ग्रहों की उल्टी चाल उनकी सक्रियता को बढ़ा देती है. परिणामस्वरूप ग्रह गोचर का प्रभाव बढ़ जाता है. आगामी कुछ माह तक सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रहों में शामिल गुरु और शनि वक्री बने रहेंगे. शनिदेव पूर्व से वक्री हैं. गुरुदेव आज रात 8 बजकर 35 मिनट से वक्री हो गए हैं. उनकी उल्टी चाल 18 अक्टूबर 2021 को दिन 11 बजे पूर्ण होगी. वे पुनः मार्गी हो जाएंगे.


इन दो बड़े ग्रहों के प्रभाव से आगामी कुछ माह विभिन्न राशियों के लिए अप्रत्याशित और आकस्मिक परिणाम के साक्षी बन सकते हैं. न्याय और ज्ञान के ग्रहों की सक्रियता से समाज में अधिकार और अध्ययन में रुचि बढ़ेगी. जनता के कारक शनिदेव की कृपा से लोग न्याय पाएंगे. देश दुनिया में न्याय व्यवस्था मजबूत होगी. गुरु के प्रभाव अकादमिक शिक्षा व्यवस्था को गति मिलेगी. शिक्षण संस्थाओं में ऊर्जा का संचार होगा. गुरु की महत्ता बढ़ेगी.


देवगुरु को आधुनिकता का ग्रह भी माना जाता है. गुरु नवीन प्रयासों को गति दिलाएंगे. लोग बदली परिस्थितियों से बेहतर तालमेल बैठा पाएंगे. आर्थिक और वाणिज्यिक क्षेत्र को गति मिलेगी. शनिदेव की कृपा से लोगों का नजरिया सकारात्मक होगा. एक दूसरे के प्रति संवेदनशीलता दिखाएंगे. आपसी विश्वास और तालमेल से जीवन स्तर संवारेंगे.


अधिकारों के लिए सजग नजर आएंगे. शनिदेव 11 अक्टूबर 2021 से मार्गी होंगे. इस प्रकार बृहस्पति और शनैश्चर का यह उल्टी चाल के साथ उल्लेखनीय प्रयासों को भी बढ़ावा देगा. राशियों में इन उल्टी चालों का प्रभाव सर्वाधिक शनि की दोनों राशियों और मकर और कुंभ में रहेगा. इन राशि वालों को अतिरिक्त जोखिम से बचना ही उचित होगा.