Diamond Stone Benefits: रत्न शास्त्र के मुताबिक रत्नों का चुनाव सावधानी से और सोच समझ के साथ ही करना चाहिए. बिना ज्योतिष की सलाह की किसी व्यक्ति को कोई भी रत्न खुद से धारण नहीं करना चाहिए. रत्न जहां मनुष्य को शुभ प्रभाव देते हैं. वहीं, उनके कुछ अशुभ प्रभाव भी होते हैं. सभी रत्न हर किसी को सूट नहीं करते. ग्रह दशा और कुंडली के आधार पर ही व्यक्ति को रत्न पहनने की सलाह दी जाती है. 


ऐसे ही इन्हीं रत्नों में एक रत्न महिलाओं का बहुत ही पसंदीदा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं हीरा रत्न की. ये आजकल लोगों का स्टाइल स्टेटमेंट बन चुका है. ये सबसे कीमती रत्नों में से एक है. ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख सुविधाओं और विलासता का कारक बताया गया है.  ये कुछ लोगों के लिए वरदान साबित होता है तो कुछ के लिए हानिकारक साबित होता है. इसलिए हर किसी को ये रत्न पहनने की सलाह नहीं दी जाती. आइए जानते हैं किसे पहनना चाहिए हीरा. 


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हीरा धारण करने के फायदे (Diamond Benefits)


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हीरा शुक्र ग्रह को मजबूत करने और उसके अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए पहना जाता है. अगर ये किसी व्यक्ति को सूट कर जाए तो जीवन में सुख सुविधाओं की कमी नहीं रहती. वहीं, ये आत्मविश्वास भी बढ़ाता है. इससे प्रेम संबंधों में मिठास आती है. कहते हैं कि वैवाहिक जीवन के लिए ये बहुत ही शुभ होता है. ज्योतिषियों के अनुसार कला, मीडिया, फिल्म या फैशन से जुड़े जातक इन्हें धारण कर सकते हैं. इन लोगों के लिए बहुत ही शुभ साबित होता है. 


इस राशि के लोग धारण कर सकते हैं हीरा (Who Can Wear Diamond)


वृष, मिथुन, कन्या, मकर, तुला और कुंभ लग्न में जन्में जातकों के लिए हीरा पहनना शुभ माना जाता है. वहीं, वृषभ और तुला लग्न के जातकों के लिए ये सबसे ज्यादा लाभकारी होता है क्योंकि तुला और वृष लग्न के स्वामी खुद शुक्र ग्रह हैं. 


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वहीं मेष, सिंह, वृश्चिक, धनु और मीन लग्न वालों के लिए हीरा शुभ नहीं होता. खासतौर से वृश्चिक लग्न वालों को तो भूलकर भी इसे धारण नहीं करना चाहिए. फैशन के तौर पर भी अगर हीरा पहनना चाहते हैं तो ज्योतिष की सलाह के बाद ही इसे धारण करें. अगर कुंडली में शनि और शुक्र ग्रह उच्च के स्थित हैं तो भी हीरा धारण किया जा सकता है. 


हीरा धारण करने की विधि (Wearing Method Of Diamond)


बता दें कि हीरा 0.50 से 2 कैरेट तक चांदी या सोने की अंगूठी में जड़वाकर पहना जाता है. इसे दारण करने के लिए किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को सूर्योदय के बाद धारण करें. धारण करने से पहले इसे दूध, गंगा जल, मिश्री और शहद मिश्रित पानी में डाल कर रख दें. उसके बाद धूप दिखाकर शुक्र देव के बीज मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. फिर इस अंगूठी को मां लक्ष्मी के चरणों में रखें. और थोड़ी देर बाद इसे धारण कर लें. ज्योतिष अनुसार हीरा अपना प्रभाव 20 से 25 दिन में दिखाना शुरू करता है. इसके बाद 6-7 साल बाद इसे बदल कर नया हीरा धारण करना चाहिए. 


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