Guru Purnima : गुरु की उपासना संग स्नान-दान का पुण्य देती है गुरु पूर्णिमा
आदि गुरु शिवजी के साथ-साथ अपने प्रथम गुरु माता-पिता, अध्यापक और जीवन की राह दिखाने वाली पत्नी के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का दिन है गुरु पूर्णिमा.
Guru Purnima : गुरु पूर्णिमा पर इस बार 23 जुलाई से व्रत पूर्णिमा शुरू हो रही है और 24 जुलाई को पूर्ण गुरु पूर्णिमा रहेगी. इसी दिन महाभारत समेत वेद-पुराणों के रचयिता वेदव्यासजी की पूजा होती है. इसी दिन से आषाढ़ माह खत्म हो जाएगा.
गुरु पूर्णिमा पर शुभ मुहूर्त
23 जुलाई 2021 को सुबह 10:45:30 बजे से पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ होगा
24 जुलाई की सुबह 08:08:37 बजे पूर्णिमा की तिथि का समापन हो जाएगा
गुरु पूर्णिमा पर शुभ काल
अभिजीत मुहूर्त : दोपहर 12:02 बजे से 12:56 बजे तक
अमृत काल: 01:00 रात से 02:26 रात तक
ब्रह्म मुहूर्त: 04:10 सुबह से 04:58 बजे तक
गुरु पूर्णिमा महत्व
1. आषाढ़ पूर्णिमा आषाढ़ी पूर्णिमा और गुरु पूर्णिमा कही जाती है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान और गरीबों में दान-पुण्य का विशेष महत्व है.
2. 'गु' शब्द का अर्थ है अंधकार (अज्ञान) और 'रु' शब्द का अर्थ है प्रकाश ज्ञान. अज्ञान नष्ट करने वाला जो ब्रह्म प्रकाश है, वह गुरु है. इस दिन गुरु ही नहीं, परिवार में जो भी बड़ा है उसे तुल्य समझना चाहिए.
3. महाभारत काल के महान ऋषि ब्रह्मसूत्र, महाभारत, श्रीमद्भागवत और अट्ठारह पुराणों के रचनाकार और वेदों का विभाग करने वाले महर्षि वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा के दिन हुआ, इसीलिए उनके पूजना का भी महत्व है। वेद व्यासजी चिरंजीवी हैं।
4. जो लोग विशेष कारण या सिद्धि के लिए गुरु से मन्त्र पाना चाहते हैं, उनके लिए भी यह दिन श्रेष्ठ है। जनेऊ पहनने या बदलने के लिए इस दिन को बेहतर माना गया है.
5. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक आषाढ़ पूर्णिमा से चार माह अध्ययन के लिए उत्तम हैं.
6. संत पुरुष इस बीच एकांत रखकर ध्यान-स्वाध्याय समेत अपनी अध्ययन क्रियाएं करते हैं.
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