हनुमान जयंती के पावन पर्व पर जानें क्यों प्रिय है बजरंगबली को सिंदूर
आज 16 अप्रैल के दिन देशभर में हनुमान जयंती मनाई जा रही है. हनुमान जी की जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ था. आज के दिन भगवान हनुमान का व्रत और पूजा पाठ किया जाता है.
आज 16 अप्रैल के दिन देशभर में हनुमान जयंती मनाई जा रही है. हनुमान जी की जन्म चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हुआ था. आज के दिन भगवान हनुमान का व्रत और पूजा पाठ किया जाता है. बजरंगबली की कृपा पाने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त कई तरह के उपाय करते हैं. उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाते हैं. ऐसे में हनुमान जी को सिंदूर भी अर्पित किया जाता है. उन्हें प्रसन्न करने के लिए चमेली का तेल और सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है.
इतना ही नहीं, हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सिंदूर से जुड़े और कई दूसरे उपाय भी किए जाते हैं. आज हनुमान जयंती के अवसर पर जानते हैं हनुमान जी को सिंदूर बेहद प्रिय क्यों है. आइए जानते हैं सिंदूर से जुड़ी कथा के बारे में.
क्यों प्रिय है हनुमान जी को सिंदूर
लंका पर विजय हासिल करने के बाद प्रभु श्री राम अयोध्या के राजा बन गए, तो हनुमान जी उनके साथ राम जी के सेवा के लिए अयोध्या में रहे. एक बार माता सीता स्नान के बाद श्रृंगार कर रही थीं, तो बजरंगबली उन्हें बड़े ध्यान से देख रहे थे. माता सीता अपनी मांग में सिंदूर लगा रही थीं, तो बजरंगबली ने सीता जी से पूछा कि ये आप क्या और क्यों लगा रही हैं.
हनुमान जी के इस प्रश्न को सुनकर माता सीता मुस्कुराने लगीं और जवाब देते हुए बताया कि वे प्रतिदिन माथे पर सिंदूर लगाती हैं, जिसे देखकर भगवान श्री राम बहुत प्रसन्न होते हैं. माता सीता की ये बात सुनकर हनुमान जी को आश्चर्य हुआ कि प्रभु को लाल रंग की वस्तु लगाने से बहुत प्रसन्नता होती है. ऐसे में प्रभु श्री राम को प्रसन्न करने का कोई भी अवसर बजरंगबली अपने हाथ से कैसे जाने दे सकते थे. माता सीता के थोड़े से सिंदूर से प्रभु श्री राम इतने प्रसन्न होते हैं, तो क्यों न मैं पूरे शरीर पर ही सिंदूर लगा लूं. मुझे देखकर भगवान श्री राम अत्यंत प्रसन्न हो जाएंगे. हनुमान जी पूरे शरीर पर सिंदूर लगाकर राम दरबार में पहुंच गए.
हनुमान जी के इस स्वरूप को देख राम दरबार में हर कोई हंसने लगा. प्रभु राम और माता सीता भी मुस्कुराने लगे. राम ने हनुमान जी से पूरे शरीर पर सिंदूर लगाने की वजह जाननी चाही तो उन्होंने बताया कि माता सीता माथे पर सिंदूर लगाती हैं, तो आप प्रसन्न होते हैं. इस वजह से मैंने अपने पूरे शरीर पर ही सिंदूर लगा लिया ताकि आप अति प्रसन्न हो जाएं. हनुमान जी का ये जवाब सुनकर प्रभु श्री राम और माता सीता मुस्कुराने लगे और हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए तभी से सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है.
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