महाभारत का युद्ध जीतना संभव हो सका, ठीक उसी तरह गीता ज्ञान से व्यक्ति भी कठिन परिस्थितियों को हरा कर जीत हासिल कर सकता है.
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