Guru Ke Upay : बृहस्पति और शुक्र दो ऐसे ग्रह हैं, जो पुरुष और स्त्री का प्रतिनिधित्व करते हैं. मुख्य रूप से ये दो ग्रह वैवाहिक जीवन में सुख-दुख संयोग और वियोग का फल देते हैं. जिसमें पुरुष की कुंडली में शुक्र ग्रह, पत्नी एवं वैवाहिक सुख का कारक होता है और स्त्री की कुंडली में बृहस्पति. यह दोनों ग्रह स्त्री और पुरुष की कुंडली में जहां स्थित होते हैं और जिन स्थानों को देखते हैं, उनके अनुसार जीवनसाथी मिलता है और वैवाहिक जीवन में सुख की प्राप्त होती है. यानि बृहस्पति जिस भाव में होते हैं उस भाव के फल को कम करते हैं और जिस भाव पर उनकी दृष्टि होती है, उस भाव से संबंधित शुभ फल प्रदान करते हैं. 


ऐसा देखा गया है की जिस स्त्री अथवा पुरुष की कुंडली में गुरु सप्तम भाव में विराजमान होते हैं, उनका वैवाहिक जीवन विलंब से प्रारम्भ होता है या फिर किन्हीं कारणों से दांपत्य जीवन के सुख में कमी रहती है. पति-पत्नी में अनबन और क्लेश के कारण गृहस्थी में उथल-पुथल मची रहती है. यदि गुरु के कारण विवाह में विलंब हो रहा हो तो गुरु को प्रसन्न करना चाहिए. गुरु को प्रसन्न करने के लिए भगवान विष्णु की उपासना सर्वश्रेष्ठ होती है. 


कुंडली में गुरु अगर निर्बल हो तो, गुरु संबंधित क्षेत्रों के फल नहीं मिल पाते हैं. जैसे- संतान संबंधी अड़चन, आर्थिक तंगी, विवाह में देरी, पीठ में दर्द, गठिया, घुटनों में दर्द, लीवर में तकलीफ, पाचन शक्ति की तकलीफ आदि होने की संभावना बढ़ जाती है. 


कुंडली में अगर मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु या मीन लग्न या चंद्र राशि हो या गुरु लग्न, तृतीय, पंचम, षष्ठम, अष्टम या द्वादश भाव में हो तो जिस कन्या का विवाह नहीं हो रहा होता है, उसे विवाह कारक गुरु का रत्न (पुखराज) पहनना चाहिए. तीन रत्ती से ऊपर का पुखराज सोने की अंगूठी में जड़वाकर, गुरुवार के दिन, प्राण-प्रतिष्ठा कर सूर्यास्त के एक घंटे पहले तर्जनी अंगुली में धारण करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूरी होती हैं. 


गुरु कैसे होंगे प्रसन्न


जिन कन्याओं का विवाह होने में विलंब हो रहा हो या कई बार संबंध तय होकर टूट जाते हों उन कन्याओं को भगवान विष्णु की उपासना करना चाहिए देवगुरु को प्रसन्न करने के लिए नाराणय उपासना श्रेष्ठ है. 


गुरुवार का व्रत करें.


गुरुवार के दिन पीले रंग के वस्त्र करने चाहिए, इस दिन केले का सेवन नहीं करना चाहिए.


हल्दी, केसर, शक्कर, सेंधा नमक, शहद, बूंदी के लड्डू का दान करें .


गुरुवार के दिन पिता, गुरु, दादा, बड़े भाई को प्रणाम करें.


गाय की सेवा करें. किसी गौशाला में गुरुवार के दिन जाकर गायों को भोजन कराएं और कुछ देर उनके शरीर पर हाथ फेरते हुए उनसे अपने हृदय की बात कहें यह उपाय विवाह में विलंब के लिए बहुत ही कारगर साबित होते देखा गया है.


गरीब बच्चें को पढ़ाएं संभव होतो उसके स्कूल की फीस दें.


अपने गुरुजनों का सम्मान करें एवं उनको उपहार दें यदि गुरु ना हो तो किसी कर्मकांडी वृद्ध ब्राह्मण को बिना सिले वस्त्र का दान करना चाहिए. 


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