Guru Nanak Jayanti 2023: गुरु नानक जयंती आज, इस दिन प्रकाश पर्व मनाए जाने का क्या है उद्देश्य, यहां जानिए
Guru Nanak Jayanti 2023: कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक देव जी की जयंती मनाई जाती है. सिख धर्म के लोग इस दिन को प्रकाश पर्व के रूप में भी मानते हैं और गुरुद्वारे में गुरुग्रंथ साहब का पाठ किया जाता है.
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Guru Nanak Jayanti 2023: गुरु नानक जयंती सिख धर्म के लोगों के लिए बहुत ही लोकप्रिय पर्व है, जिसे हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है. गुरु नानक साहब को सिखों का पहला गुरु माना जाता है. इस साल गुरु नानक जयंती सोमवार, 27 नवंबर 2023 को है. इस वर्ष नानक देव जी की 554वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी.
गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन लोग गुरुद्वारे जाकर मत्था टेकते हैं और गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ करते हैं. साथ ही इस खास दिन पर गुरुद्वारे में भजन और कीर्तन का विशेष आयोजन भी किया जाता है. स्वयंसेवकों द्वारा भक्तों को लंगर भी परोसा जाता है. आइये जानते हैं गुरु नानक जयंती से जुड़ी सभी जरूरी बातें.
कौन हैं गुरु नानक (Guru Nanak Bio)
नानक जी का जन्म 1469 को पंजाब के तलवंडी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन हुआ था. यह स्थान अब पाकिस्तान में है. इस जगह को ननकाना साहिब भी कहा जाता है. इनके पिता का नाम कल्याण चंद और माता का नाम तृप्ता था. 16 साल की नानक जी ने दौलत खान लोदी के अधीन काम करना शुरू किया. इसके बाद 24 सितंबर 1487 को इनका विवाह माता सुलक्कनी के साथ हुआ. नानक सिख धर्म के संस्थापक थे. गुरु नानक जी द्वारा 974 भजनों का योगदान दिया गया है. सिख धर्म के लोग अपने गुरु की जयंती कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाते हैं.
गुरु नानक जयंती पर प्रकाश पर्व का महत्व (Prakash Parv on Guru Nanak Jayanti 2023)
गुरु नानक जी ने अपना पूरा जीवन समाज सुधार के कार्यों में समर्पित कर दिया. इन्होंने जात-पात और ऊंच-नीच के भेदभाव को दूर करने के लिए खास कदम उठाए और लोगों को इंसानियत व ईमानदारी की एकता के सूत्र में बांधने का कार्य किया. इसके लिए इन्होंने कई उपदेश दिए. नानक साहब द्वारा समाज सुधार के लिए ज्ञान का प्रकाश फैलाया गया है. यही कारण है कि इनकी जयंती को प्रकाश पर्व के रूप में भी मनाया जाता है.
गुरु नानक गुरु वाणी
इक ओंकार सतनाम करता पुरख
अकाल मूरत
अजूनी सभम
गुरु परसाद जप आड़ सच जुगाड़ सच
है भी सच नानक होसे भी सच
सोचे सोच न हो वे
जो सोची लाख वार
छुपे छुप न होवै
जे लाइ हर लख्ता
रउखिया पुख न उतरी
जे बनना पूरिया पार
सहास्यांपा लाख वह है
ता एक न चले नाल
के वे सच यारा होइ ऐ
के वे कूड़े टूटते पाल
हुकुम रजाई चलना ना
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