Hanuman Jayanti 2023 Live: हनुमान जयंती आज, सुबह से शाम तक का पूजा मुहूर्त जानें
Hanuman Jayanti 2023 Live: 6 अप्रैल को हनुमान जयंती का पर्व धूमधाम के साथ देशभर में मनाया जा रहा है. इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से आशीर्वाद मिलता है और संकटमोचन की कृपा से सभी संकट दूर हो जाते हैं.
आज 7 अप्रैल को देशभर में धूमधाम और श्रद्धापूर्वक हनुमान जयंती का पर्व मनाया गया. अब अगले साल 2024 में हनुमान जयंती का पर्व मंगलवार 23 अप्रैल 2023 को मनाया जाएगा.
अगर आप आज हनुमान जयंती पर रात में पूजा कर रहे हैं, तो इसके लिए शाम 06:42 से रात 08:07 तक का समय शुभ रहेगा.
हनुमान जयंती पर भगवान को सिंदूर, चोला और चमेली का तेल चढ़ाएं. फिर बरगद के आठ पत्तों को काले धागे में पिरो लें. इन पत्तों में सिंदूर से श्री राम लिखकर हनुमानजी को चढ़ा दें. इससे शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या दूर हो जाती है. साथ ही संकटों से भी मुक्ति मिलती है.
आज चैत्र माह की पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जा रही है. इसके बाद अब कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. हनुमान जयंती वर्ष में दो बार मनाए जाने की परंपरा है.
हनुमान जी त्रेतायुग के कर्णधारक श्रीराम की अनन्य भक्ति करते हुए द्वापर युग में श्री कृष्ण के समक्ष भी उपस्थित हुए और वहां भी उन्होंने श्रीकृष्ण को श्रीराम के रूप में दर्शन देने का आग्रह किया. उन्हीं की आज्ञा पाकर हनुमान महाभारत काल में युद्ध के दौरान अर्जुन के रथ पर सवार होने को राजी हुए. वीर हनुमान अपनी भक्ति, बल बुद्धि से चारों युगों में पूजनीय बने हुए हैं.
आज हनुमान जयंती के दिन राम भक्त और हनुमान भक्त बजरंगबली की पूज करेंगे. हनुमान जी की पूजा के लिए हनुमान जन्मोत्सव के दिन को विशेष माना जाता है. लेकिन इसी के साथ आप मंगलवार और शनिवार के दिन भी हनुमान जी की पूजा करें. मंगलवार और शनिवार का दिन भी हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता है.
- ॐ तेजसे नम:
- ॐ प्रसन्नात्मने नम:
- ॐ शूराय नम:
- ॐ शान्ताय नम:
- ॐ मारुतात्मजाय नम:
आज हनुमान जयंती के दिन अगर आप शाम में हनुमान जी की पूजा करने वाले हैं तो इसके लिए शाम 05:07 से शाम 06:41 तक का मुहूर्त शुभ रहेगा.
आज हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान जी को केसरिया लड्डुओं का भोग लगाएं. ऐसा करने से केसरी नंदन प्रसन्न होंगे और हर काम में सफलता मिलेगी.
अगर आप लंबे समय किसी समस्या या परेशानी में घिरे हुए हैं. तो हनुमान जयंती के दिन आज 21 बार बजरंग बाण का पाठ कर लें. संकटमोचन हनुमान की कृपा से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी.
हनुमान जयंती के दिन जरुरतमंदो को लाल रंग के कपड़े, लाल फल जैसे सेब, गुड़, दीप दान और तुलसी का दान करना करना चाहिए. कहते हैं इससे बजरंगबली बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं और मंगल के अशुभ प्रभाव में कमी आती है.
हनुमान जयंती पर आज सबसे पहले घर में बजरंगबली की प्रतिमा पर गंगाजल से अभिषेक करें. अब एक साफ वस्त्र से प्रतिमा को पोछें. सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर हनुमान जी के चरणों में लगाएं और फिर प्रतिमा पर ऊपर से लेकर पैरों तक उन्हें चोला चढ़ाएं. जनेऊ, साफ वस्त्र पहनाएं.
