Hariyali Teej 2022 LokGeet: हरियाली तीज में क्यों गाए जाते हैं लोकगीत? जानिए कौन से लोकगीत इस दिन को बनाते हैं खास
Hariyali Teej Song: हरियाली तीज में में जहां महिलाएं सोलह श्रृंगार करके निर्जला व्रत रखती हैं, वहीं इस दौरान महिलाएं झूला झूलती हैं, लोकगीत गाती हैं और आनन्द मनाती हैं.
![Hariyali Teej 2022 LokGeet: हरियाली तीज में क्यों गाए जाते हैं लोकगीत? जानिए कौन से लोकगीत इस दिन को बनाते हैं खास hariyali teej 2022 knows legend behind hariyali teej and the special folk songs Hariyali Teej 2022 LokGeet: हरियाली तीज में क्यों गाए जाते हैं लोकगीत? जानिए कौन से लोकगीत इस दिन को बनाते हैं खास](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/15/f9277e7ee1b5f204f75808ad79cc7d091657900348_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Hariyali Teej Lok Geet Lyrics: हर साल श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हिन्दू पंचांग के अनुसार हरियाली तीज (Hariyali Teej) मनाई जाती है. इस साल तृतीया तिथि 31 जुलाई 2022, रविवार के दिन पड़ेगी. हिन्दू धर्म में इस हरियाली तीज का काफी अधिक महत्व होता है. इसी महीने से अगले चार महीने तक कई तीज पर्व शुरू हो जाते हैं. हरियाली तीज में जहां सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं, वहीं हरियाली तीज का व्रत कुंवारी लड़कियां मनचाहा वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं. सावन के इस पूरे महीने शिव और पार्वती के अटूट संबंध को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. हरियाली तीज के दिन, महिलाएं सोलह श्रृंगार करके एक जगह इकट्ठा होती हैं और झूलों पर बैठ कर लोक गीत गाती हैं. आइए जानते हैं हरियाली तीज में गाए जाने कुछ लोकगीत के बारे में..
इस दिन गाए जाते हैं ये लोकगीत
झुला झूल रही सब सखियां. . . .
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,
राधा संग में झूलें कान्हा झूमें अब तो सारा बाग़,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,
नैन भर के रस का प्याला देखे श्यामा को नदं लाला,
घन बरसे उमड़ उमड़ के देखों नृत्य करे बृज बाला,
छमछम करती ये पायलियाँ खोले मन के सारे राज,
झुला झूल रही सब सखियाँ, आई हरयाली तीज आज,
अम्मा मेरी रंग भरा जी
अम्मा मेरी रंग भरा जी, ए जी कोई आई हैं हरियाली तीज।
घर-घर झूला झूलें कामिनी जी, बन बन मोर पपीहा बोलता जी।
एजी कोई गावत गीत मल्हार,सावन आया...
कोयल कूकत अम्बुआ की डार पें जी, बादल गरजे, चमके बिजली जी।
एजी कोई उठी है घटा घनघोर, थर-थर हिवड़ा अम्मा मेरी कांपता जी।
नांनी नांनी बूंदियां
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा,
एक झूला डाला मैंने बाबल के राज में,
बाबुल के राज में...
संग की सहेली हे सावन का मेरा झूलणा,
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा.
ए झूला डाला मैंने भैया के राज में,
भैया के राज में..
गोद भतीजा हे सावन का मेरा झूलणा,
नांनी नांनी बूंदियां हे सावन का मेरा झूलणा...
सावन दिन आ गए
अरी बहना! छाई घटा घनघोर, सावन दिन आ गए.
उमड़-घुमड़ घन गरजते, अरी बहना! ठण्डी-ठण्डी पड़त फुहार.
सावन दिन...
बादल गरजे बिजली चमकती, अरी बहना! बरसत मूसलधार.
सावन दिन...
कोयल तो बोले हरियल डार पे, अरी बहना! हंसा तो करत किलोल.
सावन दिन...
वन में पपीहा पिऊ पिऊ रटै, अरी बहना! गौरी तो गावे मल्हार.
सावन दिन...
सखियां तो हिलमिल झूला झूलती, अरी बहना! हमारे पिया परदेस.
सावन दिन...
लिख-लिख पतियां मैं भेजती, अजी राजा सावन की आई बहार.
सावन दिन...
हमरा तो आवन गोरी होय ना, अजी गोरी! हम तो रहे मन मार.
सावन दिन...
राजा बुरी थारी चाकरी,
अजी राजा जोबन के दिन चार
सावन दिन...
ये भी पढ़ें :-
Hariyali Teej 2022: महिलाओं के लिए बेहद खास है हरियाली तीज व्रत, मिलता है अखंड सौभाग्य और मनवाछित वर
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)