Hariyali Teej: हिंदू धर्म में हर तीज-त्योहार का काफी महत्व होता है. सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है. हरियाली तीज का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. यह त्योहार नाग पंचमी से दो दिन पहले मनाया जाता है. ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अनीष व्यास ने बताया कि हरियाली तीज 19 अगस्त को मनाई जाएगी.
सुहागन स्त्रियां रखती हैं व्रत
हरियाली तीज पर सुहागन स्त्रियां पति की लंबी आयु और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह शृंगार करती हैं. हाथों में मेहंदी लगाती हैं, सावन मास के गीत गाती हैं. महिलाएं हरियाली तीज को एक उत्सव के तौर पर मनाती हैं. इस दिन खास पूजन विधि से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
हरियाली तीज की पूजन विधि
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि तीज के दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करती हैं. साफ सुथरे कपड़े पहने के बाद भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेती हैं. इस दिन बालू के भगवान शंकर व माता पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है और एक चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सहेली की प्रतिमा बनाई जाती है.
इसके बाद माता को श्रृंगार का सामान अर्पित करें. भगवान शिव, माता पार्वती का आवाह्न करें. माता-पार्वती, शिव जी और उनके साथ गणेश जी की पूजा करें. शिव जी को वस्त्र अर्पित करें और हरियाली तीज की कथा सुनें. उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये’ मंत्र का जाप भी कर सकती हैं.
ध्यान रहे कि प्रतिमा बनाते समय भगवान का स्मरण करते रहें और पूजा करते रहें. पूजन-पाठ के बाद महिलाएं रात भर भजन-कीर्तन करती है और हर प्रहर को इनकी पूजा करते हुए बिल्व-पत्र, आम के पत्ते, चंपक के पत्ते एवं केवड़ा अर्पण करने चाहिए और आरती करनी चाहिए.
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