Hariyali Teej 2024 Highlights: हरियाली तीज पर सूर्यास्त के बाद क्या करते हैं, जानें चंद्रोदय का समय
Hariyali Teej 2024 Highlights: हरियाली तीज का पर्व आज है. इस दिन अखंड सौभाग्य, सुयोग्य वर की प्राप्ति और पति की लंबी आयु के लिए स्त्रियां व्रत करती हैं. जानते हैं इससे जुड़ी विशेष बातें.
हरियाली तीज (Hariyali teej 2024) पर चंद्रोदय का विशेष महत्व है, हरियाली तीज का चांद सुबह ही उदित हो जाता है लेकिन चंद्रमा (Chandrama) की पूजा सूर्यास्त के बाद की जाती है. जानते हैं समय-
चंद्रोदय का समय: सुबह 08.06
चंद्रास्त का समय : रात 08.55
तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है. हरे रंग के वस्त्र पहनें. इस दिन कोशिश करें हरे रंग के कपड़ पहने, साथ ही मेंहदी जरुर लगाएं.
मान्यता है ऐसा करने से भोलेनाथ और माता-पार्वती प्रसन्न होते हैं. सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है.
हरियाली तीज पर पारद शिवलिंग का बहुत महत्व होता है, इस दिन इस शिवलिंग को घर लाने से पैसे से जुड़ी समस्याओं का अंत होता है.
हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) व्रत विधि पूर्वक करने से वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है और अच्छा जीवनसाथी पाने की कामना भी पूरी होती है. हरियाली तीज का व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और चंद्रोदय के बाद समाप्त होता है.
चंद्रमा (Moon) की पूजा के बिना ये व्रत अधूरा माना जाता है. ऐसे में हरियाली तीज (Teej 2024) पर महिलाओं को चांद का इंतजार रहता है.
- रांची - सुबह 07.36 - रात 08.19
- जयपुर - सुबह 08.13 - रात 09.00
- भोपाल - सुबह 08.09 - रात 08.52
- इंदौर - सुबह 08.16 - रात 08.58
- दिल्ली - सुबह 08.06 - रात 08.55
- पटना - सुबह 07.36 - रात 08.21
- चंडीगढ़ - सुबह 08.06 - रात 08.58
- लखनऊ - सुबह 07.52 - सुबह 08.39
हरियाली तीज के दिन कुछ लोग अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोलते हैं. व्रत खोलते समय सबसे पहले पूजा में चढ़ाया प्रसाद ग्रहण करें फिर पानी पिएं. इसके बाद सात्विक भोजन से व्रत का पारण करें.
हरियाली तीज का व्रत आज रखा जा रहा है. व्रत का पारण 07 अगस्त 2024 को चंद्रमा की पूजा के बाद किया जाएगा.
हरियाली तीज का चांद आज सुबह 08.06 पर उदित हो चुका है, रात को 08.55 पर चंद्रास्त होगा.
इस दिन शाम के समय चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है.
- तुला राशि वाली सुहागिनें माता पार्वती को हरे रंग की साड़ी अर्पित करें.
- वृश्चिक राशि की महिलाएं तीज के दिन शिव जी को आंक का फूल अर्पित करें.
- धनु राशि की स्त्रियों को तीज पर केला दान करना चाहिए.
- मकर राशि की स्त्रियां तीज पर शिव जी और मां पार्वती के समक्ष एक-एक घी का दीपक जलाएं.
- कुंभ राशि वाली महिलाएं व्रत के दिन चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, महावर, बिछिया, आदि का दान करें.
- मीन राशि की महिलाएं भगवान शिव और पार्वती को पीले रंग के वस्त्र और श्रृंगार की सामग्री चढ़ाएं.
- मेष राशि की स्त्रियां शिव जी को सफेद फूल अर्पित करें.
- वृषभ राशि की महिलाएं हरियाली तीज पर माता पार्वती को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें.
- मिथुन राशि की स्त्रियां हरियाली तीज पर गौरा माता को हल्दी और शिव जी को सफेद चंदन का तिलक करें.
- कर्क राशि की महिलाएं व्रत के दिन माता पार्वती को इत्र और सफ़ेद फूल चढ़ाएं.
