Gupt Navratri 2022: 30 जून से शुरू हो रहे गुप्त नवरात्र, जानें शेर कैसे बना मां दुर्गा का वाहन?
Gupt Navratri 2022: 30 जून 2022 से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि आरंभ होने जा रही है. तेज, शक्ति और सामर्थ्य मां दुर्गा का प्रतीक है और उनकी सवारी शेर है.
Gupt Navratri 2022: 30 जून 2022 से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि आरंभ होने जा रही है. जिस तरह चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. वैसे ही गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं के पूजन के दौरान अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है. तेज, शक्ति और सामर्थ्य मां दुर्गा का प्रतीक हैं और उनकी सवारी शेर प्रतीक है आक्रामकता और शौर्य का. आइए जानते हैं कि क्यों शेर मां दुर्गा का वाहन है और क्या है इसके पीछे की कथा?
मां पार्वती का शिकार करने आया शेर
एक बार देवी पार्वती घोर तपस्या में लीन थीं. उस दौरान वहां एक भूखा शेर देवी का शिकार करने के लिए वहां पहुंचा, लेकिन मां पार्वती तपस्या में इतनी डूबी थीं कि शेर काफी समय तक भूखे-प्यासे देवी पार्वती को चुपचाप निरंतर देखता रहा. देवी पार्वती को देखते-देखते शेर ने सोचा कि जब वो तपस्या से उठेंगी, तो वो उनको अपना आहार बना लेगा. लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
सालों तक भूखा बैठा रहा शेर
माता के प्रभाव के चलते वह शेर भी तपस्या कर रही मां के साथ वहीं सालों चुपचाप बैठा रहा. देवी पार्वती की तपस्या जब पूर्ण हुई तो भगवान शिव प्रकट हुए और मां पार्वती को गौरवर्ण यानी मां गौरी होने का वरदान दिया. तभी से मां पार्वती महागौरी कहलाने लगीं. इसके बाद मां ने देखा कि शेर भी उनकी तपस्या के दौरान सालों तक भूखा-प्यास बैठा रहा.
शेर को मिला मां दुर्गा की सवारी का वरदान
शेर के इस प्रयास से मां प्रसन्न हुईं. उन्होंने सोचा कि शेर को भी उसकी तपस्या का फल मिलना चाहिए तो उन्होंने शेर को अपनी सवारी बना लिया. इस तरह से सिंह यानि शेर, मां दुर्गा का वाहन बना और मां दुर्गा का नाम शेरावाली पड़ा.
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