Hariyali Teej: सुहागिनों के लिए क्यों जरूरी है 16 श्रृंगार? जानिए क्या है सबसे पहला श्रृंगार
Hariyali Teej: महिलाएं खासतौर पर सुहागिन पर्व, विवाह, मंगल कार्य, शुभ मांगलिक मौके पर 16 श्रृंगार करती है. हरियाली तीज पर भी श्रृंगार किया जाता है. आइए जानते हैं आखिर क्या है ये सोलह श्रृंगार.
Hariyali Teej: हरियाली तीज सुहागिनों के लिए एक व्रत या पूजन से कहीं अधिक महत्व रखता है. इस दिन सजना, संवरना और पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करना सबसे प्राथमिक माना गया है, लेकिन जब श्रृंगार की बात आती है तो सोलह श्रृंगार बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. पौराणिक काल में कई तरह के 16 श्रृंगार होते थे, जिसमें अधरों और नख का रंगना, तांबूल आदि कई श्रृंगार सामग्री शामिल थी. आजकल नेलपेंट, लिपस्टिक का भी प्रचलन आ गया है. आइए जानते हैं कि इस दिन सोलह श्रृंगार किस तरह और किस क्रम में किया जाता है.
1. स्नान: 16 श्रृंगारों में सबसे पहला श्रृंगार या चरण स्नान है. स्नान के समय शिकाकाई, भृंगराज, आंवला, उबटन आदि सामग्रियां उपयोग की जाती हैं. इसके बाद कपड़े पहने जाते हैं. दुल्हन है तो लाल लहंगा पहनना चाहिए, हरा और पीला रंग भी उपयोग हो सकता है.
2. बिंदी: कुमकुम बिंदी सुहागिनों को माथे पर लगाना पवित्र माना गया है, यह गुरु बल बढ़ाती है.
3. सिंदूर: सिंदूर मांग में लगाया जाता है. माना जाता है कि इसे मांग में भरने से पति दीर्घायु होता है.
4. काजल: आंखों की सुंदरता बढ़ाने के लिए काजल लगाना चाहिए, यह मंगलदोष भी दूर करता है.
5. मेहंदी: मेहंदी हाथों की सुंदरता बढ़ती है. मेहंदी शुभ होती और इससे पति का प्यार बढ़ता है.
6. चूड़ियां: चूड़ियां अमर सुहाग का प्रतीक है. इसमें भी लाल रंग खुशी, हरा रंग समृद्धि का प्रतीक है.
7. मंगल सूत्र: मंगल सूत्र के काले मोती बुरी नजर से बचाते हैं. नौलखा हार, स्वर्णमाला भी पहनते हैं.
8. नथ: इसे नथनी भी कहा जाता है. नाक में चांदी तार या लौंग जरूरी है, इससे बुध दोष दूर होता है.
9. गजरा: इसे वेणी या चूड़ा मणि कहते हैं. यह बालों में सुंदरता और सुगंध के लिए लगाया जाता है.
10. मांग टीका: यह माथे के बीच पहना जाता है. विवाह के बाद शालीनता, सादगी का प्रतीक है.
11. झुमके: इसे कुंडल, बाली भी कही जाती हैं. स्वर्ण बाली या झुमके से राहु, केतु दोष दूर होता है.
12. बाजूबंद: यह सोने या चांदी का सुंदर कड़े की आकृति होता है. इससे धन, समृद्धि की रक्षा होती है.
13. कमरबंद: यह कमर में पहनने वाली तगड़ी भी है. यह प्रतीक है कि सुहागिन घर की मालकिन है.
14. बिछिया: यह सूर्य, शनि दोष दूर करती है. प्रतीक है कि सुहागिन समस्याओं से साहस से लड़ेगी.
15. पायल: इसे पाजेब भी कहते हैं. पायल और बिछिया दोनों ही चांदी की ही पहनी जाती है.
16. अंगूठी: विवाह से पहले यह मंगनी के दौरान पति अपनी पत्नी को पहनाता है. इससे प्रेम बढ़ता है.
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