Harshayni Ekadashi 2022 date, Vrat Katha: हिंदू धर्म में चातुर्मास के 4 महीने कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है. इस समय बरसात का भी मौसम होता है. ऐसे में बारिश और झंझावात को देखते हुए कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य करना भी सुविधाजनक नहीं होता है. हिंदू धर्म की ऐसी मान्यता भी है कि चातुर्मास शुरू होने के साथ 4 महीने के लिए भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. भगवान की अनुपस्थिति में कोई भी मांगलिक कार्य किया जाना शुभ नहीं होता है. इसीलिए इन 4 महीनों में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. भगवान विष्णु का 4 महीनों के लिए योग निद्रा में जाना ही हरिशयनी एकादशी (Harshayni Ekadashi) या देवशयनी एकादशी (Devshayni Ekadashi) के नाम से जाना जाता है.
हरिशयनी एकादशी तिथि और मुहूर्त (Harshayni Ekadashi Date Muhurt)
- आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी मनाई जाती है.
- हरिशयनी एकादशी तिथि का प्रारंभ 9 जुलाई दिन शनिवार को सायंकाल 4:39 से प्रारंभ होगा.
- एकादशी (Ekadashi) तिथि का समापन 10 जुलाई को दोपहर 2:13 पर होगा.
- हरिशयनी एकादशी 10 जुलाई को मनाई जाएगी.
हरिशयनी एकादशी की पौराणिक कथा (Harshayni Ekadashi Pauranik Katha)
ब्रह्मवैवर्त पुराण में यह कथा प्रचलित है कि एक बार योग निद्रा ने भगवान विष्णु की कठिन तपस्या की. जिससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें दर्शन दिए और वरदान मांगने को कहा. योग निद्रा ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की- "भगवान आप मुझे अपने अंगों में स्थान दीजिए" इस पर भगवान विष्णु ने विचार किया कि उनके संपूर्ण शरीर पर माता लक्ष्मी का अधिकार है. तब उन्होंने योग निद्रा को अपनी आंखों में स्थान दिया. यह आश्वासन दिया कि साल के 4 महीने आप मेरी आंखों में विराजमान रहेंगी. तभी से भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं. इसी को देवशयनी एकादशी (Devshayni Ekadashi) भी कहा जाता है.
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