Grih Pravesh Rules 2022: हिंदू धर्म में गृहप्रवेश का महत्व बहुत है. घर को मंदिर की संज्ञा दी जाती है. हिंदू धर्म में घर में बिना पूजा पाठ के प्रवेश करना वर्जित माना जाता है. नया घर बनाया जाता है तो ऐसा कहा जाता है कि सबसे पहले इसमें ग्रह शांति की पूजा हो. दशो दिगपाल, रक्षपाल, ग्राम देवता और स्थान देवता की पूजा करके ही नूतन घर में प्रवेश करना चाहिए. तभी घर में माँ लक्ष्मी का वास होगा. ऐसे में कल यानी 3 मई मंगलवार के दिन अक्षय तृतीया की अति पावन सुगम तिथि है. इस शुभ तिथि को शुभ एवं मांगलिक कार्यों को करने के लिए अत्यंत फलदायी और विलक्षण माना जाता है. इस दिन भूमि पूजन और गृह प्रवेश से लेकर मुंडन, तिलक, विवाह तक के सभी संस्कार किये जा सकते हैं. ऐसे में यदि गृह प्रवेश करने जा रहें हैं तो इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
गृहप्रवेश के समय इन विशेष बातों का ध्यान रखें
- शुभ मुहूर्त में ही गृहप्रवेश संबंधी पूजा का प्रारंभ और अंत होना चाहिए.
- घर को फूल मालाओं से सुसज्जित करके मुख्य द्वार पर आम के पत्तों का वंदनवार बनाकर सजा देना चाहिए.
- घर ईशान कोण पर पूजा के लिए आवश्यकता अनुसार चौकी स्थापित करके उस पर नवग्रह, दसो दिगपाल, रक्षपाल, ग्राम देवता, स्थान देवता आदि को विधिवत स्थान देकर गृहस्वामी को गृहस्वामिनी के साथ पूजन करना चाहिए.
- मुख्य द्वार पर दोनों ओर जल भरे कलश पर दीपक जलाकर रखना चाहिए.
- सुहागिनों के साथ कन्या और गाय की पूजा करके, दायां पैर पहले अंदर करके प्रवेश करना चाहिए.
- मुख्य द्वार के बाद रसोईघर की पूजा जरूर कराई जाए.
- इस दिन रसोईघर में सर्वप्रथम दूध उबालना या दूध से जुड़ा पकवान बनाया जाना शुभ माना जाता है. इसीलिए चूल्हे पर खीर बनाई जाती है.
- गृहस्वामी गृहप्रवेश की पूजा के उपरांत सत्यनारायण व्रत कथा जरूर सुनें.
- विधि विधान से पूजा अर्चना करने के बाद इष्ट मित्रों के साथ प्रसाद वितरण किया जाए.
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