Hariyali Teej 2023: हरियाली तीज पर बहू सास को क्यों देती है बायना, जानें महत्व और इसकी विधि
Hariyali Teej 2023 Bayana: 19 अगस्त 2023 को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाएगा. हरियाली तीज पर बहू अपनी सास को बायना जरुर देती हैं. क्यों हरियाली तीज पर बायना दिया जाता है
Hariyali Teej 2023 Bayana: सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 19 अगस्त 2023 को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हरियाली तीज का पर्व सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास माना जाता है.
हरियाली तीज पर बहू अपनी सास को बायना जरुर देती हैं. ये परंपरा सालों से चली आ रही है. क्यों हरियाली तीज पर बायना दिया जाता है, क्या है इसका महत्व है.
हरियाली तीज पर बहू क्यों सास को देती है बायना
सुहागिनें हरियाली तीज पर पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं. शास्त्रों के अनुसार पूजा-पाठ के बाद घर के बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेने का विधान है. इससे पूजा सफल होती है भगवान प्रसन्न होते हैं. यहीं वजह है कि इस सुहाग पर्व में बहू बायना देकर अपनी सास या नंद से आशीर्वाद लेती हैं. बायना सिर्फ सुहागिन महिलाओं को ही दिया जाता है. इसमें सुहाग की समाग्री और फल होते हैं. एक और मान्यता के अनुसार ऐसा करने से सास-बहु के संबंधों में मिठास आती है. पारिवार में सुख-शांति का माहौल रहता है
सास को कैसे दें बायना
धार्मिक मान्यता के अनुसार तीज में दिए जाने वाले दान सामग्री को बायना कहा जाता है. सबसे पहले एक कटोरी में मोंठ, बाजरा और उसके ऊपर कुछ रुपए रख दें. फिर रोली और चावल चढ़ाकर इसकी पूजा करें. सास को तिलक करें और फिर खुद भी माथे पर टीका लगाएं. इसके बाद सास या नंद के पैर छूकर उन्हें बायना दें.
हरियाली तीज पर क्या करती हैं महिलाएं
हरियाली तीज का व्रत करवा चौथ के व्रत के जैसा ही होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं और पूरे 16 श्रृंगार कर के भगवान शिवजी और माता पार्वती की पूजा करती हैं. इस दिन मेहंदी लगाने का भी विशेष महत्व है. सावन के महीने में जब संपूर्ण धरा पर हरियाली की चादर बिछी रहती है, प्रकृति के इस मनोरम क्षण का आनंद लेने के लिए महिलाएं झूले झूलती हैं व लोक गीत अथवा तीज के गीत गाकर उत्सव मनाती हैं.
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