Happy Makar Sankranti 2023 Live: मकर संक्रांति का पुण्य काल इस समय तक, जानें इस दिन स्नान-दान का खास महत्व
Happy Makar Sankranti 2023 Live: आज मकर संक्रांति है, जानें दान-स्नान का शुभ मुहूर्त और सूर्य देव की पूजन विधि. संक्रांति की बधाई देना चाहते हैं तो ये खूबसूरत Messages, Quotes, Wishes, Image भेजें.
मकर संक्रांति के दिन पूरे देश में पतंग उड़ाई जाती है, इसलिए इस दिन को पतंग पर्व भी कहा जाता है. संक्रांति पर पतंग उड़ाने का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व है.तमिल की तन्नाना रामायण के अनुसार,पतंग उड़ाने की परंपरा भगवान श्रीराम ने शुरु की थी. मकर संक्रांति के दिन भगवान श्री राम ने जो पतंग उड़ाई थी, वो इंद्रलोक तक पहुंच गई थी. यही वजह है कि इस दिन पतंग उड़ाई जाती है.
मकर संक्रांति का दिन उत्तम पुण्य देने वाला होता है. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है. भगवान की पूजा अर्चना करने, सूर्य देव को अर्घ्य देने, ब्राह्मणों को दक्षिणा देने और श्राद्ध आदि कर्म करने के लिए अच्छा समय होता है. इस दिन खिचड़ी बनाना और खिचड़ी का दान करना भी बहुत शुभ माना जाता है.
मकर संक्रांति के दिन काले तिल का दान, स्नान में उपयोग और इसका सेवन करने की परंपरा है. इस दिन काले तिल के उपयोग से सूर्य और शनि दोनों प्रसन्न होते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव जब शनि देव और अपनी पत्नी छाया से मिलने उनके घर गए थे, तो शनि देव ने उनका स्वागत काले तिल से ही किया था. अपने इस स्वागत से सूर्य देव बेहद प्रसन्न हुए थे जिसके बाद उन्होंने शनि को धन-धान्य का आशीर्वाद दिया था. तभी से मकर संक्रांति की पूजा और दान में तिल का उपयोग किया जाता. इससे शनि देव और सूर्य देव दोनों प्रसन्न रहते हैं.
मकर संक्रांति पर तिल, गुड़, खिचड़ी,कंबल और चावल का दान बाम्हण या फिर जरूरतमंदों में जरूर करें. इससे भगवान सूर्य प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. भगवान सूर्य की कृपा से आरोग्य और दीर्घ जीवन के साथ मान-सम्मान का भी लाभ मिलता है.
मकर संक्रांति के दिन सूर्य पूजा के महत्व के बारे में बताया गया है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से जीवन में नई ऊर्जा शक्ति, तेजस्विता और आरोग्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है. सूर्य को अर्घ्य देने के बाद एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर सूर्य देव की प्रतिमा या तस्वीर को स्थापित करें. सूर्य देव को हल्दी और चंदन का तिलक करें और अक्षत चढ़ाएं. उन्हें लाल फूल अर्पित करें और धूप-दीप जलाएं. इसके बाद सूर्य देव को तिल, गुड़ और खिचड़ी का भोग लगाएं.
मकर संक्राति के दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व होता है. इस दिन उन्हें प्रसन्न करने के लिए सूर्य देव मंत्रों का जाप जरूर करें. इस दिन सूर्य के खास मंत्र 'ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः' का जाप करते हुए उन्हें अर्घ्य दें.
मकर संक्रांति के दिन दान-दक्षिणा का खास महत्व होता है. आज का पुण्य काल सुबह 7:15 से शाम 5:46 तक रहेगा और महा पुण्य काल सुबह 7:15 से 9:00 बजे तक रहने वाला है. पुण्य काल में दान करने सूर्य और शनि दोनों की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
आज के दिन सुबह स्नान के बाद सबसे पहले अपने पितरों को जल से तर्पण देना चाहिए. इसके बाद लोटे में गंगाजल, पानी, अक्षत, लाल पुष्प, गुड़ और काला तिल डालकर इससे सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके बाद विधि पूर्वक सूर्य चालीसा और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ कर उनकी पूजा करें. घी के दीपक से सूर्य देव की आरती कर पूजा का समापन करें.
