Gupt Navratri 2021: पंचांग के अनुसार 12 फरवरी शुक्रवार से माघ मास का शुक्ल पक्ष प्रारंभ हो रहा है. इसी शुक्ल पक्ष से माघ मास की गुप्त नवरात्रि 2021 भी प्रारंभ हो रही है. मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए गुप्त नवरात्रि 2021 का पर्व महत्वपूर्ण माना गया है.


वर्ष में चार नवरात्रि पर्व होते हैं
हिंदू धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व माना गया है. नवरात्रि के पर्व में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि मां दुर्गा की पूजा करने से सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं और जीवन में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है. एक वर्ष में कुल 4 नवरात्रि पर्व होते हैं. इन्हें शरद, चैत्र, माघ और आषाढ़ नवरात्रि कहते हैं. माघ और आषाढ़ मास में आने वाली नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं.


तंत्र-मंत्र की साधाना के लिए उत्तम है गुप्त नवरात्रि 2021
तंत्र मंत्र की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि को उत्तम माना गया है. ऐसा माना जाता है कि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली पूजा को जितना गुप्त रखा जाता है उतने ही उसके फलों में वृद्धि होती है.


कष्टों के निवारण के लिए करें दुर्गा सप्तशती का पाठ
गुप्त नवरात्रि में विधि पूर्वक पूजा करने से कई प्रकार के कष्ट दूर होते हैं. गुप्त नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का पाठ करना शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है. गुप्त नवरात्रि में नियमों का कठोरता से पालन करना चाहिए.


21 फरवरी को गुप्त नवरात्रि का समापन होगा
गुप्त नवरात्रि का आरंभ 12 फरवरी को होगा और समापन 21 फरवरी रविवार को किया जाएगा.


गुप्त नवरात्रि 2021 शुभ मुहूर्त
12 फरवरी को गुप्त नवरात्रि 2021 कलश स्थापना मुहूर्त (Gupt Navratri 2021 Kalash Sthapana) सुबह 8:34 से 9:59 बजे तक है. इस दिन पंचांग के अनुसार अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:13 से 12:58 बजे तक रहेगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि इस बार माघ गुप्त नवरात्रि 2021 दस दिनों की होगी. ऐसा इसलिए होगा क्योंकि 17 और 18 फरवरी को दोनों दिन षष्टी की तिथि होगी.


इन बातों का रखें ध्यान
माघ गुप्त नवरात्रि 2021 पर तंत्र, मंत्र और विशेष प्रकार की साधना के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. इस नवरात्रि पर दस महाविद्याएं की पूजा की जाती है. गुप्त नवरात्रि  2021में अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है. इसके साथ प्रातकाल और शाम के समय में पूजा और आरती करनी चाहिए. अष्टमी या नवमी के दिन कन्या पूजन कर व्रत का पारण करना चाहिए.


माघ गुप्त नवरात्र 2021- कार्यक्रम 
12 फरवरी: प्रतिपदा मां शैलपुत्री, घटस्थापना.
13 फरवरी: मां ब्रह्मचारिणी देवी पूजा.
14 फरवरी: मां चंद्रघंटा देवी पूजा.
15 फरवरी: मां कुष्मांडा देवी पूजा.
16 फरवरी: मां स्कंदमाता देवी पूजा.
17 और 18 फरवरी षष्ठी तिथि: मां कात्यानी देवी पूजा.
19 फरवरी सप्तमी तिथि: मां कालरात्रि देवी पूजा.
20 फरवरी अष्टमी तिथि: मां महागौरी, दुर्गा अष्टमी.
21 फरवरी नवमी तिथि: मां सिद्धिदात्री, व्रत पारण.


Maha Shivaratri 2021: महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को है, जानें निशिता काल