रत्न शास्त्र के अनुसार किसी भी ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. रत्नों का हमारी जिंदगी पर गहरा प्रभाव पड़ता है. वे हमारी आर्थिक स्थिति, रिश्ते, सेहत, करियर, तरक्की, मानसिक सुकून आदि पर बहुत असर डालते हैं. मान्यता है कि कुंडली में अशुभ ग्रहों के असर को दूर करने के लिए और शुभ ग्रहों के फल को बढ़ाने के लिए रत्न धारण किए जाते हैं.
व्यक्ति में मौजूद कई बुरी आदतों को छुड़वाने के लिए भी रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. आइए जानते हैं बुरी आदतों से पीछा छुड़वाने के लिए रत्न शास्त्र में कौन सा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.
सोडालाइट रत्न- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में चंद्रमा का कमजोर होना व्यक्ति को बुरी संगत की ओर ले जाता है. ऐसे में व्यक्ति को अच्छे-बुरे की सारी समझ खत्म हो जाती है. रत्न शास्त्र में सोडालाइट रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. कहते हैं कि इससे चंद्रमा मजबूत होता है और व्यक्ति सही रास्ते पर चलने लगता है. सोडालाइट रत्न सोमवार के दिन धारण करना चाहिए.
मैलाकाईट रत्न- किसी जातक की कुंडली में शनि और राहु दोष बनने के कारण व्यक्ति बुरी आदतों से घिर जाता है. ऐसे में उस जातक को मैलाकाईट रत्न पहनना चाहिए. इसे बाएं हाथ में चांदी की अंगूठी में धारण करना चाहिए. इसे धारण करते ही कुछ ही दिन में जिंदगी में बदलाव नजर आने लगेंगे.
गार्नेट रत्न- ज्योतिषीयों के अनुसार कुंडली में सूर्य और मंगल का कमजोर होने से व्यक्ति निराशावादी, निरुत्साही और आलसी हो जाता है. अपने जीवन को लेकर व्यक्ति बहुत लापरवाह हो जाता है. इसे धारण करने से जीवन में उत्साह बढ़ेगा. और जल्द ही बदलाव नजर आने लगेंगे.
सुनहला रत्न: बहुत गुस्सा आने वाले लोगों को या फिर जो लोग बहुत ही कड़वा बोलते हैं उन्हें सुनहला रत्न धारण करने को कहा जाता है. इसे पहनने से वे कम बोलते हैं और अच्छा बोलेंगे.
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इस तारीख को जन्मे लोग होते हैं दिल के बहुत साफ, किस्मत भी होती है इनकी अच्छी