जयंती का मतलब होता है किसी ऐसे व्यक्ति का जन्मदिन जो जीवित नहीं है. वहीं जन्मोत्सव का मतलब होता है जो व्यक्ति दुनिया में जीवित हो उसका जन्मदिन. इसलिए हम किसी को भी जन्मदिन की बधाई देते हैं तो शुभ जयंती नहीं बल्कि शुभ जन्मोत्सव कहते हैं, इसलिए हनुमान जी के जन्मदिन की तिथि को भी जयंती नहीं बल्कि जन्मोत्सव कहना सही है. क्योंकि कहा जाता है कि भगवान हनुमान आज भी सशरीर इस धरती पर मौजूद हैं.
हनुमान जयंती के दिन नारियल लेकर हनुमान मंदिर में जाएं और उसे अपने ऊपर से सात बार वारते हुए हनुमान जी के सामने फोड़ दें. इस उपाय को करने से आपकी सारी बाधाएं दूर हो जाएंगी.
वृषभ राशि के जातको के लिए दिन अनुकूल रहने वाला है. आपको अपने कामों को जल्दबाजी में निपटाना होगा, लेकिन फिर भी आप अपनी आंख व कान खुले रखें. माता जी आपको यदि कोई कार्य सौपें, तो उसमें ढील ना बरते. आप भविष्य के कुछ योजनाओं को जीवन साथी से बातचीत किए बिना ही बना सकते हैं.
हनुमान जयंती के दिन शाम के समय हनुमान मंदिर जाएं और बजरंगबली को केवड़े का इत्र और गुलाब की माला चढ़ाएं. साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें. मान्यता है कि इससे धन लाभ मिलता है और शत्रु शांत होते हैं.
हनुमान जयंती के दिन मेष राशि के जातक जिम्मेदारी से कार्य पूरे करेंगे. आपको नौकरी में यदि कुछ कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था तो हनुमान जी की कृपा से वह भी आज दूर होगी. घूमने फिरने के दौरान आपको कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो सकती है.
हनुमान जंयती के दिन हनुमान जी का आशीर्वाद पाने के लिए उन्हें चमेली के तेल में सिंदूर मिलाकर उन्हें लेप लगाएं. ऐसा करने से बजरंगबली प्रसन्न होते हैं और कुंडली में कई प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है. हनुमान जी को लाल रंग का फूल और गुड़हल का फूल अर्पित करने से आने वाले संकटों का नाश होता है.
हनुमान जयंती के दिन घर में सुंदरकांड का पाठ करें और गरीबों में बूंदी के लड्डू का प्रसाद के रूप में बांटें. मान्यता है कि आज के दिन ये उपाय करने से संतान संबंधी समस्या दूर हो सकती है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार हनुमान जी का शरीर व्रज के समान बलवान है, वे कंधे पर जनेऊ, सिर पर स्वर्ण मुकुट और हाथ में गदा धारण किए होते हैं. अत्यंत महाबली होने के कारण उन्हें बजरंगबली कहा जाता है. बजरंग का अर्थ है केसरी रंग और बली का अर्थ होता है शक्तिशाली या बलवान.
हनुमान जंयती के दिन शुभ मुहूर्त में सुन्दरकाण्ड, हनुमान चालीसा और शनि चालीसा का पाठ करने से शनि दोष से राहत मिलती है. इस दिन हनुमान जी की पूजा में काले तिल का तेल और नीले रंग के फूल का प्रयोग करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं. इस दिन काली गाय की सेवा करने से शनि देव की कृपा होती है. हनुमान जयंती के दिन सूर्यास्त के बाद शनि देव की पूजा करें. बरगद और पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और दूध-धूप आदि अर्पित करें. इसके बाद हाथ जोड़ कर शनि दोष से मुक्ति के लिए प्रार्थना करें.
