Guru Pradosh 2022: आज है गुरु प्रदोष व्रत, ये कार्य करने से होगी सभी मनोकामना पूरी
भगवान शिव को प्रदोष व्रत अति प्रिय है. कहते हैं कि जो प्रदोष व्रत रखता है भोलेनाथ उससे जल्द प्रसन्न होते हैं.
भगवान शिव को प्रदोष व्रत अति प्रिय है. कहते हैं कि जो भक्त सच्चे मन से भगवान शिव की अराधना करता है और प्रदोष व्रत रखता है भोलेनाथ उससे जल्द प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. हर माह की के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है. इस दिन विधि-विधान से पूजा करने और व्रत रखने से भक्तों के सभी दुख दूर होते हैं और संकटों से छुटकारा मिलता है.
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत आज यानी 14 अप्रैल के दिन है. इस दिन गुरुवार होने के कारण इसे गुरु प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और भगवान की उपासना करने से कुंडली में कमजोर गुरु मजबूत होता है. साथ ही, भोलेनाथ के साथ भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है. इस दिन प्रदोष काल में पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. साथ ही, पूजा के बाद आरती और मंत्र जाप करने से ही व्रत पूर्ण होता है. आइए जानते हैं प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के किन मंत्रों का जाप लाभकारी रहता है.
भगवान शिव के प्रिय मंत्र
- ऊँ नमः शिवाय।
- नमो नीलकण्ठाय।
- ऊँ पार्वतीपतये नमः।
- ऊँ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
- ऊँ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र-
ओम साधो जातये नम:।।
ओम वाम देवाय नम:।।
ओम अघोराय नम:।।
ओम तत्पुरूषाय नम:।।
ओम ईशानाय नम:।।
ऊँ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
रुद्र गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
8.महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
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