उदया तिथि के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व आज मनाया जा रहा है. आज के दिन गंगा स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. जो लोग गंगा स्नान नहीं कर सकते हैं वो घर पर ही पानी में गंगा जल और थोड़ा सा काला तिल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. आज महा पुण्यकाल का समय सुबह 7 बजकर 17 मिनट से सुबह 9 बजकर 04 मिनट तक है. इस समय स्नान करने बेहद पुण्यकारी माना जाता है.
खिचड़ी का विशेष धार्मिक महत्व है और इसका संबंध ग्रहों से भी है. साथ ही स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी खिचड़ी सबसे अच्छा और सुपाच्य भोजन माना जाता है. लेकिन रविवार के दिन खिचड़ी खाना शास्त्रानुकूल नहीं माना गया है. मान्यता है कि रविवार के दिन काली उड़द की दाल से बनी खिचड़ी का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि काली उड़द की दाल और खिचड़ी शनि देव से संबंधित भोजन है. ज्योतिष के अनुसार रविवार के दिन शनि से संबंधित चीजों का सेवन करने से कुंडली में सूर्य कमजोर होता है.
इस साल मकर संक्रांति बालव करण में होगी जिसके फलस्वरूप संक्रांति व्याघ्र पर सवार होकर आएगी. ऐसी संक्रांति भय और चिंता देने वाली मानी जाती है. इससे लोगों को ठंड का प्रकोप झेलना पड़ेगा और विभिन्न बड़े देशों के बीच ही यह संघर्ष बढ़ने की स्थिति को जन्म देने वाली हो सकती है लेकिन यदि अपने देश की बात करें तो सरकारी क्षेत्र के लोगों को इस संक्रांति का फायदा मिलेगा और महंगाई में कमी भी आएगी.
पंचांग के अनुसार, सूर्य देव धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर गए हैं. इनके प्रवेश करते ही मकर संक्रांति शुरू हो गई है. हालांकि मकर संक्रांति का त्योहार उदयातिथि के अनुसार 15 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा.
उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी. मकर संक्रांति के दिन पुण्य और महापुण्य काल में स्नान और दान करना चाहिए. मकर संक्रांति की शुरुआत 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 21 मिनट पर होगी.
- पुण्य काल: 15 जनवरी, सुबह 07 बजकर 17 मिनट से शाम 05 बजकर 55 मिनट तक
- महापुण्य काल : 15 जनवरी, सुबह 07 बजकर 17 मिनट से सुबह 09 बजकर 04 मिनट तक
पंचांग के अनुसार, इस साल सूर्य शनिवार, 14 जनवरी की रात में 08:21 मिनट पर पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे. शास्त्रों में दान और स्नान का शुभ मुहूर्त उदया तिथि में माना जाता है. इसीलिए उदया तिथि के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व रविवार, 15 जनवरी को मनाया जाएगा. दान, पुण्य और स्नान का शुभ मुहूर्त भी 15 जनवरी के दिन ही होगा.
- मकर संक्रांति पर दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है. इस दिन जिन लोागें की कुंडली में शनि और सूर्य अशुभ हैं. वे इस दिन काले तिल का दान कर सकते हैं.
- काले तिल का दान करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलती है.
- मकर संक्रांति के दिन काले तिल से सूर्य देव की पूजा की जाती है. इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और घर धन धान्य से भर जाएगा.
- मकर संक्रांति के दिन अगर आपके घर पर कोई भिखारी, साधु, बुजुर्ग या असहाय व्यक्ति आता है तो उसे कभी भी खाली हाथ न जाने दें. इस दिन स्नान के पहले कुछ भी खाना-पीना नहीं चाहिए.