हनुमान जयंती की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 6 मिनट से 7 बजकर 40 मिनट तक का था. इसके बाद आप दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट से 1 बजकर 58 मिनट तक पूजा कर सकते हैं. वहीं शाम को पूजा का शुभ मुहूर्त 5 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 7 मिनट तक है.
मेष- रामचरित मानस के बालकांड का पाठ करें और नौ कन्याओं को भोजन कराएं.
वृषभ- ऊँ नमों हनुमंत नमः मंत्र की एक माला जाप करें और बच्चों को मिष्ठान खिलाएं.
मिथुन- हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान मंदिर में 11 दीपक जलाएं.
कर्क- रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें और भिक्षुकों को भोजन कराएं.
सिंह- हनुमान अष्टक का पाठ करें और हनुमान मंदिर में ध्वजा अर्पित करें.
कन्या- सुन्दरकाण्ड का पाठ करें और गाय को हरी घास खिलाएं.
तुला- बजरंग बाण का पाठ करें और हनुमान मंदिर में पीले पेड़े अर्पित करें.
वृश्चिक- हनुमान चालीसा का पाठ करें और बन्दरों को मीठा रोट खिलाएं.
धनु- हनुमान कवच का पाठ करें और मंदिर में हनुमान चालीसा भेंट करें.
मकर- जय श्रीराम के मंत्र का 51 बार जाप करें और लड्डु का भोग लगाएं.
कुंभ- सुंदरकांड का पाठ करें और मछलियों को आटे की गोलियां डालें.
मीन- अयोध्याकांड का पाठ करें और घर के बुजुर्गा के नाम से वृद्धाश्रम में भोजन कराएं.
महिलाएं हनुमान जयंती पर बजरंगबली की पूजा करते वक्त बजरंग बाण का पाठ न करें. इसके साथ ही हनुमान जी की मूर्ति के सामने झुककर प्रणाम न करें, क्योंकि हनुमान लला के लिए सभी महिलाएं माता के समान है. स्त्रियों को हनुमान जयंती पर मंगलवार के व्रत का संकल्प नहीं लेना चाहिए. स्त्रियां पीरियड्स के समय व्रत-पूजन नहीं कर सकती है, ऐसे में व्रत का अनुष्ठान टूट जाएगा और पूजा का फल नहीं मिलेगा.
अगर आप संकटों से घिरें हैं और कुछ रास्ता समझ नहीं आ रहा है या फिर अनजाना भय आपको डरा रहा है तो हनुमान जयंती के दिन 21 बार बजरंग बाण का पाठ करें. बजरंग बाण हर बाधा की काट है. इससे शत्रु शांत होता है और डर से मुक्ति मिलती है.
हनुमान जयंती के दिन बजरंगबली को उनके प्रिय भोग रोट, बूंदी के लड्डू, गुड़ चना, इमरती या जलेबी, केसर भात का नेवैद्य लगाएं. बालाजी आपकी हर मनोकामना पूर्ण करेंगे और कष्टों का नाश होगा.
सपने में बालाजी यानी हनुमान जी का का बालस्वरूप दिखे तो समझ लें कि बहुत जल्द आपको कार्यस्थल पर नई जिम्मेदारी मिल सकती है. ये उन्नति का संकेत है. वहीं अगर हनुमान का पंचमुखी रूप सपने में दिखाई दे तो ये शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने का संकेत है. बजरंगबली सपने में उड़ते हुए दिखें तो ये इशारा है कि आपके मान-सम्मान में वृद्धि होगी और धन लाभ होगा.
हनुमान की श्रीराम से पहली बार मुलाकात उस समय हुई जब सबरी के यहां से विदा होकर श्रीराम छोटे भाई लक्ष्मण के साथ उदास स्थिति में किष्किंधा पर्वत में विचरण कर रहे थे. हनुमान श्रीराम और लक्ष्मण को कंधे पर बैठाकर सुग्रीव के पास ले गए. इसके बाद बजरंगबली श्रीराम की भक्ति में लीन हो गए और उनके प्रिय भक्त कहलाए.