- सिंह राशि की स्त्रियां हरसिंगार के फूलों से माता पार्वती और शिव जी का श्रृंगार करें,
- कन्या राशि की महिलाएं शीघ्र विवाह के लिए तीज पर रुद्राभिषेक करें.
- इस दिन घर की साफ-सफाई रखें.
- घर से नकारात्मक ऊर्जा फैलना वाले सामान को बाहर कर दें.
- वास्तु दोष के कारण रिश्तों में दरार आती है.
- घर से सुखे पेड़ पौधे तुरंत हटा दें.
- आपके बेड के सामने खिड़की है तो उसी बंद कर दें, या बेड की जगह बदल दें.
- हरियाली तीज के दिन राहुकाल में पूजा ना करें.
- इस दिन काले नीले रंग की साड़ी या वस्त्र या चूड़ी ना पहने.
- इस दिन क्रोध से दूरी बनाकर रखें,
- इस दिन पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
- मन में किसी के लिए द्वेष की भावना ना रखें.
हरियाली तीज की पूजा में मां पार्वती को श्रृंगार का सामान जरूर चढ़ाएं. आप पूजा में हरे रंग की साड़ी, चुनरी ,सिंदूर,कंघी, बिछिया, बिंदी, चूड़ी, आलता, खोल, कुमकुम, मेहंदी, दर्पण और इत्र आदि जरूर अर्पित करें.
हरियाली तीज सावन मास और सुहागिनों का महत्वपूर्ण पर्व है. यह, प्रकृति, सौंदर्य और प्रेम का पर्व है, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. यह पर्व प्रकृति से जुड़ने का पर्व है, क्योंकि हरियाली तीज के साथ ही चहुंओर हरियाली छा जाती है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से अखंड सौभाग्यवती का वरदान मिलता है. वहीं कुंवारी कन्या यदि इस व्रत को करे तो मनचाहे वर की प्राप्ती होती है.
इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर साफ-सफाई करके घर को तोरण और मंडप से सजाएं. एक चौकी पर मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, श्री गणेश, माँ पार्वती और उनकी सखियों की प्रतिमा का निर्माण करें. सभी देवी-देवताओं की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर सुहाग की सामग्रियों को एक थाली में सजाएं और माता पार्वती को अर्पित करें. मां पार्वती के साथ भगवान शिव को वस्त्र अर्पण करें. इसके बाद देवताओं का ध्यान करते हुए षोडशोपचार पूजन करें. पूजा में हरियाली तीज की कथा सुननी या पढ़नी चाहिए. इसके बाद शिव-पार्वती की आरती करें.
शिवजी माता पार्वती से कहते हैं- हे पार्वती! इस शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही तुमने मेरी आराधना करके जो व्रत किया था. उसी के परिणाम स्वरूप हमारा विवाह संभव हो सका. इस व्रत का महत्व यह है कि इस व्रत को पूर्ण निष्ठा से करने वाली प्रत्येक स्त्री को मैं मन वांछित फल देता हूं. भोलेनाथ ने पार्वती जी से कहा,जो स्त्री इस व्रत को पूरी श्रद्धा और निष्ठा से करेगी उसे तुम्हारी तरह अचल सुहाग की प्राप्ति होगी. मान्यता है कि इस कथा को जो भी स्त्री पढ़ती या सुनती है वह अखंड सौभाग्यवती होती है.
- पति के साथ लड़ाई-झगड़ा या विवाद न करें.
- किसी की बुराई न करें और ईष्या न रखें.
- इस दिन निराहार रहें. अगर गर्भवती हों या बीमार हों तो व्रत न रखें.
- घर में तामसिक भोजन न पकाएं.
- काला, सफेद, नीला और ग्रे जैसे रंग के कपड़े आज के दिन न पहनें.
- हरियाली तीज पर महिलाएं दूध का सेवन न करें.
ज्योतिष शास्त्र में खीरा का संबंध चंद्रमा से बताया गया है. हरियाली तीज की पूजा में शिवशक्ति के साथ चंद्रमा पूजन का भी महत्व है. इसलिए पूजा के दौरान खीरा रखना अनिवार्य माना जाता है. हरियाली तीज की पूजा में खीरा को चंद्रमा का प्रतीक मानकर पूजा जाता है, जिससे कि चंद्रमा के शुभ फल से मन के विकार दूर हों, शुभता प्राप्त हो और व्रत में किसी तरह का दोष न रहे.
