Hariyali Teej 2021: हरियाली तीज प्रमुख रूप से महिलाओं का त्योहार है, जिसे वह कठिन तप और त्याग कर पति की लंबी उम्र और संतान के सुख के लिए रखती हैं. सौंदर्य, प्रेम का यह उत्सव शिव-पार्वतीजी के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इस व्रत के जरिए सुहागिनें अपने मायके और ससुराल के रिश्तों को भी और गहरा बनाती हैं. सावन में जब पूरी धरती हरियाली से भरी रहती है तो इस व्रत के दिन महिलाएं झूले झूलती हैं, लोक गीत गाकर इस उत्सव का आनंद लेती हैं. इस दिन देश में कई जगह मेले लगते हैं और मां पार्वती की धूमधाम से सवारी निकाली जाती है.


परंपरा से भरी है हरतालिका तीज
1. नवविवाहित युवतियों के लिए शादी के बाद पहले सावन के त्योहार के तौर पर हरतालिका तीज का विशेष महत्व है. इस दिन लड़कियों को ससुराल से पीहर बुला लिया जाता है.
2.  त्योहार से एक दिन पहले सिंजारा होता है, जब नवविवाहित युवती की ससुराल से वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार का सामान, मेहंदी और मिठाई मायके भेजी जाती है.
3. इस दिन मेहंदी लगाने का भी महत्व है. महिलाएं और युवतियां हाथों पर तरह-तरह की कलाकृति बनाती हैं. सुहाग की निशानी आलता भी पैरों में लगाया जाता है. 
4. तीज पर सुहागिन स्त्रियां सास के पांव छूकर उन्हें सुहागी देती हैं. सास नहीं होने पर जेठानी या किसी अन्य वृद्धा को सुहागी दी जाती है.
5. इस दिन महिलाएं 16 श्रृंगार करते हुए नए वस्त्र पहनकर मां पार्वती की पूजा करती हैं.
6. महिलाएं और युवतियां खेत या बाग में झूले झूलकर लोक गीत पर नाचती-गाती हैं.


व्रत पूजन विधि
शिवपुराण के अनुसार हरियाली तीज पर शिवजी और माता पार्वती का पुनर्मिलन हुआ, इसलिए सुहागन स्त्रियों के लिए महिलाएं महादेव और पार्वती की पूजा-अर्चना करती हैं. इस दिन सफाई कर घर को तोरण मंडप से सजाएं. चौकी पर मिट्टी में गंगाजल से शिवलिंग, भगवान गणेश, माता पार्वती और सखियों की प्रतिमा बनाएं. देवताओं का आह्वान कर षोडशोपचार पूजन करनी चाहिए. यह व्रत पूजन रातभर चलता है. इस दौरान महिलाएं जागरण-कीर्तन भी करती हैं.


इन्हें पढ़ें : 
Sawan 2021 Upay: इस सावन करें ये खास उपाय, दूर होगी विवाह संबंधी सारी परेशानी


Sawan 2021: सावन की शिवरात्रि होती है अति विशेष, जानें तिथि, मुहूर्त व पारण समय