शनि देव ने हनुमान जी को वरदान दिया था कि जो बजरंगबली की भक्ति करेगा वह उस व्यक्ति को परेशान नहीं करेंगे. ऐसे में हनुमान जयंती के दिन शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए बजरंगबली को सिंदूरी रंग का लंगोट, लाल फूल, पान का पीड़ा और गुड़-चना चढ़ाएं. फिर कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें. मान्यता है इससे शनि की महादशा से राहत मिलती है.
- हनुमान जी की पूजा में चरणामृत और पंचामृत का उपयोग वर्जित है.
- स्त्रियां बजरंगबली की मूर्ति को छूए नहीं. सिर्फ पुरुष ही उन्हें चोला चढ़ाएं.
- राहुकाल और सूतक काल में हनुमान जी की पूजा नहीं करनी चाहिए.
- हनुमान जी के साथ श्रीराम और माता अंजनी की पूजा भी करें.
- हनुमान जयंती के दिन मास मदिरा, तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए, इससे दोष लगता है.
- हनुमान पूजा और व्रत करने वाले हनुमान जयंती और उससे एक दिन पूर्व ब्रह्मचर्य का पालन करें.
त्रैतायुग में राजा दशरथ में पुत्र प्राप्ति के लिए एक हवन किया था, इसके प्रसाद की खीर राजा दशरथ की तीनों रानियों को बांटी तभी खीर का एक हिस्सा पक्षी ले गया. उधर तपस्या कर रही माता अंजना की हाथ में ये खीर गिर गई. देवी अंजना ने खीर ग्रहण की. प्रसाद के प्रभाव से माता के गर्भ से मारुति का जन्म हुआ, उस दिन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि थी. मारुति को ही हनुमान कहा जाता है.
मेष राशि - मेष राशि वालों को हनुमान जयंती पर आर्थिक लाभ होगा, नौकरी के अवसर मिलेंगे, संपत्ति के मामले सुलझेंगे.
वृषभ राशि - हनुमान जयंती का दिन वृषभ राशि वालों के लिए शुभ रहेगा. आत्मविश्वास में वृद्धि होगी.
सिंह राशि - सिंह राशि वालों पर हनुमान जी की विशेष कृपा बरसेगी. नौकरी में उन्नति होगी. परिवार का साथ मिलेगा.
मीन राशि - मीन राशि के लोग हनुमान जयंती पर संतान पक्ष से खुशखबरी प्राप्त करेंगे.
कुंभ राशि - हनुमान जयंती के दिन कुंभ राशि के लोगों लाभदायक होने वाली है. लंबे समय से अटके काम पूरे होंगे.
हनुमान जी पर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें. लाल वस्त्र पहनें और फिर सिंदूर में चमेली का तेल मिलाकर बजरंगबली को चोला चढ़ाएं. सरसों के तेल का दीपक लगाकर ऊं श्री हनुमते नम: मंत्र 108 बार जाप करें. बजरंगबली को गुड़, चने का भोग लगाएं. इस दिन हनुमान चालीसा का पाठ, हनुमान बाहुक, बजरंग बाण और सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. कहते हैं इस दिन घर में हनुमान जी का वास होता है. बजरंगबली की पूजा के साथ श्रीराम और माता अंजनी की पूजा भी करें.
- ऊं श्री हनुमते नम:
- ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि। तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥
- मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। वातात्मजम् वानरयूथमुख्यम् श्रीरामदूतम् शरणम् प्रपद्ये॥
- 'ॐ नमो भगवते हनुमते नम:।'
- 'ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा।'
हनुमान जयंती पूर बजरंगबली की पूजा के लिए पूजा की चौकी, लाल कपड़ा, लाल लंगोट, पंचामृत, जल कलश, जनेऊ, सिंदूर, चमेली का तेल, गंगाजल, चांदी/सोने का वर्क, अक्षत, चंदन, गुलाब के फूलों की माला, इत्र, भुने चने, गुड़, नारियल, केला, चूरमा, बनारसी पान का बीड़ा, दीपक, धूप, अगरबत्ती, कपूर, सरसो का तेल, घी, तुलसी पत्र.