हरियाली तीज पर आज तीन शुभ योग का निर्माण हो रहा है. आज शिव योग, रवि योग और परिघ योग रहेगा, जिससे सुहागिनों को पूजा का शुभ फल प्राप्त होगा.
रवि योग: सुबह 8:30 से अगले दिन सुबह 5:47 तक
परिघ योग: सुबह 11:42 तक
शिव योग: 11:42 से लेकर अगले दिन यानी 8 अगस्त तक रहेगा
आज सुहागिन महिलाएं हरियाली तीज का व्रत रखकर पूजा करेंगी. यदि आप सुबह के समय पूजा कर रही हैं तो सुबह 5:46 से 9:06 तक का समय रहेगा. दोपहर की पूजा के लिए 10:46 मिनट से 12:27 तक का मुहूर्त रहेगा. वहीं संध्याकाल में पूजा के लिए शाम 5:27 से रात 7:10 तक का समय शुभ है.
हरा रंग सुख, शांति, हरियाली, तरक्की और अच्छी सेहत का प्रतीक माना जाता है. इसलिए हरियाली तीज पर हरे रंग के कपड़े पहनने की परंपरा है, जोकि लंबे समय से चली आ रही है.
हरियाली तीज का पर्व सावन मास में पड़ता है. सावन शुरू होते ही चारों ओर हरियाली छा जाती है. ऐसे में प्रकृति से प्रेरणा लेते हुए हरियाली तीज पर महिलाएं हरे रंग की साड़ियां या चूड़ियां पहनती हैं. साथ ही माना जाता है कि, हरे रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करने से शिव-पार्वती भी प्रसन्न होते हैं.
Hariyali Teej 2024: पंडित सुरेश श्रीमाली ने बताया है कि उदयातिथि की गणना सूर्योदय से की जाती है, सावन की शुक्ल तृतीया तिथि में सूर्योदय 7 अगस्त को 05 बजकर 46 मिनट पर हो रहा है, इसलिए हरियाली तीज का व्रत 7 अगस्त को रखा जाएगा.
हरियाली तीज पर परिघ योग, शिव योग और रवि योग (Ravi Yog) का संयोग बन रहा है. इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुखी जीवन के लिए हरियाली तीज का व्रत रखती हैं, तो कुंवारी कन्याएं इस व्रत को रखती हैं तो उनके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और मनचाहा वर मिलता है. यदि आपका हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) का व्रत पहला है और आप पहली बार व्रत रखने जा रही हैं, तो आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर, ध्यान करें. उसके बाद भगवान शिव और मां पार्वती के समक्ष हरियाली तीज के व्रत का संकल्प ले.
हरियाली तीज पर सुहागिनों को सिंदूर, चूड़ी, बिंदी जैसी 16 श्रृंगार की वस्तु दान करना चाहिए. इसके अलावा जरूरतमंद को वस्त्र, अन्न, धन, भेंट करें. अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है. दांपत्य जीवन में खुशियां आती है.
हरियाली तीज पर भगवान शंकर और माता पार्वती को विशेषकर घेवर, मालपुआ, खीर, पंचमेवा और हलवे का भोग लगाया जाता है. मान्यता है इससे अधूरी इच्छाएं जल्द पूरी होती है.
हरियाली तीज तुला, मकर, और मीन की स्त्रियों को विशेष लाभ मिलेगा. तुला राशि की महिलाएं अपने अधूरे काम को पूरा कर पाएंगी. मीन राशि की महिलाओं के दांपत्य जीवन में मधुरता आएगी. रिश्ते मजबूत होंगे. लव लाइफ में प्रेम बढ़ेगा. मकर राशि वालों की आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी. धन संकट नहीं रहेगा. विवाह के प्रस्ताव आ सकते हैं.
हरियाली तीज का व्रत निर्जला और फलाहार दोनों तरीके से रखा जा सकता है. इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान के बाद हरे रंग के वस्त्र पहनें. 16 श्रृंगार करें और फिर शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर शंकर-माता पार्वती की प्रतिमा को स्थापित करें. विधि विधान से पूजन करें. कथा सुनें. देवी पार्वती को सुहाग की सामग्री अर्पित करें. आरती करें और फिर सुहागिनें सुहाग की सामग्री का दान करें.
