Hariyali Teej 2023 Highlight: हरियाली तीज आज, सिर्फ इतने बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त
Hariyali Teej 2023 Puja Time LIVE: इस बार शनिवार 19 अगस्त 2023 को हरियाली तीज व्रत रखा जाएगा.इस दिन सुहागिनें निर्जला व्रत करती हैं. जानते हैं हरियाली तीज की संपूर्ण जानकारी.
हरियाली तीज व्रत का पारण रात में चांद की पूजा के बाद करें. व्रत खोलते समय सबसे पहले पूजा में चढ़ाया भोग ग्रहण करें. मिठाई खाएं और फिर पानी पिएं. इसके बाद शुद्ध घी से बना भोजन खाएं. इस दिन तामकिस भोजन नहीं करना चाहिए. लहसुन-प्याज से युक्त भोजन भी न करें.
दिल्ली - रात 08.10
चंडीगढ़ - रात 08.11
जयपुर - रात 08.17
पटना - रात 07.39
भोपाल - रात 08.12
लखनऊ - रात 07.56
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06.57 - रात 07.19
प्रदोष काल मुहूर्त - शाम 06.57 - रात 08.19
अमृत काल - शाम 05.44 - रात 07.32
हरियाली तीज के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं दिन में बिल्कुल नहीं सोएं. पूरी श्रद्धा से भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें. इस दिन काले और सफेद रंग के वस्त्र, चूड़ियां न पहनें.
हरियाली तीज का व्रत कथा के बिना अधूरा है. इसलिए शंकर-पार्वती की विधि-विधान से पूजा के बाद कथा का जरुर श्रवण करें और झूला-झूलें. पूजा के बाद माता रानी को चढ़ाया हुआ सिंदूर मांग में भरें और पति की लंबी आयु की कामना करें. इसके बाद अपनी सास या सास के समान किसी महिला को सुहाग का सामान देकर उनसे आशीर्वाद लें.
शादी के बाद का पहला हरियाली तीज व्रत मायके में रखा जाता है. यदि संभव नहीं हो तो ससुराल में भी मना सकते हैं. इस व्रत में हरे रंग का विशेष महत्व है. इससे शिव जी अति प्रसन्न होते हैं. इसलिए महिलाएं इस दिन हरे रंग के वस्त्र पहनकर ही पूजा करें.
हरियाली तीज व्रत के नियम बहुत कठोर होते हैं. इसलिए इस साल जो स्त्रियां पहली बार हरियाली तीज का व्रत रख रही हैं, उन्हें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. जैसे कि हरियाली तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है, ध्यान रहे हरियाली तीज में निर्जला व्रत अगले दिन सूर्योदय तक रखा जाता है.
सुखी वैवाहिक जीवन के लिए हरियाली तीज के दिन दूध में हल्दी और केसर मिलाकर ‘‘ऊँ गृहस्थ सुख सिद्धये रुद्राय नमः।” मंत्र बोलते हुए शिवलिंग पर अभिषेक करें.
शीघ्र विवाह के लिए इस दिन पीले कपड़े में सवा किलो चने की दाल, पांच हल्दी की गांठ, पांच गुड़ की डली, पांच पीले पुष्प, पांच पीले सिक्के-पांच जनेऊ हल्दी से रंगे हुए, पंचरत्न और पांच हकीक पत्थर डालकर अपने घर के मंदिर में रख दें और नित्य धूप-अगरबती करके शीघ्र विवाह की प्रार्थना करें.
हरियाली तीज का पर्व मां पार्वती और शिवजी के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. अगर आप भी अपने वैवाहिक जीवन में शिव-पार्वती जैसा प्रेम चाहती हैं या फिर शिव जी की तरह ही पति की कामना करती हैं तो आप हरियाली तीज पर इन उपायों को जरूर करें.
वैवाहिक जीवन की समस्याओं को दूर करने के लिए हरियाली तीज के दिन माता पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें. पति और पत्नी के बीच प्रेम बढ़ेगा, साथ ही समस्याएं भी दूर होंगी. इस दिन आप दूध में केसर मिलाकर शिव पार्वती का अभिषेक करें. इससे भी लाभ होगा.
हरियाली तीज के दिन आज रवि योग का संयोग बन रहा है. इस दिन पूजा के सुबह का शुभ मुहूर्त सुबह 07:30 बजे से 09:08 तक था. इसके बाद पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:25 बजे से शाम 05:19 बजे तक रहेगा.