Hanuman Jayanti 2023: हनुमान जयंती पर इस बार बेहद सुखद संयोग बन रहा है. 6 अप्रैल 2023 को महालक्ष्मी योग बन रहा है. इस योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में आर्थिक स्थिति को अच्छा बनाए रखने में सहायक होता है. गुरुवार का दिन होने के कारण इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी माता की कृपा एक साथ प्राप्त की जा सकेगी. सभी शुभ योगों में महालक्ष्मी योग को बहुत उत्तम योग माना जाता है.
शुभ का मुहूर्त (उत्तम) - सुबह 06.06 - 07.40 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त - सुबह 11.59 - दोपहर 12.49
लाभ का मुहूर्त (उन्नति) - दोपहर 12.24 - दोपहर 01.58
शाम का मुहूर्त (शुभ) - शाम 05.07 - शाम 06.41
रात्रि मुहूर्त (अमृत) - शाम 06.42 - रात 08.07
बैकग्राउंड
Hanuman Jayanti 2023 Live: पंचांग के अनुसार चैत्र महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन राम भक्त हनुमानजी का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन को भगवान हनुमान जी के जन्मोत्सव के रूप में हर साल मनाया जाता है. इस साल हनुमान जयंती गुरुवार 06 अप्रैल 2023 को है.
वैसे तो हिंदू धर्म में मंगलवार और शनिवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए समर्पित होता है. लेकिन हनुमान जी की पूजा के लिए हनुमान जयंती के दिन को विशेष माना जाता है. इस दिन किए पूजा-पाठ, व्रत, उपाय, मंत्रोचारण आदि से बजरंगबली की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन की सारी परेशानियों से मुक्ति मिलती है.
Hanuman Jayanti 2023 Muhurt in Hindi (हनुमान जयंती 2023 मुहूर्त)
चैत्र पूर्णिमा तिथि आरंभ: बुधवार 5 अप्रैल 2023, सुबह 09:19 मिनट पर
चैत्र पूर्णिमा तिथि समाप्त: गुरुवार 6 अप्रैल 2023, सुबह 10:04 पर
हनुमान जयंती गुरुवार 06 अप्रैल 2023 को है. इस दिन सुबह 06 बजकर 06 से लेकर सुबह 07 बजकर 40 मिनट तक पूजा की जा सकती है. इसके बाद दोपहर में 12 बजकर 24 मिनट से 01 बजकर 58 मिनट का समय भी हनुमान जी की पूजा के लिए शुभ है. अगर आप शाम को पूजा कर रहे हैं तो इसके लिए शाम 05:07 से 08:07 से बीच पूजा कर सकते हैं. वहीं हनुमान जयंती पर अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 59 से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा.
हनुमान जयंती पूजा विधि
हनुमान जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि करें और इसके बाद साफ कपड़े पहन ले. भगवान को सिंदूर और चंदन का तिलक करें. इसके बाद फूल, फल, पान का बीड़ा, सुपारी, लाल रंग का लंगोट, तुलसी दल, नैवेद्य, लड्डू, अक्षत आदि अर्पित कर घी का चौमुखी दीपक जलाएं. इसके बाद हनुमान जी मंत्रों का उच्चारण करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें. हनुमान जयंती के दिन चोला चढ़ाने से भी भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं.
हनुमान जयंती का महत्व
मान्यता है कि जो भक्त हनुमान जयंती के दिन श्रद्धा और निष्ठा से बजरंगबली की पूजा करते हैं, उनके रोग-दोष दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है. साथ ही ऐसे लोग जिनपर शनि की अशुभ दृष्टि जैसे शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या आदि चल रही होती है, वे अगर हनुमान जयंती के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करें तो शनि का प्रभाव कम होता है.
Disclaimer : यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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