Chaitra Purnima 2021Date: चैत्र पूर्णिमा का पर्व बहुत ही पावन और पवित्र माना गया है. पूर्णिमा के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. चैत्र पूर्णिमा के दिन व्रत रखने की परंपरा भी है. इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. मान्यता है कि भगवान विष्णु की पूजा इस दिन विधि पूर्वक करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होती हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने ब्रज में महारास रचाया था. चैत्र पूर्णिमा पर विशेष योग भी बन रहा है. इस दिन सिद्धि योग बन रहा है. चंद्रमा तुला राशि में विराजमान रहेंगे.
चैत्र पूर्णिमा पर दान का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार चैत्र पूर्णिमा के दिन किया गया दान उत्तम माना गया है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना भी उत्तम माना गया है लेकिन इस समय कोरोना के कारण नदी स्नान संभव नहीं है, लेकिन घर में रहकर इस दिन जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. चैत्र मास हिन्दू वर्ष का प्रथम मास माना गया है. इस दिन चैत्र मास का समापन भी हो रहा है. 28 अप्रैल से वैशाख मास का आरंभ होगा.
चंद्रमा की होती है पूजा
चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की विशेष पूजा की जाती है. रात्रि के समय चंद्रमा की पूजा करने से चंद्रमा की शुभता प्राप्त होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की जन्म कुंडली में चंद्रमा अशुभ हैं उन्हें चैत्र पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को जल चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने चंद्रमा की शुभता में वृद्धि होती है.
हनुमान जयंती है इस दिन
चैत्र पूर्णिमा की तिथि पर हनुमान जयंती का पर्व भी मनाया जाएगा. इस कारण इस दिन का महत्व अधिक बढ़ जाता है. इस दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है.
चैत्र पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि
चैत्र पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद हनुमान जी की पूजा करें और भगवान शिव का अभिषेक करें. रात्रि के समय चंद्रमा निकलने पर चंद्रमा को जल अर्पण करना चाहिए. इस दिन दान आदि भी करना चाहिए.