Geeta Jayanti 2023: श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा दिए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितना महाभारत के समय कुरुक्षेत्र युद्ध के मैदान में अर्जुन के लिए था. गीता ज्ञान से मनुष्य को जीवन की सही राह मिलती है.
हिंदू धर्म में चार वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अर्थवेद है. इन चारों वेदों का सार गीता में मिलता है. यही कारण है भगवत गीता को हिंदू धर्म का पवित्र और सर्वमान्य धर्मग्रंथ माना जाता है. इसकी महत्ता इतनी है कि, यदि कोई गीता को स्पर्श कर ले तो वह झूठ नहीं बोलता है.
सबसे पहले किसने दिया था गीता ज्ञान
भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र में खड़े होकर अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. इसलिए इसे श्रीकृष्ण और अर्जुन संवाद भी कहा जाता है. श्रीकृष्ण ने भले ही गीता का उपदेश अर्जुन को दिया हो, लेकिन अर्जुन के माध्यम से भगवान ने संपूर्ण जगत को गीता का ज्ञान दिया.
लेकिन सबसे पहले श्रीकृष्ण के गुरु घोर अंगिरस ने उन्हें गीता का ज्ञान दिया. इस तरह से गीता का सर्वप्रथम ज्ञान श्रीकृष्ण को गुरु घोर अंगिरस से प्राप्त हुआ. इसके बाद श्रीकृष्ण ने अर्जुन को दिया. कई लोग गीता को केवल धार्मिक या पवित्र ग्रंथ के रूप में देखते हैं. लेकिन गीता के केवल ग्रंथ मात्र नहीं बल्कि इसमें ऐसे रहस्य समाहित हैं, जिसके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे. आइये जानते हैं गीता से जुड़ी जरूरी बातें..
श्रीमद्भागवत गीता की महत्वपूर्ण बातें
- जन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है, जितना कि मृत्यु होने वाले के लिए जन्म लेना, इसलिए जो अपरिहार्य है उसपर शोक मत करो.
- क्रोध भम्र से पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है और जब बुद्धि व्यग्र होती है तब तर्क नष्ट हो जाता है. जब तर्क नष्ट हो जाता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है.
- व्यक्ति जो चाहे बन सकता है, यदि वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करे.
- कोई व्यक्ति अपने जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है.
- वासना, क्रोध और लोभ ये नरक के तीन द्वार हैं.
- जो व्यक्ति अपने मन को नियंत्रण में नहीं रख सकता, वह शत्रु के समान कार्य करता है.
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