Gemology: रत्न ग्रहों (Gemology) का शुभ प्रभाव बढ़ाने और अशुभ प्रभावों को कम करने में सहायक हैं. रत्नों को धारण करने से व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मोती चंद्र ग्रह का प्रतिनिध माना गया है. जिन लोगों का चंद्रमा कुंडली में अशुभ या कमजोर होता है उन लोगों को मोती धारण करने की सलाह दी जाती है. आइए जानते हैं किन लोगों को मोती धारण करना चाहिए, इसे पहनने के क्या फायदे होते हैं और धारण करने का सही तरीका.
मोती रत्न पहनने का लाभ (Benefits Of Moti)
बता दें कि मोती रत्न (Pearl Stone) सफेद रंग का गोल होता है. इसे समुद्र में सीपियों से प्राप्त किया जाता है. मोती का स्वामी चंद्रमा माना जाता है. वहीं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कर्क राशि के जातकों के लिए ये विशेष रूप से लाभकारी है. चंद्रमा कमजोर होने पर व्यक्ति के मस्तिष्क और मन पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ता है. इसलिए मन को शांत करने और दिमाग को स्थिर करने के लिए मोती रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.
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किसे धारण करना चाहिए मोती (Who Can Wear Moti)
रत्न शास्त्र के अनुसार चंद्रमा की महादशा होने पर मोती पहनने की सलाह दी जाती है. राहु या केतु की युति में भी मोती पहनना (Pearl Stone) अच्छा होता है. ज्योतिष अनुसार पाप ग्रहों की दृष्टि में चंद्रमा होने पर भी मोती पहनने की सलाह दी जाती है. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि चंद्रमा अगर जन्म कुंडली में 6, 8 या 12 भाव में स्थित है तब भी मोती पहना जा सकता है. चंद्रमा के क्षीण होने या सूर्य के साथ होने पर भी मोती पहना जा सकता है. कुंडली में कमजोर स्थिति में होने पर भी मोती (Pearl Stone) धारण कर सकते हैं.
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कैसे और कब धारण करें मोती (Rules Of Wear Moti)
रत्न शास्त्रों के अनुसार मोती को चांदी की अंगूठी (Pearl In Silver Ring) में पहना जाना चाहिए. अगर आप मोती धारण करने की सोच रहे हैं, तो शुक्ल पक्ष के सोमवार की रात में हाथ की सबसे छोटी उंगली में पहन लें. कई ज्योतिष इसे पूर्णिमा के दिन भी पहनने की सलाह देते हैं. मोती रत्न (Pearl Stone) को धारण करने से पहले इसे गंगाजल से धो लें. इसके बाद इसे शिवजी को अर्पित करें. ऐसा करने के बाद ही इसे धारण करें.
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