इस व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती और गणेशजी की मिट्टी की प्रतिमा बनाते है फिर उन्हें सुन्दर चमकीले वस्त्र और गहने से सजाकर एक पत्ते या चौकी में विराजित करते हैं. इसके बाद उनकी विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. हरियाली तीज की कथा सुनने के बाद मन में माता पार्वती से अपने पति की लम्बी आयु की कामना करें फिर भगवान गणेश व शिवजी की आरती करें. इसके बाद माता पार्वती की आरती करें और सास को बायना देकर उनका आशीर्वाद लें.
हरियाली तीज व्रत में महिलाएं सोलह शृंगार करके शिव और पार्वती की पूजा करती हैं. माना जाता है कि इससे उनके पति की आयु में वृद्धि होती हैं. कुंवारी कन्याओं के लिए भी यह व्रत फायदेमंद साबित होता है. जो कुंवारी कन्याएं यह व्रत रखती हैं, उनके विवाह में आने वाली सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है. इस व्रत का अनुष्ठान मां पार्वती की पूजा के साथ करना चाहिए.
मनचाहे जीवनसाथी की मनोकामना की पूर्ति के लिए हरियाली तीज के दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें और कम से कम घर में 11 दीपक जलाएं. यह दीपक शिव मंदिर में जलाने से मनोकामनाओं की पूर्ति जल्द होती है.
हरियाली तीज उत्सव को भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. इस कड़ी तपस्या और 108वें जन्म के बाद माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया. कहा जाता है कि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही भगवान शंकर ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया. ऐसी मान्यता है कि, भगवान शिव और माता पार्वती ने इस दिन को सुहागन स्त्रियों के लिए सौभाग्य का दिन होने का वरदान दिया.
माता पार्वती की आराधना इन मंत्रों से करनी चाहिए-
ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धात्र्यै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:
भगवान शिव के मंत्र-
ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:
हरियाली तीज भारत के एक अहम त्योहारों में से एक है. यह हर साल श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इसे श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता हैं. ये व्रत महादेव और मां पार्वती के मिलाप पर आधारित है. सुहागिनों के लिए ये अत्यंत पावन और फलदायी व्रत है. इस दिन सुहागिनें अपने पति के लिए मां पार्वती और भगवान शिव से लम्बी उम्र का आशीर्वाद मांगती हैं.
हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं हाथों पर मेहंदी लगाती हैं. इसे सोलह श्रृंगारों में से एक प्रमुख श्रृंगार माना जाता है. रचने के बाद मेहंदी लाल रंग देती हैं और लाल रंग देवी मां के वस्त्रों और श्रृंगार का प्रतीक है. माना जाता है कि हरियाली तीज के दिन मेहंदी जितनी ज्यादा गहरी रचती है पति-पत्नी के बीच संबंध उतने ही मधुर होते हैं. इस दिन मेहंदी लगाने से माँ पार्वती से सुहाग और प्रेम का आशीर्वाद मिलता है.
हरियाली तीज का व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और सुहाग की दीर्घायु की कामना के लिए रखती हैं. पति की लंबी आयु के लिए हरियाली तीज की पूजा में इस मंत्र का जाप जरूर करें.
हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया।
तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।
हरियाली तीज आज शनिवार, 19 अगस्त 2023 को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में मनेगी. शनिवार 19 को सुबह से लेकर देर रात 01:47 मिनट तक उत्तरा फाल्गुन नक्षत्र रहेगा. इस शुभ नक्षत्र में किए पूजा-व्रत से महिलाओं को शुभ फल की प्राप्ति होगी.
बिछिया पैरों में हो माथे पर बिंदिया,
हर जन्म में मिले आपको शिव जी सा पिया
हरियाली तीज की शुभकामनाएं
पौराणिक कथा के अनुसार, मां पार्वती की वर्षों साधना और तपस्या के बाद उन्हें शिवजी पति के रूप में प्राप्त हुए. कहा जाता है कि, शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए मां पार्वती का जन्म 107 बार हुआ. लेकिन 108 वें जन्म में उन्होंने शिव को पाया और इसके लिए मां पार्वती ने कठोर तपस्या की. मान्यता है कि, सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर शिवजी ने मां पार्वती को दर्शन दिए और पत्नी के रूप में स्वीकार किया.
