Hajj Yatra 2023: सऊदी अरब पहुंचे हज तीर्थयात्री, जानिए हज यात्रा से जुड़े नियम और महत्व
Hajj Yatra 2023: सोमवार 26 जून से हज यात्रा की शुरुआत होगी. इस ऐतिहासिक तीर्थ यात्रा में लाखों की तादाद में हज यात्री सऊदी अरब पहुंचते हैं. बता दें कि हज (Hajj) इस्लाम के पांच स्तंभों में एक है.
Hajj Yatra 2023 in Saudi Arabia: हज की ऐतिहासिक तीर्थ यात्रा की शुरुआत मक्का से हो चुकी है. तीर्थयात्री तवाफ और काबा में परिक्रमा के साथ हज की यात्रा शुरू करते हैं. इस दौरान मुसलमान तीर्थयात्री सफेद रंग के कपड़े जिन्हें एहराम कहा जाता है, उसे पहनकर इस्लाम के पवित्र स्थल काबा की परिक्रमा और प्रार्थनाएं करते हैं.
हज क्या है?
हज इस्लामी तीर्थयात्रा है, जो हर साल मुस्लिम समुदाय के लोगों के पाक शहर मक्का में होता है. हज को इस्लाम धर्म के पांच स्तंभों में एक महत्वपूर्ण स्तंभ माना जाता है. प्रत्येक मुस्लिम चाहे वह महिला हो या पुरुष अपने जीवनकाल में उसे एक बार इस यात्रा को जरूर करना चाहिए. लेकिन इसके लिए यह भी जरूरी है कि, आप आर्थिक और शारीरिक रूप से हज यात्रा करने में सक्षम हो. आर्थिक और शारीरिक रूप से हज करने की स्थिति सक्षम होने पर इसे इस्ति'ताह कहा जाता है. वहीं जो मुस्लिम इस शर्त को पूरा करने में सक्षम होता है उसे मुस्ताती कहा जाता है.
हज यात्रा कब शुरू होती है?
इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के अनुसार, बारहवें और अंतिम महीने जिल-हिज्जा की 8 वीं तारीख से 12 वीं तारीख तक हज यात्रा होती है. इस साल 26 जून से हज यात्रा की शुरुआत हुई है. 26 जून से लेकर 1 जुलाई तक हज का आयोजन होगा और इसी दरमियान 28 जून 2023 को सऊदी अरब में बकरीद का पर्व मनाया जाएगा.
हज यात्रा का महत्व
हज यात्रा कठिन और मंहगी तीर्थयात्रा में एक मानी जाती है. इसके लिए पहले से रजिस्ट्रेशन करानी पड़ती है. कई लोग तो इस यात्रा को करने के लिए सालों तक बचत करते हैं. मान्यता है कि हज यात्रा करने वालों को पापों से मुक्ति मिलती है. कहा तो यह भी जाता है कि, जो हज यात्रा करता है वह अल्लाह के करीब हो जाता है. इस्लाम के पांच स्तंभों (शहादा, नमाज, रोजा,जकात, हज) में हज भी एक है.
हज यात्रा के नियम
हज यात्रा में शामिल होने वालों को इससे संबंधित नियमों और शर्तों का पालन करना जरूरी होता है. हज यात्रा में शामिल होने के लिए पहला नियम यह है कि उस शख्य का मुस्लिम होना अनिवार्य होता है. हज यात्रा में सभी जायरीन या हाजी (हज यात्री) को एहराम पहनना होता है. एहराम सफेद रंग का कपड़ा होता है, जोकि बिना सिला हुआ होता है. महिलाओं को अपने शरीर और बाल को पूरी तरह से ढकना अनिवार्य होता है.
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