धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि किसी भी वस्तु या धातु का खोना या पाना शगुन या अपशगुन होता है. शगुन शास्त्र में इस तरह की कई चीजों के बारे में वर्णन किया गया है. ऐसे में धातुओं को लेकर भी कई मान्यताएं हैं, जो कि काफी महत्वपूर्ण हैं. इन धातुओं में सोना-चांदी विशेष महत्व रखती है. वहीं, इसका व्यवहारिक जीवन में भी खास महत्व बताया जाता है. सोने-चांदी से जुड़े कई शगुन और अपशगुन हैं. आइए जानते हैं इन शगुन और अपशगुन शास्त्र के बारे में.
सोने-चांदी से जुड़े शगुन-अपशगुन
बृहस्पति देव से है सोने का संबंध- ज्योतष शास्त्र के अनुसार सोना खोना या पाना दोनों ही अपशगुन माना गया है. इसलिए ही कहा जाता है कि अगर घर से बाहर सोना या चांदी गिरा हुआ मिला तो उसे उठाकर घर नहीं लाना चाहिए. सोने का संबंध गुरु ग्रह से है. सोने खोने से गुरु ग्रह का अशुभ प्रभाव पड़ता है.
सोने की अंगूठी- सोने की अंगूठी का खोना भी अशुभ ही माना जाता है. इस कारण सेहत से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
नाक या कान के गहने- शगुन शास्त्र में नाक या कान के गहने खोने को भी अपशगुन माना गया है. ऐसा होने पर ये भविष्य में कुछ बुरा होने के संकेत देता है. वहीं, नाक की नथ आदि खोने पर अपमान का सामना करना पड़ सकता है.
पांव की पायल- शगुन शास्त्र में दाएं पांव की पायल का खोना भी सामाजित प्रतिष्ठा में कमी की ओर इशारा करता है. वहीं, बाएं पांव की पायल का खोना यात्रा में दुर्घटना की ओर संकेत करता है.
कंगन- शगुन शास्त्र में कंगन का गुम होना भी अपशगुन ही होता है. इससे मान-सम्मान में कमी आती है.
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