- हरियाली तीज पर महिलाओं को ससुराल से मायके बुलाया जाता है. तीज से एक दिन पहले सिंजारा मनाने की परम्परा है. इस दिन ससुराल पक्ष से नवविवाहिता के लिए वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार का सामान, मेहंदी, फल और मिठाई आदि भेजी जाती है.
- हरियाली तीज पर मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है. महिलाएं और युवतियां अपने हाथों पर मेहंदी रचाती हैं, साथ ही हरियाली तीज पर पैरों में आलता भी लगाया जाता है. यह सुहागिन महिलाओं की सुहाग की निशानी मानी गई है.
- इस दिन महिलाओं को मायके से आने वाले वस्त्र ही धारण करने चाहिए, साथ ही मायके से आई हुई शृंगार की वस्तुओं का ही प्रयोग करना चाहिए.
- हरियाली तीज के दिन सुहागिन स्त्रियां अपनी सास के पैर छूकर उन्हें सुहागी देती हैं. अगर सास नहीं हो तो सुहागा जेठानी या किसी अन्य वृद्धा को दिया जा सकता है. इस अवसर पर महिलाएं श्रृंगार और नए वस्त्र पहनकर श्रद्धा एवं भक्तिभाव से मां पार्वती की पूजा करती हैं.
- हरियाली तीज के दिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं खेत या बाग में झूले झूलती हैं और सावन या तीज के गीत गाकर पर नृत्य करती हैं. नवविवाहित स्त्रियों के लिए ये त्योहार बहुत खास होता है.
- हरियाली तीज पर महिलाओं को ससुराल से मायके बुलाया जाता है. तीज से एक दिन पहले सिंजारा मनाने की परम्परा है. इस दिन ससुराल पक्ष से नवविवाहिता के लिए वस्त्र, आभूषण, श्रृंगार का सामान, मेहंदी, फल और मिठाई आदि भेजी जाती है.
- हरियाली तीज पर मेहंदी लगाना शुभ माना जाता है. महिलाएं और युवतियां अपने हाथों पर मेहंदी रचाती हैं, साथ ही हरियाली तीज पर पैरों में आलता भी लगाया जाता है. यह सुहागिन महिलाओं की सुहाग की निशानी मानी गई है.
- इस दिन महिलाओं को मायके से आने वाले वस्त्र ही धारण करने चाहिए, साथ ही मायके से आई हुई शृंगार की वस्तुओं का ही प्रयोग करना चाहिए.
- हरियाली तीज के दिन सुहागिन स्त्रियां अपनी सास के पैर छूकर उन्हें सुहागी देती हैं. अगर सास नहीं हो तो सुहागा जेठानी या किसी अन्य वृद्धा को दिया जा सकता है. इस अवसर पर महिलाएं श्रृंगार और नए वस्त्र पहनकर श्रद्धा एवं भक्तिभाव से मां पार्वती की पूजा करती हैं.
- हरियाली तीज के दिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं खेत या बाग में झूले झूलती हैं और सावन या तीज के गीत गाकर पर नृत्य करती हैं. नवविवाहित स्त्रियों के लिए ये त्योहार बहुत खास होता है.
- हरियाली तीज पर विवाहित महिला पति की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने के लिए व्रत रखती हैं
- हरे रंग की साड़ी, हरी चूडियां, लहरिया और 16 श्रृंगार कर शिव-गौरी की पूजा-अर्चना करती हैं.
- हरियाली तीज पर सहेलियों संग झूला झूलने की परंपरा है. साथ ही महिलाएं सावन और तीज के गीत गाकर ये त्योहार मनाती हैं.
- इस दिन मेहंदी लगाने का विधान है, इससे सौभाग्य में वृद्धि होती है.
आज हरियाली तीज पर सुबह 09 बजकर 31 मिनट से सुबह 11बजकर 07 मिनट तक राहुकाल रहेगा. इस दौरान हरियाली तीज की पूजा न करें.
