Lakshmi Ji Aarti: सनातन धर्म में हफ्ते का हर दिन किसी देवी-देवता को समर्पित है. इसी प्रकार शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी के नाम समर्पित है. मान्यता है कि शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की पूजा और आरती करने का रिवाज है.
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने पर व्यक्ति के जीवन में पैसा आता है, समृद्धि आती है, मान-सम्मान में बढ़ोतरी होती है और सुख मिलता है.लक्ष्मी माता की पूजा बिना आरती के अधूरी मानी जाती है. आइए जानते हैं माता लक्ष्मी की सम्पूर्ण आरती जो खोल देगी आपके भाग्य के द्वार.
माता लक्ष्मी जी की आरती -
मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
उमा, रमा, ब्रम्हाणी,
तुम ही जग माता ।
सूर्य चद्रंमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
दुर्गा रुप निरंजनि,
सुख-संपत्ति दाता ।
जो कोई तुमको ध्याता,
ऋद्धि-सिद्धि धन पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम ही पाताल निवासनी,
तुम ही शुभदाता ।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशनी,
भव निधि की त्राता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
जिस घर तुम रहती हो,
ताँहि में हैं सद्गुण आता ।
सब सभंव हो जाता,
मन नहीं घबराता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
तुम बिन यज्ञ ना होता,
वस्त्र न कोई पाता ।
खान पान का वैभव,
सब तुमसे आता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
शुभ गुण मंदिर सुंदर,
क्षीरोदधि जाता ।
रत्न चतुर्दश तुम बिन,
कोई नहीं पाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
महालक्ष्मी जी की आरती,
जो कोई नर गाता ।
उँर आंनद समाता,
पाप उतर जाता ॥
॥ॐ जय लक्ष्मी माता...॥
ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता ।
तुमको निसदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता ॥
धन और सौभाग्य की देवी मां लक्ष्मी को माना गया है.मां लक्ष्मी भगवार विष्णु के साथ क्षीर सागर में साथ निवास करती हैं. इनकी पूजा के लिए शुक्रवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है.रोज सुबह-शाम मां लक्ष्मी की आरती करनी चाहिए.अगर रोज आप नहीं कर सकते तो शुक्रवार और गुरुवार के दिन तो जरूर लक्ष्मी जी की आरती करें.
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