Hariyali Amavasya 2022: हरियाली अमावस्या क्यों है इतनी खास, जानें वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण
Hariyali Amavasya 2022 Importance: हिंदू धर्म में पेड़ पौधों को ईश्वर का स्थान देकर उनकी पूजा की जाती है. हरियाली अमावस्या का धार्मिक महत्व के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व भी है.
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Hariyali Amavasya 2022 Scientific Approach: हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) के दिन पेड़ पौधों के रोपण का कार्य किया जाता है. इससे पर्यावरण को संरक्षण प्राप्त होता है. धरती हरी भरी हो जाती है. पेड़ पौधों में अनंत शक्तियां विद्यमान रहती हैं. जो प्रकृति का अनुपम उपहार है. इससे हम सभी को शुद्ध ऑक्सीजन (Oxygen) प्राप्त होती है. मौसम भी पूरी तरह से नियंत्रित रहता है. हिंदू धर्म में पेड़ों को ईश्वरीय शक्ति से परिपूर्ण माना जाता है.
ऐसा कहा जाता है कि पीपल का पेड़ लगाने से मनुष्य को सैकड़ों यज्ञ के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. शमी का वृक्ष लगाने से शरीर निरोगी बनता है. अशोक का वृक्ष लगाने से समस्त रोग दूर हो जाते हैं. इसी तरह के विचारों को ध्यान में रखते हुए वृक्ष को संतान के रूप में पूजा जाता है.
हरियाली अमावस्या कब है? (Hariyali Amavasya 2022 Date)
हरियाली अमावस्या ( Hariyali Amavasya 2022) 28 जुलाई दिन गुरुवार श्रावण मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या को मनाई जाएगी.
- हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022 Date) का प्रारंभ : 27 जुलाई दिन बुधवार को रात 8:20 से होगा.
- अमावस्या का समापन (Hariyali Amavasya 2022 End Date) : 28 जुलाई दिन गुरुवार को रात 10:16 पर
हरियाली अमावस्या का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व (Hariyali Amavasya 2022 Importance)
हरियाली अमावस्या के दिन पेड़ पौधे लगाने से प्रकृति हरी भरी हो जाती है इससे पर्यावरण शुद्ध और संतुलित होता है हमें प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होता है जो हमारे जीवन का आधार है संपूर्ण संसार में ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए वृक्ष लाभदायक होते हैं इसलिए हिंदू धर्म में अमावस्या (Amavasya) के दिन पृथ्वी को हरी-भरी बनाने का संकल्प लिया जाता है. हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) के दिन पितरों को प्रसन्न रखने के लिए हवन पूजा और श्राद्ध तर्पण भी किया जाता है. हरियाली अमावस्या के दिन विशेष तौर पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है.
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