हरियाली तीज पर स्त्रियां सुबह उठकर स्नान करें और हरें रंग के कपड़े, चूड़ी आदि पहनकर श्रृंगार करें. इसके बाद पूजा घर में दीप जलाकर व्रत का संकल्प लें. पूजा के लिए पूजा स्थल को साफ कर लें और गंगाजल छिड़कें. इस दिन बालू के भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा बनाकर पूजा करने का महत्व है. शुद्ध मिट्टी या बालू से शिवलिंग, गणेश, पार्वती की प्रतिमा बनाएं. सबसे पहले गणपति का पूजन करें, उन्हें दूर्वा और समस्त पूजन सामग्री चढ़ाएं.
शिव जी और माता पार्वती का आवहान करें. भोलेनाथ का गंगाजल, पंचामृत से शिवलिंग का अभिषेक करें. इस मंत्र का जाप करें ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः. अब हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्। इस मंत्र का जाप करते हुए माता पार्वती को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं. शिव पार्वती को बेलपत्र, धतूरा, शमी के पत्ते जनेऊ, जटा, नारियल, सुपारी, कलश चावल, चंदन, भोग चढ़ाएं. हरियाली तीज व्रत की कथा सुनें और अंत में आरती करें. पूजा के बाद सुहागिनें सास, नंद या फिर घर की सुहागिन बुजुर्ग महिला को बायना देकर आशीर्वाद लें. अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें. पूजा के बाद मिट्टी से बने शिवलिंग और पूजा में चढ़ाएं सामग्री को जल में प्रवाहित कर दें.
आज हरियाली तीज पर सिद्ध योग, बुधादित्य योग और त्रिग्रही योग बना है. इस योग किए पूजा-व्रत का जातक को विशेष लाभ मिलता है.
हरियाली तीज की पूजा में शंकर-पार्वती को घेवर, मालपुए, चावल की खीर, सूजी का हलवा या पंचमेवा का भोग लगाएं. ये मिष्ठान शिव के प्रिय माने गए हैं. मान्यता है हरियाली तीज के दिन इन चीजों का प्रसाद चढ़ाने पर सुख, समृद्धि, धन प्राप्ति और अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है.
हरियाली तीज के दिन व्रत रखने वाली स्त्रियां सफेद या काले रंग के वस्त्र और चूड़ियां न पहनें. इस दिन दोपहर में सोना वर्जित है. पूरा दिन शिव-पार्वती की भक्ति में लीन रहना चाहिए. इस दिन सात्विक भोजन बनाएं, पति से लड़ाई-झगड़ा न करें. व्रती को इस दिन क्रोध नहीं करना चाहिए, इससे व्रत फलित नहीं होता.
हरियाली तीज पर अगर आपने निर्जल व्रत का संकल्प लिया है तो उसे पूरा करें. बीच में पानी न पीएं नहीं तो व्रत टूट सकता है. जो लोग निर्जल व्रत रखने में सक्षम न हो वो इस तरह का संकल्प भी न लें. इस दिन पूजा में व्रत कथा जरुर सुनना चाहिए. बिना कथा के व्रत का फल नहीं मिलता.
हरियाली तीज व्रत बहुत कठिन माना जाता है, ऐसे में गर्भवती स्त्रियां डॉक्टर की सलाह के बिना ये व्रत न करें. प्रेग्नेंट महिला का भूलकर भी इस दिन निर्जला व्रत नहीं ऱ्रखना चाहिए. इससे बच्चे और आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. व्रत के बीच पानी पिएं, रसीले फल खाएं. चाय-कॉफी का सेवन न करें. गर्भवती स्त्रियां इस दिन झूला झूलने की गलती न करें, ये खतरनाक हो सकता है.
1- गण गौरी शंकरार्धांगि यथा त्वं शंकर प्रिया, मां कुरु कल्याणी कांत कांता सुदुर्लभाम्।।
2- ॐ नमः मनोभिलाषितं वरं देहि वरं ह्रीं ॐ गोरा पार्वती देव्यै नमः
3- ऊं नम: शिवाय
4- ऊं पार्वत्यै नम:
5- ‘ऊँ साम्ब शिवाय नमः’
6- ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।
7- ‘ऊँ उमामहेश्वराभ्यां नमः
हरियाली तीज के दिन मेहंदी लगाने का विशेष महत्व है. इस दिन हरे रंग की चूड़ियां, साड़ी पहनना शुभ रहता है. हरियाली तीज में मायके से आया सिंधारा बहुत खास माना जाता है, मान्यता है सिंधारे में आए वस्त्र, गहनें पहनकर शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए. इससे अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है.
