(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pushya Nakshtra December 2022: आज पुष्य नक्षत्र का शुभ योग, जानें इसमें क्या करें क्या नहीं
Pushya Nakshtra 2022: पुष्य नक्षत्र विशेष योग होता है, जिसे शुभ माना जाता है. खासकर मांगलिक कार्य और खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र योग को शुभ माना जाता है.
Pushya Nakshtra Yog December 2022: हिंदू धर्म में पुष्य नक्षत्र योग को कुल 27 नक्षत्रों में सबसे श्रेष्ठ व उत्तम माना गया है. कहा जाता है कि भगवान श्रीराम का जन्म भी इसी नक्षत्र में हुआ था. पुष्य नक्षत्र का संयोग जिस वार के साथ होता है, इसे उसी वार के नाम से जाना जाता है. इनमें सबसे अधिक शुभ रवि पुष्य, शनि पुष्य और गुरु पुष्य नक्षत्र को माना जाता है.
दिसंबर और पौष महीने में पुष्य नक्षत्र 11 दिसंबर यानी आज से शुरू हो रहा है. पुष्य नक्षत्र के शुभ संयोग में मांगलिक कार्य और खरीदारी करना बहुत शुभ माना जाता है. लेकिन कुछ ऐसे भी कार्य होते हैं जिन्हें पुष्य नक्षत्र के दौरान नहीं करना चाहिए. जानें पुष्य नक्षत्र के योग व मुहूर्त और इस दौरान कौन से कार्य होते हैं शुभ-अशुभ.
दिसंबर 2022 पुष्य नक्षत्र योग (Pushya Nakshtra Yog December 2022)
पुष्य नक्षत्र का आरंभ- रविवार 11 दिसंबर 2022, रात्रि 08:36 से
पुष्य नक्षत्र का समापन- सोमवार 12 दिसंबर 2022, रात्रि 11:36 तक
पुष्य नक्षत्र योग में क्या करें
- पुष्प नक्षत्र में सोना खरीदना शुभ माना जाता है. यदि आप सोना नहीं खरीद सकते तो पीतल या चांदी भी खरीदा जा सकता है. क्योंकि हिंदू धर्म में इन धातुओं को शुद्ध, पवित्र और अक्षय धातु के रूप में माना गया है.
- पुष्य नक्षत्र में वाहन, भवन, भूमि आदि भी खरीदना शुभ होता है.
- अगर आप किसी कार्य की शुरुआत करना चाहते हैं या भवन आदि का निर्माण कराना चाहते हैं तो पुष्य नक्षत्र का दिन बहुत शुभ है.
- पुष्य नक्षत्र के दिन आप अपने सामार्थ्यनुसार दान-दक्षिणा जरूर करें. साथ ही इस दिन खिचड़ी, चावल, बेसन, कढ़ी, लड्डू का आदि का सेवन करें.
- किसी नए कार्य की शुरुआत करने के लिए पुष्य नक्षत्र को बहुत अच्छा माना जाता है. आप इस दिन से ज्ञान, विद्या, दुकान खोलने, लेखन क्रिया की शुरुआत या किसी नए कार्य की शुरुआत कर सकते हैं.
पुष्य नक्षत्र में भूलकर भी न करें ये कार्य
- पुष्य नक्षत्र में सोने की खरीदारी करना शुभ होता है. लेकिन इस दिन स्त्री को नए वस्त्र या नए सोने के आभूषण नहीं पहनने चाहिए. इस बात का वर्णन मुहूर्त चिंतामणि नक्षत्र प्रकरण ग्रंथ के श्लोक 10 में किया गया है.
- यदि पुष्य नक्षत्र बुधवार या शुक्रवार के दिन पड़े तो इसे उत्पातकारी माना जाता है. इसमें शुभ और मांगलिक कार्य करने से बचना चाहिए.
- पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि ग्रह होते हैं. इसलिए इसमें ऐसे कार्य बिल्कुल न करें जिससे शनिदेव क्रोधित होते हैं. पुष्य नक्षत्र में शराब पीना, ऋण में रुपये उधार देने, झूठ बोलना, स्त्री का अपमान करना और पशुओं को सताने जैसे कार्य नहीं करें.
- हिंदू धर्म में पुष्य नक्षत्र बहुत शुभ व पवित्र होता है. इसलिए इसमें तामसिक भोजन का सेवन न करें.
- मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र को ब्रह्माजी का श्राप मिला था. इसलिए अतिशुभ होने के बावजूद भी इस नक्षत्र में विवाह कार्य वर्जित माना गया है.
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