Gupt Navratri 2022 Mantras: हिंदू पंचाग के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रि मनाए जाते हैं. जिनमें दो प्रत्यक्ष नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रि आती है. माघ माह में गुप्त नवरात्रि 2 फरवरी यानी आज से शुरू हो गए हैं, जिसका समापन 11 फरवरी को होगा. चैत्र और शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है. तो गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्या की पूजा-अर्चना की जाती है.


गुप्त नवरात्रि में तंत्र- मंत्र, तंत्र विद्या आदि सीखने वाले भक्त माता को प्रसन्न करते हैं. गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्या देवियां तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, काली, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बगलामुखी हैं. गुप्त नवरात्रि में गुप्त तरीके से पूजा-उपासना की जाती है. इस 10 दिनों में दस महा विद्याओं और उन देवियों के मंत्र का जाप करना बेहद लाभदायी माना जाता है. आइए जानें.  


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दस महाविद्याओं के लिए पूजा मंत्र:-


1. देवी काली:-


मंत्र – ‘ॐ क्रीं क्रीं क्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं स्वाहाः’


2. तारा देवी:-


मंत्र- ‘ॐ ह्रीं स्त्रीं हुं फट’


3. त्रिपुर सुंदरी देवी:-


मंत्र – ‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः’


4. देवी भुवनेश्वरी:-


मंत्र – ‘ॐ ऐं ह्रीं श्रीं नमः’


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5. देवी छिन्नमस्ता:-


मंत्र- ‘श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्र वैरोचनीयै हूं हूं फट स्वाहा:’


6. त्रिपुर भैरवी देवी:-


मंत्र- ‘ॐ ह्रीं भैरवी कलौं ह्रीं स्वाहा:’


7. धूमावती माता:-


मंत्र- ‘ॐ धूं धूं धूमावती देव्यै स्वाहा:’


8. बगलामुखी माता:-


मंत्र – ‘ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नम:’


9. मातंगी देवी:-


मंत्र- ‘ॐ ह्रीं ऐं भगवती मतंगेश्वरी श्रीं स्वाहा:’


10. देवी कमला:-


मंत्र- ‘ॐ हसौ: जगत प्रसुत्तयै स्वाहा:’  


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