Hariyali Amavasya 2023: साल 2023 की हरियाली अमावस्या क्यों है खास, जानें महत्व और शुभ मुहूर्त
Hariyali Amavasya 2023: 17 जुलाई को हरियाली अमावस्या का पर्व मनाया जाएगा. इसी दिन सावन की दूसरी सोमवारी और कर्क संक्रांति भी है. जानिए हरियाली अमावस्या के मुहूर्त, महत्व, उपाय से लेकर सभी जरूर बातें.

Sawan 2023, Hariyali Amavasya 2023: सावन महीने की अमावस्या तिथि को हरियाली अमावस्या या श्रावणी अमावस्या कहा जाता है. सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय है. ऐसे में श्रावण माह की अमावस्या को भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
इस दिन पूर्वजों के निमित्त पिंडदान एवं दान-पुण्य के कार्य किए जाते हैं. हरियाली अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करके पितरों को पिंडदान, श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस साल सावन माह की अमावस्या 17 जुलाई को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाई जाएगी.
सावन की दूसरी सोमवारी पर हरियाली अमावस्या
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि सावन का दूसरा सोमवार 17 जुलाई को हैं. सावन के दूसरे सोमवार को हरियाली अमावस्या भी है. अमावस्या होने की वजह से इस दिन सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है और सोमवती अमावस्या के दिन शिव पूजा से पितृ दोष, शनि दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. इसी दिन सूर्य कर्क संक्रांति भी है.
17 जुलाई को हरियाली अमावस्या पर शुभ योग
17 जुलाई 2023 को सूर्य देव का कर्क राशि में प्रवेश होगा. सूर्य का गोचर कर्क राशि में होने से कर्क राशि में बुधादित्य नामक राजयोग बनने जा रहा है. इस राजयोग के प्रभाव से सूर्य देव की कृपा बरसेगी. शास्त्रों में इस अमावस्या पर पूजा-पाठ, स्नान-दान करना उत्तम माना गया है. साथ ही पर्यावरण की दृष्टि से भी हरियाली अमावस्या का बहुत महत्व है. वहीं हरियाली अमावस्या पर कुछ विशेष वृक्षों की पूजा करने से ग्रह दोष भी दूर होते हैं. सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य अनीश व्यास जी ने बताया कि इसके हरियाली अमावस्या का पर्व जीवन में पर्यावरण के महत्व को भी बताता है. किसानों के लिए भी महत्वपूर्ण मानी जाती है. इस दिन किसान अपने खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों की पूजा करते हैं और ईश्वर से अच्छी फसल होने की कामना करते हैं. इस दिन पवित्र नदी में स्नान करके पितरों को पिंडदान, श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2023 Date)
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस साल श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 17 जुलाई 2023 को है. ऐसे में इसी दिन हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी. उदया तिथि तिथि के आधार पर हरियाली अमावस्या 17 जुलाई को मनाई जाएगी.
- हरियाली अमावस्या का प्रारंभ- 16 जुलाई को रात 10:08 मिनट से
- अमावस्या का समापन- 18 जुलाई को रात 12:01 मिनट पर होगा.
हरियाली अमावस्या का महत्व (Hariyali Amavasya Significance)
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सावन के महीने में कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि के अगले दिन हरियाली अमावस्या होती है. इस दिन पेड़-पौधों की विशेष रूप से पूजा की जाती है. इस दिन पीपल और तुलसी के पौधे की पूजन का विशेष महत्व है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है.
पितरों की शांति के लिए करें उपाय (Hariyali Amavasya Upay)
- ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हरियाली अमावस्या के दिन किसी योग्य ब्राह्मण को घर बुलाकर भोजन करवाएं.
- इस दिन किसी नदी किनारे श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करें. साथ ही गाय को चारा भी खिलाएं.
- हरियाली अमावस्या के दिन मछलियों के लिए नदी में आटे की गोलियां डालें.
- नदी में काले तिल प्रवाहित करें.
पीपल और तुलसी पूजन का महत्व (Pipal and Tulsi Puja)
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि, हरियाली अमावस्या के दिन वृक्ष पूजा की प्रथा अनुसार पीपल और तुलसी के पेड़ की पूजा की जाएगी. वृक्षों में देवताओं का वास माना जाता है. इस दिन पितृ तर्पण भी किया जाता है. इससे पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है.
शांति और समृद्धि
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि सावन माह में पड़ने वाली इस हरियाली अमावस्या पर विशेष तरह का भोजन भी बनाया जाता है, जो कि ब्राम्हणों को खिलाया जाता है। खास बात यह है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा भी की पूजा की जाती है. हरियाली अमावस के दिन भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा की जाती है. मान्यता है कि श्रावण अमावस्या के दिन शिव भगवान की पूजा करने से घर में सुख और शांति के साथ समृद्धि भी आती है.
हरियाली अमावस्या पर लगाएं राशि के अनुसार पेड़-पौधे (Rashi and Upay)
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हरियाली अमावस्या पर राशि अनुसार करें पेड़ पौधों की पूजा-
- मेष राशि: आंवले का पौधा
- वृषभ राशि: जामुन का पौधा
- मिथुन राशि: चंपा का पौधा
- कर्क राशि: पीपल का पौधा
- सिंह राशि: बरगद या अशोक का पौधा
- कन्या राशि: शिवजी का प्रिय बेल का पौधा, जूही का पौधा
- तुला राशि: अर्जुन या नागकेसर का पौधा
- वृश्चिक राशि: नीम का पौधा
- धनु राशि : कनेर का पौधा
- मकर राशि: शमी का पौधा
- कुंभ राशि: कदंब या आम का पौधा
- मीन राशि: बेर का पौधा
हरियाली अमावस्या पर नवग्रह उपाय (Upay in Hindi)
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि हरियाली अमावस्या पर नवग्रह को प्रसन्न करने के लिए ग्रहों के अनुसार करें पेड़ पौधों की पूजा
- गुरु ग्रह के लिए: पीपल का पौधा
- शुक्र ग्रह के लिए: गूलर का पौधा
- शनि ग्रह के लिए: शमी का पौधा
- सूर्य ग्रह के लिए: सफेद मदार या आक का पौधा
- चंद्र ग्रह के लिए: पलाश का पौधा
- बुध ग्रह के लिए: अपामार्ग का पौधा
- मंगल ग्रह के लिए: खैर या शिशिर का पौधा
- राहु ग्रह के लिए: चंदन और दूर्वा का पौधा
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