पुराणों के अनुसार, जब शनि देव का जन्म हुआ तो उनका काला रंग देखकर सूर्य देव क्रोधित हो गए और उनके जन्म के दौरान कहा कि ऐसा पुत्र मेरा नहीं हो सकता. शनि के जन्म के बाद से ही सूर्य देव ने शनि देव और उनकी माता छाया को अलग कर दिया. यह दोनों जिस घर में रहते थे उसका नाम कुंभ था.
पंचांग के अनुसार, सूर्य बस कुछ घंटों बाद धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करने वाले हैं. वे 14 जनवरी को शाम 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे. इनके गोचर करते ही मकर संक्रांति शुरू हो जायेगी, परंतु मकर संक्रांति का स्नान और दान 15 जनवरी को होगा. जानें शुभ मुहूर्त.
मकर संक्रांति 2023 मुहूर्त
- मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)
- मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:17 - सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)
सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मकर संक्रांति शुरू हो जाती है और इस दिन से ही सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं. इस दिन से पूरे छह महीना तक सूर्य उत्तरायण रहते हैं और देवता जागृत अवस्था में रहते हैं. इस वजह से खरमास की समाप्ति होती है, जिससे छह महीना तक सभी शुभ कार्य किए जाते हैं.
सूर्य उत्तरायण का पहला दिन होने के कारण लोगों को शुद्ध मन से भगवान की पूजा करनी चाहिए. इस दिन नदियों में स्नान करना उत्तम माना गया है. नदियों के जल में धारा प्रवाह होती है और नदी के धरातल में बालू होते हैं जिसके कारण अशुद्ध चीजें धारा में बह जाती है और शुद्ध बालू रहते हैं. नदी में स्नान करने से तन और मन दोनों शुद्ध हो जाता है.
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के दिन अगर नदियों में अगर स्नान नहीं करते हैं तो कहीं भी स्नान करके ही भोजन ग्रहण करें. इस दिन स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. इस दिन जो ऐसा नहीं करता है धार्मिक मान्यता के अनुसार वह पिचास बनता है.
मकर संक्रांति पर तुलादान का विशेष महत्व है. शास्त्रों के अनुसार तुलादान हमेशा शुक्लपक्ष के रविवार के दिन करना चाहिए. ऐसे में इस बार मकर संक्रांति के दिन शुक्लपक्ष की रविवार होने से तुलादान का महत्व और भी बढ़ जाएगा. तुलादान से नवग्रह से जुड़ी समस्या खत्म हो जाती है. इसे महादान के बराबर बताया गया है. मकर संक्रांति पर तुलादान से जीवन का हर कष्ट खत्म हो जाता है और समृद्धि, धन, सुख में वृद्धि होती है.
मकर संक्रांति के दिन काले तिल से सूर्य देव की पूजा की जाती है. मान्यता है इससे शनि दोष शांत होता है. साथ ही काले तिल का दान करने से शनि की साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलती है.
मकर संक्रांति पर खिचड़ी के उपयोग से नवग्रह की कृपा प्राप्त होती है साथ ही आरोग्य का वरदान मिलता है. कहते हैं खिचड़ी के चावल चंद्रमा और शुक्र ग्रह की शांति के लिए बहुत लाभकारी है. वहीं काली दाल के सेवन और दान से शनि, राहू-केतु के दुष्प्रभाव समाप्त होते हैं. हल्दी का संबंध बृहस्पति से है. खिचड़ी में घी का संबंध सूर्य से है. खिचड़ी के साथ गुड़ खाने का भी विधान है जिसका संबंध मंगल से है. वहीं हरि सब्जियों का संबंध बुध से है.