हरियाली तीज पर शिव और रवि योग का संयोग बन रहा है. ये व्रत शिव जी को समर्पित है ऐसे में इस दिन शिव योग में महादेव की पूजा करने वालों को दोगुना फल प्राप्त होगा.
शिव योग - 7 अगस्त 2024, सुबह 11.42 - 8 अगस्त 2024, दोपहर 12.39
रवि योग - 7 अगस्त 2024, रात 08.30 - 8 अगस्त 2024, सुबह 05.47
हरियाली तीज की पूजा में गंगाजल, पूजा की चौकी, तांबे और पीतल का कलश, दूध, दही, घी, शहर, शक्कर, पान, सुपारी, जनेऊ, कपूर, आक का फूल, कपूर, दूर्वा, जटावाल नारियल, बेलपत्र, अबीर, चंदन, मौली, इत्र, गुलाल, अक्षत, धूप, दीपक, शमी का पत्ता, धतूरे का फल, हल्दी, भांग, धतूरा, भस्म, पांच प्रकार के फल, मिठाई, पांच पल्लव, दक्षिणा, व्रत की पुस्तक आदि शामिल होते हैं.
- सुहाग की सामग्री - हरयाली तीज में माता पार्वती को चढ़ाने के लिए 16 श्रृंगार का सामान इसमें कुमकुम, मेहंदी, बिंदी, सिंदूर, बिछिया, काजल, चूड़ी, कंघी, माहौर, साड़ी भी पूजा थाल में रखें.
- सुबह का मुहूर्त - सुबह 05.46 - सुबह 09.06
- दोपहर का मुहूर्त - सुबह 10.46 - दोपहर 12.27
- शाम का मुहूर्त - शाम 05.27 - रात 07.10
बैकग्राउंड
Hariyali Teej 2024 Highlights:: हरियाली तीज (Teej 2024) 7 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी. सुहागिनों और कुंवारी लड़कियों के लिए ये व्रत बहुत खास माना जाता है. इस दिन भगवान शंकर और माता पार्वती के पूजन से सुहागिन स्त्रियों को सौभाग्यपूर्ण जीवन और उनके पतियों को लंबी आयु की प्राप्ति होती है.
वहीं कुंवारी कन्याएं मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए व्रत करती है. इस दिन स्त्रियां निर्जला व्रत करती हैं, झूला झूलती है और सोलह श्रृंगार कर शंकर-पार्वती की उपासना करती है. जानें हरियाली तीज से जुड़ी समस्त महत्वपूर्ण जानकारी.
हरियाली तीज 2024 तिथि (Hariyali Teej 2024 Tithi)
सावन माह (Sawan 2024) के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि 6 अगस्त 2024 को रात 07 बजकर 52 मिनट पर शुरू होगी. इसका समापन 7 अगस्त 2024 को रात 10 बजकर 05 मिनट पर होगा. इसे श्रावणी तीज भी कहते हैं. हरियाली तीज राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखण्ड में मनाई जाती है
हरियाली तीज क्यों मनाई जाती है ? (Hariyali Teej Significance)
हरियाली तीज (Teej 2024) को भगवान शिव (Shiv ji) और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक माना गया है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां पार्वती ने भगवान शंकर को अपने पति के रूप में प्राप्त करने के लिए 108 जन्मों तक कठोर तप किया था.
इस कठोर तप के बाद भगवान शिव ने माता पार्वती (Maa parvati) को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था. उस समय से ही श्रावण माह की तृतीया के दिन भगवान शिव और माता पार्वती सुहागिन स्त्रियों को अपना आशीष प्रदान करते हैं. इस दिन हरे रंग का विशेष महत्व है.
हरियाली तीज कैसे मनाते हैं ?
इस दिन महिलाएं दुल्हन की तरह तैयार होकर सुख, सौभाग्य, सफलता पति की लंबी आयु और परिवार की खुशहाली के लिए माता पार्वती की पूजा करती हैं. हरी साड़ी में सजधज कर अपने मायके जाती हैं व तीज (Teej) के गीत गाते हुए हर्षोल्लास के साथ झूलने का आनन्द लेती हैं व यह त्यौहार मनाती है.
हरियाली तीज (Hariyali Teej 2024) का व्रत सुबह से शुरू होता है. कई लोग इस व्रत का पारण रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद करते हैं तो कुछ लोग अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत खोलते हैं.
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