Guru Vakri: Guru Vakri: मेष राशि में वक्री होंगे देवगुरु बृहस्पति, देश-दुनिया पर पड़ेगा ऐसा प्रभाव
Jupiter Retrograde: वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है। यह धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इसकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है.
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Guru Vakri Effects: हिंदू ज्योतिष में गुरु ग्रह को सबसे प्रभावकारी ग्रह माना गया है. ऐसा माना जाता है कि बृहस्पति ग्रह किसी जातक के जीवन में सुख, सौभाग्य और यश के कारक को प्रभावित करते हैं. हिंदू पंचांग के मुताबिक, गुरु ग्रह 04 सितंबर को मेष राशि में वक्री होंगे. ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि देवगुरु बृहस्पति 4 सितंबर को शाम 7:40 पर मेष राशि में वक्री होंगे और 31 दिसंबर को सुबह 8:10 पर मार्गी होंगे.
ज्योतिष के मुताबिक 27 नक्षत्रों में पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामित्व गुरु ग्रह को प्राप्त है. बृहस्पति धनु और मीन के स्वामी हैं, जो ज्ञान, बुद्धि, विस्तार, आध्यात्मिकता, शिक्षा, धन, धर्म, आध्यात्मिक प्रगति, शिक्षक और गुरु के कारक हैं. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सभी ग्रह एक निश्चित अंतराल पर राशि परिवर्तन करते हैं. इसके अलावा ग्रह मार्गी और वक्री चाल से चलते हुए भी अपना स्थान परिवर्तन करते हैं.
ज्योतिष में गुरु का महत्व
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को गुरु कहा जाता है.यह धनु और मीन राशि के स्वामी होते हैं और कर्क इसकी उच्च राशि है जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है.गुरु ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि के कारक माने जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति पर बृहस्पति ग्रह की कृपा बरसती है उस व्यक्ति के अंदर सात्विक गुणों का विकास होता है. इसके प्रभाव से व्यक्ति सत्य के मार्ग पर चलता है.
देवगुरु बृहस्पति धर्म, ज्ञान, दर्शन, घरेलू जीवन और संतान से संबंधित विषयों के संतुलन का प्रतिनिधित्व करते हैं. देवगुरु बृहस्पति का मुख्य क्षेत्र शिक्षा और ज्ञान के प्रसार से भी संबंधित होता है.जिन जातको की कुंडली में देवगुरु बृहस्पति उच्च भाव के होते है, उनके जीवन में देवगुरु बृहस्पति के आशीर्वाद से सभी प्रकार की शुभ प्रगति होती है और जातक के जीवन में सुख और समृद्धि में वृद्धि होती है.देवगुरु बृहस्पति जातक की आत्मिक शक्ति ,आध्यात्मिक शक्ति और विवेक भी प्रदान करते हैं.
बृहस्पति के वक्री होने का देश-दुनिया पर प्रभाव
बृहस्पति के वक्री होने से देश-दुनिया में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे. आर्थिक स्थितियों में अनचाहे बदलाव हो सकते हैं. राजनीति में उतार-चढ़ाव का दौर चलता रहेगा और कई राज्यों में सत्ता और संगठन में परिवर्तन की संभावना होगी. इसके अलावा देश की राजनीति में उथल-पुथल हो सकती है. विश्व में बहुत कुछ बदलाव देखने को मिलेगा.
राजनीति में बड़े स्तर पर बदलाव हो सकता है. मंहगाई घटेगी. देश में रोगों की कमी होगी. जमीन, मकान सस्ते होंगे. शिक्षा और रोजगार के लिए अच्छा समय रहेगा.साथ ही राजनीति से जुड़े लोगों के लिए भी अच्छा समय रहेगा. धर्म से जुड़े राजनेताओं का प्रभाव और बढ़ेगा.
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