मेष - गुड़ के दान से मिलेगी सुख-समृद्धि
वृषभ - दही, तिल, सफेद कपड़ा
मिथुन - मूंग दाल, कंबल
कर्क - चांदी, चावल
सिंह - तांबा, गेहूं
कन्या - खिचड़ी, हरे कपड़े
तुला - शक्कर, कंबल, गर्म कपड़े
वृश्चिक - मूंगा, लाल वस्त्र, तिल
धनु - खड़ी हल्दी, तिल
मकर - काले तिल, कंबल
कुंभ - खिचड़ी, तिल, उड़द दाल
मीन - चने की दाल, चावल, तिल
मेष - मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. नौकरी में तरक्की मिलेगी.
कन्या - परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं कन्या राशि के लोगों को जल्द सफलता मिलेगी. शेयर मार्केट से जुड़े लोगों को अच्छा लाभ होगा.
वृश्चिक - वृश्चिक राशि के जातकों में साहस का संचार होगा. नौकरी में पदोन्नति मिल सकती है. नया काम शुरू करने का अनुकूल समय है.
मकर - मकर संक्रांति पर आपको हर कार्य में सफलता मिलेगी. पुरानी बीमारी से भी छुटकारा मिल सकता है. तरक्की के नए रास्ते खुलेंगे.
मकर संक्रांति पर घर में पानी मेंं गंगाजल और तिल डालकर स्नान करें. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा स्नान-दान करने से व्यक्ति के सभी दुख मिट जाते हैं और जीवन में सुख का आगमन शुरू हो जाता है. मकर संक्रांति पर स्नान का शुभ समय सुबह 07:17 - सुबह 09:04 तक है.
मकर संक्रान्ति पुण्य काल - सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल - सुबह 07:17 - सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)
बैकग्राउंड
Happy Makar Sankranti 2023 Live: देश भर में मकर संक्रांति के पर्व को लेकर उत्साह है. श्रद्ध, और भक्तिभाव के इस पर्व को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. मकर संक्रांति को पोंगल, खिचड़ी, माघी, उत्तरायण आदि जैसे नामों से भी जाना जाता है. मकर संक्रांति का त्योहार रविवार 15 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा. इस बार इस पर्व पर क्या विशेष है. इसकी पौराणिक मान्यता क्या है? इस पर्व से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी यहां दी जा रही है-
मकर संक्रांति पर सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं. जब सूर्य की गति दक्षिण की ओर से उत्तर की ओर होती है तो उसे उत्तरायण और जब उत्तर की ओर से दक्षिण की ओर होती है तो उसे दक्षिणायण कहा जाता है. शास्त्रों में सूर्य उत्तरायण काल को बहुत ही शुभ माना गया है. सूर्य जब मकर, कुंभ, वृष, मीन, मेष और मिथुन राशि में होते हैं, तब उसे उत्तरायण कहा जाता है.
मकर संक्रांति कब है? (Makar Sankranti 2023 Kab Hai)
वैसे तो मकर संक्रांति का पर्व प्रत्येक वर्ष 14 जनवरी के दिन ही मनाया जाता है लेकिन इस साल मकर संक्रांति की तिथि को लेकर लोगों में असमंजस है. पंचांग के अनुसार, इस साल सूर्य शनिवार, 14 जनवरी की रात में 08:21 मिनट पर पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे.
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat January 2023)
पुण्य काल - 15 जनवरी 2023 को सुबह 7 बजकर 17 मिनट से शाम 5 बजकर 55 मिनट तक
महा पुण्य काल - 15 जनवरी 2023: सुबह 7 बजकर 17 मिनट से सुबह 9 बजकर 04 मिनट तक
मकर संक्रांति पर दान का महत्व (Daan)
मकर संक्रांति पर दान-दक्षिणा का विशेष महत्व है. इस दिन जिन लोागें की कुंडली में शनि और सूर्य अशुभ हैं. वे इस दिन काले तिल का दान कर सकते हैं. मकर संक्रांति पर दान का फल कई गुना बताया गया है. इस दिन शुभ मुहूर्त में दान आदि के कार्य करने से जीवन में शुभता आती है. जीवन की बाधाएं दूर होती है. सुख-समृद्धि बनी रहती है.
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