मेष राशि - मेष राशि की स्त्रियों को हरियाली तीज पर धन के स्त्रोत बढ़ेंगे. नौकरी में प्रमोशन के योग हैं.
मकर राशि - वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होगा. मनचाहे जीवनसाथी के साथ शादी की बाधाएं दूर होंगी.
वृषभ राशि - स्वास्थ में सुधार होगा, पति के सहयोग से करियर में तरक्की मिलेगी.
वृश्चिक राशि - आर्थिक लाभ के अवसर मिलेंगे. विवाह के लिए सुयोग्य जीवनसाथी की तलाश पूरी होगी.
हरियाली तीज की पूजा में गंगाजल, पूजा की चौकी, तांबे और पीतल का कलश, दूध, दही, घी, शहर,अबीर, चंदन, मौली, इत्र, शक्कर, पान, सुपारी, जनेऊ, पांच पल्लव, दक्षिणा, व्रत की पुस्तक, कपूर, आक का फूल, कपूर, दूर्वा, धतूरे का फल, हल्दी, भांग, धतूरा, मिठाई, भस्म, जटावाल नारियल, बेलपत्र, , गुलाल, अक्षत, धूप, दीपक, शमी का पत्ता, सुहाग की सामग्री
सिद्ध योग - 18 अगस्त 2023, रात 08.28 - 19 अगस्त 2023, रात 09.19
साध्य योग - 19 अगस्त 2023, रात 09:19 - 20 अगस्त 2023, रात 09:59
बुधादित्य - इस दिन सूर्य और बुध सिंह राशि में होने से बुधादित्य योग बनेगा.
त्रिग्रही योग - कन्या राशि में चंद्रमा, मंगल और शुक्र की युति से त्रिग्रही योग बनेगा.
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04:50 - सुबह 05:35
सुबह का मुहूर्त - सुबह 07:30 मिनट से 09:08
दोपहर का मुहूर्त - दोपहर 12:25 - शाम 05:28
राहुकाल - सुबह 09:31 - सुबह 11:07 (राहुकाल में पूजा न करें)
बैकग्राउंड
Hariyali Teej 2023 Highlight: हरियाली तीज का व्रत 19 अगस्त 2023 को रखा जाएगा. हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है. इस दिन सुहागिनें निर्जला व्रत करती हैं, 16 श्रृंगार कर भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा करती हैं.
धर्म ग्रंथों के अनुसार इस व्रत का प्रभाव से सुहागिनों को सदा सौभाग्यवती रहने का वरदान और कुंवारी लड़कियों को सुयोग्य वर की प्राप्ति होती है. पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए ये व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. आइए जानते हैं हरियाली तीज की संपूर्ण जानकारी.
हरियाली तीज 2023 तिथि
पचांग के अनुसार सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 18 अगस्त रात 8:01 मिनट से शुरू होगी और 19 अगस्त 2023 को रात 10:19 मिनट पर समाप्त होगी. इसे हरियाली तीज या श्रावणी तीज भी कहते हैं. हरियाली तीज का त्योहार खासकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली में धूमधाम से मनाया जाता है.
हरियाली तीज का महत्व
पौराणिक कथा के अनुसार हरियाली तीज के दिन ही देवों के देव महादेव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. देवी पार्वती ने शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए 107 जन्मों तक कठोर तप किया था. शंकर जी माता पार्वती के कठिन तप से बेहद प्रसन्न हुए और उन्होंने 108 वें जन्म के में पार्वती जी से विवाह रचाया. यही वजह है कि हरियाली तीज का दिन सुहागिनों और कुंवारी लड़कियों के लिए बहुत खास होता है. इस व्रत के परिणाम स्वरूप स्त्रियों को मनोवांछित फल मिलता है.
हरियाली तीज पर महिलाएं करती हैं ये काम
हरियाली तीज पर महिलाएं मेहंदी लगाती हैं, सोहल श्रृंगार कर सावन के लोकगीत गाए जाते हैं. एक दूसरे को मिठाई बांटी जाती है. नवविवाहिता शादी के बाद पहली हरियाली तीज मायके में मनाती हैं. हरियाली तीज की पूजा के बाद सुहागिनें सास को बायना देकर आशीर्वाद लेती हैं, मान्यता है इससे देवी पार्वती बहुत प्रसन्न होती हैं और सुहाग पर कभी संकट नहीं आता.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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